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चार बार की ओलंपिक गोल्ड मेडल विनर अमेरिकी जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स (Simone Biles) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) के फाइनल में मेडिकल कंडीशन के कारण नहीं भाग लेने का निर्णय लिया है. सिमोन बाइल्स ने इसके लिए "ट्वीस्टीज" नामक मेंटल हेल्थ कंडीशन को कारण बताया. कुछ लोग सिमोन की आलोचना कर रहे हैं कि उन्होंने देश से पहले अपनी सेहत का ख्याल रखा. वैसे भारतीयों के लिए यह किस्सा नया नहीं है. खेल के पहले व्यक्तिगत जीवन को तरजीह देने पर भारत के 'ट्विटर वीरों' का एक ही आदेश होता है- "आपको अपनी नेशनल ड्यूटी पहले करनी चाहिए".
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने नवंबर 2020 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ रहने का निर्णय लिया और अंतिम तीन टेस्ट से छुट्टी ली.यहां भी कुछ फैन ने विराट का खेल के पहले परिवार को महत्त्व देने की तारीफ की वहीं कईयों ने उनकी 'देशभक्ति' और 'प्रोफेशनलिज्म' पर ही सवाल उठा दिया.
एक के अनुसार विराट "नेशनल ड्यूटी" पर थे और इसलिये व्यक्तिगत कारण से छुट्टी नहीं ले सकते.
एक ने कहा "मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं लेकिन जब एक आदमी नेशनल ड्यूटी पर होता है तो और कुछ महत्वपूर्ण नहीं होना चाहिए क्योंकि देश पहले आता है. अगर आर्म्ड फोर्स के लोग भी यही करें तो सोचिए क्या होगा"
आईसीसी वर्ल्ड कप 2015 में तब के भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने पहले बच्चे के जन्म के समय टीम के साथ बने रहने और 'नेशनल ड्यूटी' को तरजीह देने का विकल्प चुना था. लेकिन यह उनका व्यक्तिगत निर्णय था उसे हर एथलीट के देशभक्ति सिद्ध करने का मानदंड क्यों बनाया जाए?
विराट के देशभक्ति पर सवाल उठाते समय 'ट्विटरजीवी' धोनी की मिसाल देना नहीं भूलते.
क्या भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने फैंस के साथ यह कॉन्ट्रैक्ट किया है कि अगर टीम पिच पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उन्हें शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंचाने की छूट होगी?क्योंकि भारत में ऐसे उदाहरणों की बाढ़ है जब खराब प्रदर्शन के बाद खिलाड़ियों के घर पर पत्थर बरसाए गए और उनके पुतले जलाए गए.
23 मार्च 2021 को रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में लिखित जवाब दिया कि 2014 से अब तक 787 जवानों ने खुदकुशी कर ली है.इसमें आर्मी से 591, नेवी से 36 और एयरफोर्स से 160 सुसाइड मामले थे.
रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रेगुलर और पैरामिलिट्री बलों के जवानों में आत्महत्या करने वालों की संख्या एक्शन में मरने वालों से ज्यादा है .रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी 1 जनवरी 2014 से 31 मार्च 2017 के बीच सुसाइड के आंकड़े के अनुसार हर 3 दिन में एक आर्म्ड फोर्स का जवान आत्महत्या कर लेता है.
लेकिन आम जनता के बीच सेना के जवानों की देशभक्ति और 'नायकत्व' की बात ही प्रमुख रूप से मौजूद है. उनके मेंटल हेल्थ पर चर्चा नाम मात्र की है.
27 जुलाई को पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए सिमोन बाइल्स ने अपने स्थिति के बारे में बताया कि उन्हें "ट्वीस्टीज़" का सामना करना पड़ रहा है. यह एक मेंटल हेल्थ कंडीशन है जो विशेष रूप से जिम्नास्ट को प्रभावित करती है.
शायद सिमोन बाइल्स के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य को मेडल और देशभक्ति के समीकरण से ज्यादा महत्व देना उदाहरण बनेगा. खासकर भारत के खेल 'प्रेमियों' के लिए. शायद वह समझने की कोशिश करें कि एथलीट भी आम इंसान ही है- खेल,मेडल तथा देशभक्ति में फर्क है और इन तीनो में से किसी को चुनने की बारी आई तो एथलीट चौथे विकल्प 'मेंटल हेल्थ' को चुन सकता है.
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