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चीन का शॉर्ट वीडियो ऐप टिक-टॉक अब गूगल और एपल के ऐप स्टोर से हटाया जा सकता है. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने गूगल और एपल से इस ऐप को हटाने के लिए कहा है.
ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया, जिसमें कोर्ट ने ऐप को लेकर मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था. अश्लील कंटेंट के कारण मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इस ऐप को बैन करने के लिए कहा था.
मंत्रालय का ये आदेश इस प्लेटफॉर्म के लिए बड़ा झटका है. इंडिया में टिक टॉक ऐप यूजर्स दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. 2019 के पहले तिमाही में इसके यूजर्स 8 करोड़ बढ़े.
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐप हटाने का फैसला इसिलए लिया गया है ताकि इसके नए यूजर्स न बनें. जिन यूजर्स के पास ये ऐप है, वो कंटेंट बनाने के लिए इसका इस्तेमाल कर पाएंगे.
खबर के मुताबिक, ये गूगल और एपल पर निर्भर करता है कि वो इस ऐप को डिलीट करेंगे या आदेश को अपील करेंगे.
टिक टॉक पिछले काफी दिनों से विवादों में बना हुआ है. इस प्लेटफॉर्म पर सिर्फ अश्लील कंटेंट ही नहीं, बल्कि नफरत से लेकर सांप्रदायिक चीजों को भी बढ़ावा देने के आरोप हैं.
हाल ही में हुए न्यूज ऐप इनशॉर्ट्स के सर्वे के मुताबिक, 10 में से 8 युवा चाहते हैं कि Tik Tok को बैन कर दिया जाए. सर्वे में 18 से 35 साल के युवाओं को शामिल किया गया था.
टीयर 1 और टीयर 2 शहरों के 30,000 लोगों पर ये सर्वे किया गया. इनमें से 80 फीसदी युवाओं ने कहा कि Tik Tok को बैन कर देना चाहिए, वहीं 20 प्रतिशत ऐसे भी थे, जो इस ऐप के सपोर्ट में थे.
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