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वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के ऐलान के साथ ही तमाम अटकलों और चर्चाओं पर रोक लग गई. सबसे ज्यादा चर्चा का मुद्दा रहा चौथे नंबर पर किसे मौका मिलेगा. बीते एक साल में चौथे नंबर पर अंबाति रायडु, विजय शंकर, केएल राहुल समेत अलग-अलग बल्लेबाजों को मौका दिया गया.
एक वक्त तक टीम में जगह पक्की करते दिख रहे अंबाति रायडु को आखिरकार इंग्लैंड के लिए जगह नहीं मिली. रायडु की जगह हाल के दिनों में अपने प्रदर्शन के दम पर विजय शंकर जगह बनाने में सफल रहे.
वहीं बैकअप विकेट कीपर भी चर्चा का बड़ा मसला था, जिसको लेकर दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत के बीच मुकाबला था. दोनों ने ही अलग-अलग मौकों पर अपने प्रदर्शन से दावेदारी पेश की. हालांकि, युवा जोश के ऊपर अनुभव को तरजीह देते हुए चयनकर्ताओं ने कार्तिक को टीम में शामिल किया है.
इसके अलावा एक तेज गेंदबाज के बजाए स्पिन ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा को भी टीम में जगह मिली है. जानते हैं क्या रही शंकर, कार्तिक और जडेजा के चयन की वजह-
इंडियन प्रीमियर लीग में हैदराबाद के लिए खेल रहे विजय शंकर फिलहाल उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. इसके बावजूद टीम में उन्हें जगह क्यों मिली? इसके लिए विराट कोहली के उस बयान को याद करना चाहिए जब उन्होंने कहा था कि वर्ल्ड कप के लिए टीम के चयन का आधार IPL का प्रदर्शन नहीं होगा.
लेकिन शंकर के पक्ष में जो बात गई, वो उनकी गेंदबाजी है. बतौर गेंदबाज भले ही वो खुद को अभी साबित नहीं कर पाए हैं, लेकिन इंग्लैंड की परिस्थितियों के अनुसार उनकी मीडियम पेस का फायदा टीम उठा सकती है. मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भी इस बात पर जोर दिया और शंकर को तरजीह देने का मुख्य कारण बताया. इससे टीम को जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त बल्लेबाज या स्पिनर को खिलाने में मदद मिलेगी.
दिनेश कार्तिक का करियर शुरू से ही उनके प्रदर्शन की तरह अनियमित रहा है. कार्तिक अक्सर अपने अच्छे प्रदर्शन लगातार दोहराने में असफल रहे हैं, जिसके कारण उन्हें अपनी जगह से हाथ धोना पड़ा और IPL और अंडर-19 में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले ऋषभ पंत को उन पर तरजीह मिली, जिसके बाद वो टीम के टेस्ट विकेटकीपर भी बन गए.
लेकिन हाल की सीरीज में कार्तिक ने बतौर फिनिशर अपनी जिम्मेदारी निभाकर दावा मजबूत किया. इसका सबसे बड़ा नजारा निदहास ट्रॉफी में दिखा था, जब बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर 6 जड़कर कार्तिक ने टीम को जीत दिलाई थी और सिर्फ 8 गेंदों में तेज तर्रार 29 रन बनाए थे.
इसके अलावा बतौर कीपर, कार्तिक का अनुभव भी उनके पक्ष में गया है. एमएसके प्रसाद ने भी इस पर जोर दिया और कहा-
भारतीय टीम में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के कदम पड़ने के बाद से ही टीम के 2 बड़े स्पिनर्स आर. अश्विन और रविंद्र जडेजा को छोटे फॉर्मेट में कम ही मौके मिले. इसके चलते ही हाल के महीनों में जडेजा बैकअप स्पिनर के तौर पर टीम में शामिल किए जाते रहे हैं और जरूरत के मुताबिक बीच बीच में अंतिम 11 में शामिल भी किए गए.
दरअसल, टीम में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और विजय शंकर की मौजूदगी से तेज गेंदबाजों की कमी को पूरा करने का इरादा चयनकर्ताओं ने जताया है. अगर जडेजा को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलती है, तो अपनी बेहतरीन फील्डिंग से भी वो टीम को एक एडवांटेज देते हैं.
इसके अलावा जडेजा का अनुभव और इंग्लैंड में उनका प्रदर्शन भी एक वजह है. इंग्लैंड में 2013 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में मैन ऑफ द सीरीज रहे जडेजा ने इंग्लैंड में अपनी गेंदबाजी और निचले क्रम में अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया था.
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