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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा/विशाल कुमार
10 जुलाई 2019 को इंग्लैंड में वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के दौरान भारत की बैटिंग के पहले आधे घंटे में ही रिजल्ट तय हो गया था. मैट हेनरी और ट्रेंट बोल्ट की रफ्तार और स्विंग के सामने रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल बेबस नजर आए. मैच भारत के हाथ से निकल गया.
कुछ ऐसे ही हालातों का सामना भारतीय टीम को 24 जनवरी से करीब अगले 2 महीने तक करना होगा और एक बार फिर सामने चुनौती है न्यूजीलैंड की, वो भी उनके घरेलू मैदानों और परिस्थितियों में.
जानते हैं न्यूजीलैंड दौरे की अहमियत, वहां भारत का रिकॉर्ड और किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
इस साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाएगा. उससे पहले भारतीय टीम की ये सबसे अहम टी20 सीरीज है. इसलिए पहली बार टीम इंडिया 5 मैचों की टी20 सीरीज खेल रही है. न्यूजीलैंड टी20 की सबसे बेहतरीन टीमों में से है.
ऐसे में वर्ल्ड कप के लिए खिलाड़ियों को परखने और टीम तैयार करने का सबसे बड़ा मौका यही सीरीज है. वर्ल्ड कप के दौरान भी परिस्थितियां आसान नहीं होने वाली, इसलिए ये सीरीज कड़ा इम्तिहान साबित होगी.
इसी तरह टेस्ट सीरीज भी बहुत अहम है. ये सीरीज ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा है. भारत अभी टेस्ट चैंपियनशिप में टॉप पर है और उसे बरकरार रखने के लिए इस सीरीज में जीत बहुत जरूरी है
सीरीज में सिर्फ 2 मैच हैं और हर मैच की कीमत 60-60 प्वाइंट्स का है. अगर टीम इंडिया यहां हारी, तो वो प्वाइंट्स टेबल में पिछड़ सकती है, क्योंकि दूसरे नंबर पर मौजूद ऑस्ट्रेलिया बेहद करीब है.
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत का ओवरऑल रिकॉर्ड काफी अच्छा है, लेकिन बात जब न्यूजीलैंड में खेले गए मैचों की होती है, तो टीम इंडिया की हालत अच्छी नहीं दिखती.
भारत के लिए न्यूजीलैंड दौरा कभी भी आसान नहीं रहा. हालांकि 1968 में जब भारतीय टीम पहली बार न्यूजीलैंड दौरे पर गई थी, तो टीम ने टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज कर ली थी.विदेशी जमीन पर भारत की ये पहली सीरीज जीत थी.
कुल मिलाकर न्यूजीलैंड में भारत ने 23 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से 5 जीते हैं और 8 हारे हैं.
इसी तरह वनडे में भी भारतीय टीम को न्यूजीलैंड में संघर्ष ही करना पड़ा है. दोनों टीमों के बीच न्यूजीलैंड में 39 वनडे इंटरनेशनल खेले गए हैं और यहां भी टीम इंडिया जीत के मामले में पीछे ही है. भारत ने न्यूजीलैंड में सिर्फ 14 वनडे जीते हैं, जबकि 22 मैच में हार झेलनी पड़ी है.
न्यूजीलैंड ही इकलौती ऐसी टीम है जिसके खिलाफ भारत का ओवरऑल टी20 रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है और 11 मैचों में से सिर्फ बार ही भारत जीत पाया है.
आखिरी बार भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड का बड़ा दौरा 2014 में किया. करीब यही जनवरी का वक्त था. तब टेस्ट और वनडे सीरीज में भारत की धुलाई हुई थी. हालांकि पिछले साल भारत ने न्यूजीलैंड को वनडे सीरीज में 4-1 से हराया था, लेकिन टी20 सीरीज में हार का सामना करना पड़ा.
भारत के लिए सबसे बड़ी परेशानी है न्यूजीलैंड की परिस्थितियां और उनका बॉलिंग अटैक. न्यूजीलैंड अपनी तेज और उछाल भरी पिचों के लिए जाना जाता है और यही टीम इंडिया को हमेशा से टेंशन देता रहा है.
ट्रेंट बोल्ट, मैट हेनरी, नील वैगनर, लॉकी फर्ग्यूसन और टिम साउदी जैसे तेज और सटीक लाइन पर गेंदबाजी करने वाले बॉलर्स के सामने टिकना बड़ी मुश्किल हो सकता है.
मौजूदा भारतीय टीम में सिर्फ कप्तान कोहली ही ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने न्यूजीलैंड में हर फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया है. ऐसे में रोहित शर्मा, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर मयंक अग्रवाल जैसे बल्लेबाजों के लिए पिच पर वक्त आसान नहीं होने वाला
भारत ने पिछले करीब साढे 4 महीने तक टीम इंडिया सिर्फ घर में ही क्रिकेट खेला. इस दौरान टीम ने टेस्ट में तो आसानी से झंडे गाड़े, लेकिन टी20 और वनडे में टीम को अच्छा चैलेंज मिला है. वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया सीरीज में हम ये देख भी चुके हैं.
ऐसे में न्यूजीलैंड की बिल्कुल अलग परिस्थितियों में अगले कुछ हफ्ते भारतीय टीम के लिए आसान नहीं होने वाले
टीम इंडिया की टेंशन खिलाड़ियों की फिटनेस भी है. शिखर धवन चोट के कारण लगभग बाहर ही हो गए हैं. ईशांत शर्मा भी चोटिल हो गए हैं. हार्दिक पांड्या जैसे ऑलराउंडर के टीम में शामिल होने पर अभी भी कुछ साफ नहीं है.
भारत ने पिछले साल वनडे सीरीज जीती थी, जो टीम को इन्सपायर करने के लिए अहम है. इसके अलावा भले ही भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी हो, लेकिन टीम के पास इस वक्त सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी अटैक है और बुमराह, शमी, उमेश, सैनी जैसे तेज गेंदबाज न्यूजीलैंड के हालातों को अपने पक्ष में अच्छे से इस्तेमाल कर सकते हैं.
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