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फेयरवेल मैच पर बोले युवराज- नहीं की ऐसी मांग, BCCI ने दिया था ऑफर

युवराज ने आखिरी बार 2017 में टीम इंडिया के लिए मैदान पर कदम रखा था.

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मुंबई में अपने संन्यास के ऐलान के बाद युवराज सिंह
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मुंबई में अपने संन्यास के ऐलान के बाद युवराज सिंह
(फोटोः AP)

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युवराज सिंह ने सोमवार 10 जून को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस में अपने रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए युवराज ने कई बातें शेयर की. इसमें से सबसे चौंकाने वाला रहा यो-यो टेस्ट को लेकर उनका खुलासा.

यो-यो टेस्ट पिछले 3-4 साल से टीम इंडिया के खिलाड़ियों के चयन का प्रमुख पैमाना रहा है. इस फिटनेस टेस्ट में पास होने पर ही टीम में सलेक्शन के लिए कंसिडर किया जाता है.

फेयरवेल मैच और यो-यो टेस्ट

युवराज ने अपने रिटायरमेंट के ऐलान के बाद प्रेस कांफ्रेंस में फेयरवेल मैच के सवाल पर कहा कि उन्होंने कभी भी BCCI से फेयरवेल मैच की मांग नहीं की.

“मैंने किसी को नहीं बोला कि मुझे लास्ट मैच खेलना है.अगर मुझमें क्षमता थी तो मैं मैदान से ही चला जाता.”
युवराज सिंह

इसके बाद युवी ने यो-यो टेस्ट पर एक खुलासा किया. युवराज ने बताया कि 2017 में जब वो टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे तो उन्हें एक बार फेयरवेल मैच की पेशकश की गई थी, लेकिन उसका जो तरीका था, उसके कारण युवराज ने इस पेशकश को ठुकरा दिया.

“मुझसे कहा गया था कि अगर मुझसे यो-यो टेस्ट पास नहीं होता तो मैं रिटायरमेंट मैच खेल सकता हूं. मैंने कहा कि मैं यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाया तो घर चला जाउंगा, लेकिन ऐसा मैच नहीं खेलना चाहता. मैंने यो-यो टेस्ट पास किया, लेकिन फिर वो उनकी कॉल थी.”
युवराज सिंह

युवराज से इसके बारे में दोबारा पूछे जाने पर कहा कि वो फिलहाल इस पर कोई विवाद नहीं चाहते और अपना वक्त आने इसके बारे में सबसे बात करेंगें.

“इसको लेकर आगे कभी चर्चा करूंगा. अभी टीम वर्ल्ड कप खेल रही है औरमैं नहीं चाहता कि इस पर कोई विवाद हो. खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप में फोकस करनेदेना चाहिए. मेरा टाइम आएगा, तब इस पर बात करूंगा.”
युवराज सिंह
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करियर में इकलौता अफसोस

2017 में आखिरी बार टीम इंडिया के लिए खेलने वाले युवराज ने बताया कि उन्हें अपने करियर में सिर्फ एक बात का अफसोस रहेगा कि वो टेस्ट मैच ज्यादा नहीं खेल पाए.

“मैंने 7 साल में सिर्फ 40 टेस्ट खेले. सौरव गांगुली के रिटायरमेंट के कुछ साल बाद जब टेस्ट में मैंने अपनी सही से जगह बनाई, तो 2012 में कैंसर का पता चला और मैं आगे नहीं खेल सका. बस इस बात का अफसोस रहेगा कि टेस्ट क्रिकेट ज्यादा नहीं खेल पाया.”     
युवराज सिंह

युवराज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में पहला टेस्ट खेला था. 7 साल के टेस्ट करियर में 2012 में आखिरी बार इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में खेला था, जिसमें दोनों पारी में मिलाकर 43 रन बनाए थे. युवी ने 40 टेस्ट की 62 पारियों में लगभग 34 की औसत से 1900 रन बनाए.

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