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पिछले कुछ हफ्तों से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) मार्केट में ईथर (Ether) का प्रदर्शन बिटकॉइन (Bitcoin) से बेहतर दिख रहा है. महीने भर की गिरावट से बाहर निकलते हुए 11 मार्च से ईथर में लगभग 24%, जबकि बिटकॉइन में करीब 16% की ग्रोथ देखने को मिली है. इस उछाल की वजह एक अपग्रेड को माना जा रहा है, जो एथेरियम ब्लॉकचेन (Ethereum blockchain) के काम करने के तरीके को बदल देगा और यह एथेरियम को "अधिक स्केलेबल, ज्यादा सुरक्षित और अधिक टिकाऊ" बना देगा.
इस अपग्रेड पर काफी समय से काम चल रहा था. लेकिन 15 मार्च को एथेरियम ने सफलतापूर्वक इसका एक महत्वपूर्ण परीक्षण किया. जिसकी वजह से जल्द ही इसके सामने की आने संभावना बढ़ गई है. इंवेस्टर्स को उम्मीद है कि इस अपग्रेड के आने से एथेरियम को अपनाने वालों की नई लहर देखने को मिल सकती है. यानी इससे जल्द ही नए लोग जुड़ सकते हैं. ऐसे में हम यहां आपको इस अपग्रेड से जुड़ी उन बातों को बता रहे जिन्हें जानना अपके लिए जरूरी है. इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि आखिर यह क्रिप्टो के भविष्य को कैसे बदल सकता है.
एथेरियम एक प्रोग्रामेबल ब्लॉकचेन है. यह एक प्रणाली है जो दुनियाभर के कई कंप्यूटरों का उपयोग करके लेन-देन यानी टांजेक्शन्स के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिकॉर्ड को मेंटेन रखती है.
आप किसी को भी क्रिप्टोकरेंसी भेजने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसके कंप्यूटेशन यानी गणना और स्टोरेज की आपको फीस चुकानी पड़ती है जिसे गैस (Gas) कहते हैं. आप इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स को बनाने और उन तक पहुंचने के लिए भी कर सकते हैं.
एनएफटी स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को भी सपाेर्ट करते हैं, जोकि ब्लॉकचेन पर चलने वाले प्रोग्राम हैं. ये कॉन्ट्रैक्ट्स नियमों को दर्शाते व परिभाषित करते हैं और उन नियमों को ऑटोमेटिक लागू कर सकते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि यूजर्स किसी ठोस लेनदेन को एग्जीक्यूट करने के लिए इन कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ बातचीत कर सकते हैं.
एथेरियम ब्लॉकचेन पर डीसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन्स (Dapps) जिसमें गेम और एक्सचेंज शामिल हैं, को बनाने के लिए भी स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स का उपयोग किया जाता है.
चूंकि ब्लॉकचेन डीसेंट्रलाइज्ड यानी कि विकेंद्रीकृत हैं, इसलिए कोई भी शेयर्ड लेजर यानी साझा बही खाता को अपडेट करने के लिए जिम्मेदार नहीं है. बजाय खाता को अपडेट करने वे लेन-देन का रिकॉर्ड रखने, उन्हें क्रॉस-रेफरेंस करने और आम सहमति तक पहुंचने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क के भरोसे रहते हैं.
इसका मतलब यह है कि डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर पर लेन-देन को रिकॉर्ड किए जाने के लिए अधिकांश डीसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क को सहमत होने की जरुरत है. ऐसा करने से सिस्टम टैम्पर रजिस्टेंस बनेगा यानी कि सिस्टम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी, वह ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा.
सबकी सहमति प्राप्त करने के लिए कई तरीके हैं.
कंप्यूटर जो पहेली को सबसे तेजी से हल करता है वह प्रोसेस्ड ट्रांजेक्शन्स का एक ब्लॉक बनाता है जोकि क्रिप्टोग्राफिक रूप से पहले के ब्लॉक से लिंक होता है. ऐसे में उसमें किसी भी प्रकार से बदलाव करना बहुत मुश्किल होता है.
