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सुप्रीम कोर्ट से BCCI प्रेसिडेंट सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सेक्रेटरी जय शाह (Jay Shah) के लिए इस हफ्ते बहुत बड़ी राहत भरी खबर आई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गांगुली और शाह की कुर्सियों पर मंडरा रहा खतरा टल गया है लेकिन बावजूद इसके गांगुली की कुर्सी जा सकती है... आखिर BCCI में क्या चल रहा है इसकी चर्चा आज खेलपंती (Khelpanti) में...
BCCI या किसी स्टेट क्रिकेट बॉडी में किसी भी ऑफिस बियरर को 6 साल तक लगातार काम करने के बाद 3 साल के लिए कूलिंग-ऑफ पीरियड पर जाना होता था, यानी कि कोई भी लगातार 6 से ज्यादा सालों तक BCCI में किसी पद पर नहीं रह सकता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद ये 6 साल वाला नियम अब 12 साल हो गया है. इसका मतलब है कि अब गांगुली और शाह आधिकारिक तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं. वैसे देखा जाए तो
BCCI जल्द ही अपनी वार्षिक आम सभा यानी Annual General Meeting बुलाने जा रहा है. इसके बाद राज्य संघों को नए सिरे से चुनाव के लिए नोटिस जारी किया जाएगा. अगले महीने होने वाले संभावित चुनाव में सौरव गांगुली नहीं बल्कि जय शाह को बीसीसीआई के अध्यक्ष चुना जा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 15 राज्य संघ से उनकी बात हुई और सभी शाह के समर्थन में हैं. यदि ये सभी राज्य संघ जय शाह के लिए वोट करते हैं तो उनकी राह में कोई रोड़ा नहीं आने वाला. कई सदस्यों का मानना है कि जय शाह की वजह से ही कोरोना महामारी के दौरान IPL का सफल आयोजन हो सका.
सवाल उठता है कि अगर शाह बीसीसीआई अध्यक्ष बन जाएंते तो गांगुली क्या करेंगे. कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि गांगुली की नजर अब क्रिकेट की सबसे बड़ी गद्दी यानी ICC का चेयरमैन बनने पर है. वर्तमान ICC चेयरमेन ग्रेग बार्कले का कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो रहा है और नवंबर में इसके चुनाव कराए जाने की संभावना हैं, जिसमें गांगुली भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. 16 सदस्यों वाले बोर्ड में चुनाव जीतने के लिए 51% यानि सिर्फ नौ वोटों की जरूरत होगी.
खैर अब भारत और दुनिया भर की क्रिकेट का कंट्रोल किसके हाथ में होगा ये आने वाले एक-दो महीनों में स्पष्ट हो जाएगा, आप खेल और खिलाड़ियों से जुड़े किस्से और विश्लेषण के लिए देखते रहिए खेलपंती, हर रविवार शाम 7 बजे क्विंट हिंदी पर.
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