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युवराज सिंह ने सोमवार 10 जून को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस में अपने रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए युवराज ने कई बातें शेयर की. इसमें से सबसे चौंकाने वाला रहा यो-यो टेस्ट को लेकर उनका खुलासा.
यो-यो टेस्ट पिछले 3-4 साल से टीम इंडिया के खिलाड़ियों के चयन का प्रमुख पैमाना रहा है. इस फिटनेस टेस्ट में पास होने पर ही टीम में सलेक्शन के लिए कंसिडर किया जाता है.
युवराज ने अपने रिटायरमेंट के ऐलान के बाद प्रेस कांफ्रेंस में फेयरवेल मैच के सवाल पर कहा कि उन्होंने कभी भी BCCI से फेयरवेल मैच की मांग नहीं की.
इसके बाद युवी ने यो-यो टेस्ट पर एक खुलासा किया. युवराज ने बताया कि 2017 में जब वो टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे तो उन्हें एक बार फेयरवेल मैच की पेशकश की गई थी, लेकिन उसका जो तरीका था, उसके कारण युवराज ने इस पेशकश को ठुकरा दिया.
युवराज से इसके बारे में दोबारा पूछे जाने पर कहा कि वो फिलहाल इस पर कोई विवाद नहीं चाहते और अपना वक्त आने इसके बारे में सबसे बात करेंगें.
2017 में आखिरी बार टीम इंडिया के लिए खेलने वाले युवराज ने बताया कि उन्हें अपने करियर में सिर्फ एक बात का अफसोस रहेगा कि वो टेस्ट मैच ज्यादा नहीं खेल पाए.
युवराज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में पहला टेस्ट खेला था. 7 साल के टेस्ट करियर में 2012 में आखिरी बार इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में खेला था, जिसमें दोनों पारी में मिलाकर 43 रन बनाए थे. युवी ने 40 टेस्ट की 62 पारियों में लगभग 34 की औसत से 1900 रन बनाए.
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