हालांकि प्रूफ ऑफ वर्क सिस्टम को इन पहेलियों को सुलझाने के लिए काफी मात्रा में ऊर्जा खर्च करने की जरूरत होती है, जिससे गंभीर पर्यावरणीय चिंताएं पैदा होने लगती हैं. इस स्थिति में जैसे-जैसे अधिक से अधिक यूजर्स सिस्टम से जुड़ते जाएंगे वैसे-वैसे आवश्यक कम्प्यूटेशनल पावर और एनर्जी की जरूरत बढ़ती रहेगी.
PoS में अन्य कमियां भी हैं जैसे कि इसमें ट्रांजेक्शन फीस काफी ज्यादा है और सभी कार्यों में शामिल होने के कारण बहुत इसकी प्रोसेसिंग स्पीड धीमी है.
प्रूफ ऑफ स्टेक आम सहमति वाला सिस्टम है, जिसमें यूजर्स को नेटवर्क में 'सत्यापनकर्ता' यानी वैलीडेटर बनने के लिए अपनी क्रिप्टोकरेंसी को दांव पर लगाने की जरूरत होगी. इसके बाद ब्लॉक्स बनाने के लिए रैंडम तरीके से वैलीडेटर्स को चुना जाएगा और उन ब्लॉक्स की जांच की जाएगी जो वो नहीं बनाते हैं.
स्टेक यानी कि दांव पर लगाई करेंसी को छेड़छाड़ या दुर्भावनापूर्ण व्यवहार से बचाने के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के तौर पर रखा जाता है. यदि आप किसी ऐसे ब्लॉक को वैलीडेट या मान्य करते हैं जिसे आपको नहीं करना चाहिए, तो आप उस क्रिप्टो को खोने का जोखिम उठाएंगे जिसे आपने दांव पर लगाया है.
एथेरियम पहले से ही एक अलग ब्लॉकचेन पर PoS सिस्टम का परीक्षण कर रहा है, जिसका नाम द बीकन चेन है. इस साल कभी भी एथेरियम ब्लॉकचेन के साथ द बीकन चेन के विलय की योजना है.
PoS पर स्विच करने के बाद, पैररल प्रोसेसिंग की अनुमति देने व इसे और ज्यादा स्केलेबल बनाने के लिए एथेरियम को 64 'शार्ड' (टुकड़े) या सब-चेन में बांटने की भी योजना बनाई जा रही है.
यहां यूजर्स को वैलीडेटर बनने के लिए 32 ईथर (ETH) दांव पर लगाने होंगे. वहीं ब्लॉकचेन पर भेजने लिए ट्रांजेक्शन के प्रत्येक शार्ड-ब्लॉक को प्रमाणित करने के लिए रैंडम तरीके से चुने गए कम से कम 128 वैलिडेटर्स की जरूरत होगी.
एथेरियम का आकार बहुत बड़ा है. 378 बिलियन डॉलर से अधिक के मार्केट कैप के साथ यह बिटकॉइन के बाद दूसरे स्थान पर है, जिसका मार्केट कैप 847 बिलियन डॉलर का है. यह एनएफटी और डीसेंट्रलाइज्ड फाईनेंस (DeFi) के क्षेत्र में अब तक का प्रमुख ब्लॉकचेन भी है.
क्रिप्टो समर्थकों ने इसे पुरानी बैंकिंग प्रणाली के विकल्प के तौर पर पिच किया है. क्योंकि यह काफी ज्यादा पारदर्शी, सुरक्षित, आसानी से एक्सेसेबल और गुमनामी सुनिश्चित करता है.
हालांकि दोनों ही ब्लॉकचेन दिग्गज- बिटकॉइन और एथेरियम- प्रूफ ऑफ वर्क का इस्तेमाल करते हैं जोकि जो भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिरता और स्केलेबिलटी के बारे में सवाल खड़े करता है.
