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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (CWG 2022) में हॉकी का सेमीफाइनल भारत (India) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) की महिला टीमों के बीच था. मैच शानदार रहा और तय समय में दोनों टीमें 1-1 गोल करके बराबरी पर रहीं, जिसके बाद पैनल्टी शूटआउट से होना था. इसी पैनल्टी शूटआउट में कुछ ऐसा हुआ कि बड़ा विवाद हो गया और शायद इसका खामियाजा भारतीय महिला हॉकी टीम को चुकाना पड़ा.
दरअसल ऑस्ट्रेलिया और भारत की महिला ह़ॉकी टीमों के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला था जो इसे जीतता वो फाइनल में जाता और अपने देश के लिए मेडल पक्का कर लेता. भारतीय टीम ने पूरे मैच में शानदार खेल दिखाया और मैच तय समय में बारबरी पर छूटा. अब हॉकी में जब मैच बराबरी पर छूटता है तो पैनल्टी शूटआउट से उसका फैसला होता है.
इसीलिए भारत और ऑस्ट्रेलिया में से कौन कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला हॉकी का फाइनल खेलेगा ये पैनल्टी शूटआउट से तय होना था. भारत को इस शूटआउट से काफी उम्मीदें थीं क्योंकि भारत की गोलकीपर सविता पूनिया ऐसे मोमेंट पर गोल बचाने के लिए ही जानी जाती हैं. बहरहाल ऑस्ट्रेलिया की स्ट्राइकर मेलोन पहली स्ट्राइक के लिए आगे आईं और उनके सामने सीना ताने खड़ी थीं सविता पूनिया. जैसे ही रैफरी की सीटी बजी, मेलोन ने स्ट्राइक किया और सविता ने उसे रोक दिया. भारतीय खेमा खुशी मनाने लगा.
एक दूसरे को बधाई देने के बाद भारतीय स्ट्राइकर गोल करने के लिए तैयार होती हैं. लेकिन इसी बीच रेफरी बीच में आती हैं और कहती हैं कि...clock has not started yet…मतलब विसल भले ही रेफरी ने उस वक्त बजाई हो लेकिन घड़ी का समय शुरू नहीं हो पाया था. और भरतीय टीम को बताया जाता है कि सबकुछ फिर से शुरू होगा. जिसका मतलब था कि भारतीय टीम ने जो गोल बचाया था वो नहीं माना जाएगा. यहीं से पूरा मैच बिगड़ गया. भारतीय टीम में कुछ वक्त के लिए गफलत का माहौल रहा. मायूसी छा गई, और टीम इंडिया ये मैच 3-0 के अंतर से हार गई.
पूर्व भारतीय स्टार क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने इस खराबी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया कि जब तक हम क्रिकेट में सुपरपावर नहीं थे तब वहां भी ऐसा ही होता था. लेकिन अब नहीं होता. वैसे ही जब हम हॉकी में परपावर बन जाएंगे तो सारी घड़ियां समय पर स्टार्ट होंगी.
इस पर भारतीय टीम की कोच जेनेके शॉपमैन ने भी अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि, यह बहुत ही मुश्किल है, मुझे लगता है कि 1-0 से बढ़त के साथ और गति के साथ आगे बढ़ते हुए भी मेरे पास 5 खिलाड़ी थे जो वापसी करा सकते थे लेकिन इस घटना उनका ध्यान भी प्रभावित हुआ. इस पर कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता है. यह हमारे लिए बिल्कुल भी मददगार नहीं था.'
अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने अपनी इस गलती के लिए भारती महिला हॉकी टीम से माफी मांगी है. एफआईएच ने बयान में कहा कि, बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया और भारत की महिला टीमों के बीच खेले गए सेमीफाइनल मैच के दौरान शूटआउट गलती से बहुत जल्दी शुरू हो गया था (तब घड़ी संचालित होने के लिए तैयार नहीं थी) जिसके लिए हम माफी मांगते हैं.
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