यहां कुछ चौंकाने वाले आंकड़े दिए जा रहे हैं :
इस समय ऐसा अनुमान है कि एथेरियम प्रति वर्ष लगभग 112 टेरावाट-घंटे बिजली का उपयोग करता है. जोकि नीदरलैंड की बिजली खपत के बराबर है, लेकिन फिलीपींस या पाकिस्तान के उपयोग से अधिक है.
एथेरियम में यदि सिंगल ट्रांजेक्शन पर होने वाली ऊर्जा खपत की तुलना करें तो यह 9 दिनों के लिए एक औसत अमेरिकी घर के बिजली के उपयोग के बराबर है.
1 लाख 50 हजार से अधिक वीजा कार्ड ट्रांजेक्शन्स में जितनी ऊर्जा खपत होती है उतनी तो एथेरियम के सिंगल ट्रांजेक्शन में खर्च हो जाती है.
एथेरियम का सालाना कार्बन फुटप्रिंट स्विट्जरलैंड के बराबर है और दैनिक आधार पर इसकी बात करें तो यह 3 लाख 27 हजार 642 वीजा ट्रांजेक्शन या यूट्यूब पर 24 हजार 638 घंटे वीडियो देखने के कार्बन फुटप्रिंट के बराबर है.
बिटकॉइन का हाल इससे भी खराब है. यह प्रति वर्ष लगभग 137 टेरावाट-घंटे बिजली की खपत करता है.
पिछले साल जब चीन ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया था, तब उसने कहा था कि वह पर्यावरण पर क्रिप्टो माइनिंग के प्रभाव के साथ-साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इसके उपयोग के बारे में विशेष रूप से चिंतित है.
हालांकि एथेरियम का प्रूफ ऑफ स्टेक सिस्टम में बदलाव उसके ब्लॉकचेन पर क्रिप्टो माइनिंग को खत्म कर देगा वहीं ऊर्जा की खपत को 99.95 प्रतिशत तक कम करने की उम्मीद जताई जा रही है.
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी व एनएफटी और DeFi के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम अपनी ऊर्जा खपत में 99% की कटौती निस्संदेह क्रिप्टो की पर्यावरणीय लागत और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बदलाव ला सकता है.
लाभ पहुंचाने वाली ETH की माइनिंग के अंत का मतलब यह होगा कि वर्तमान में ETH माइनिंग करने वाले किसी भी व्यक्ति को या तो एक अलग PoW कॉइन में ट्रांजेक्शन करना होगा या अपने ग्राफिक्स कार्ड बेचना होगा और पैसे का उपयोग स्टेक के लिए करना होगा.
इससे GPU की कीमतों में बहुत जरूरी कमी हो सकती है, जो पिछले साल से वैश्विक चिप की कमी के कारण बढ़ रही है.
एक और संभवना फलक पर है. डेटा डैशबोर्ड वॉच द बर्न के मुताबिक एथेरियम ने अगस्त 2021 से ETH में 5.8 बिलियन डॉलर के बराबर बर्न (नष्ट) किया है, जिसके परिणामस्वरूप मूल्य में वृद्धि हुई है.
अपग्रेड के बाद जारी किए गए ETH की मात्रा में भारी गिरावट का अनुमान है जो इसे एक डिफ्लेस्नरी एसेट (deflationary asset) बना सकता है, जोकि समय बीतने के साथ सप्लाई को प्रतिबंधित करता है, जिसके परिणाम स्वरूप बिटकॉइन की तरह मूल्य में वृद्धि हुई है.
यह बिटकॉइन के सिर से ताज छीनकर एथेरियम के लिए सबसे मूल्यवान मुद्रा बनने की राह बना सकता है, इस घटना को "फ्लिपिंग" कहा जा सकता है.
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