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Tik Tok पर लग चुका है बैन, लेकिन अब भी डाउनलोड कर सकते हैं फैन

TikTok ऐप को गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर से हटा लिया गया है

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टिक टॉक ऐप को गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर से हटा लिया गया है
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टिक टॉक ऐप को गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर से हटा लिया गया है
(फोटो: टिक टॉक)

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चीन की कंपनी Bytedance के शॉर्ट वीडियो ऐप टिक टॉक को भारत में गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से हटा लिया गया है. भारत सरकार के गूगल और एपल के ऐप स्टोर से टिक टॉक को हटाने के अनुरोध के बाद कंपनियों ने ये फैसला लिया है.

इस ऐप को स्टोर से हटा लिया गया है, लेकिन जिन यूजर्स के फोन में ये ऐप है, वो अभी भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐप हटाए जाने के बाद भी इसे डाउनलोड किया जा सकता है.

जहां एपल अपनी ऐप पॉलिसी को लेकर सख्त है, वहीं गूगल के साथ ऐसा नहीं है. एपल अपने यूजर्स को साइड-लोड या थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म से ऐप फाइल्स (APK) डाउनलोड करने नहीं देता, लेकिन ओपन सोर्स इकोसिस्टम होने के कारण गूगल के एंड्रॉयड में ऐसा किया जा सकता है.

साइड-लोडिंग का साफ सा मतलब है, ऑफिशियल एंड्रॉयड मार्केट का इस्तेमाल किए बिना ऐप को डाउनलोड करना. ये एक प्रोसेस है, जिसमें यूजर ऐप का APK या एप्लीकेशन फाइल मिलती है. इसके बाद यूजर को फोन को अलाउ करना पड़ता है कि वो उन थर्ड-पार्टी एप्लीकेशन का सपोर्ट करे, जो हटाए जाने के कारण प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं किया जा सकता.

इन तरीकों से डाउनलोड हो रहा TikTok

गूगल पर एक सिंपल सर्च करने पर उन सभी वेबसाइट्स की लिस्ट आ जाएगी, जहां से यूजर्स टिक टॉक को इंस्टॉल कर सकते हैं.

इन अनजान वेबसाइट्स से ऐप को डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इनमें मालवेयर थ्रेट होने का खतरा है. इससे सिर्फ फोन के डीटेल्स ही नहीं, बल्कि फोन डैमेज होने का भी खतरा रहता है. अगर ऐसा होता है, तो इस मामले में गूगल की कोई जवाबदेही नहीं होगी.

एंड्रॉयड यूजर्स के लिए जो ऐप प्ले स्टोर पर मौजूद नहीं हैं, उनके लिए APK एक सोर्स बन गया है. इंडिया में टिक टॉक के बैन होने से एक नया तूफान खड़ा हो सकता है, जिसके नतीजे कुछ अलग हो सकते हैं.

वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल भी रिलीज होने से पहले ऐप को एक्सेस करने में काफी किया जाता है.

एंड्रॉयड यूजर्स जहां इन तरीकों से ऐप को एक्सेस कर सकते हैं, वहीं iOS यूजर्स के पास बैन खत्म होने का इंतजार करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है.

इंडिया में टिक टॉक ऐप पिछले कुछ समय से विवादों में है. मद्रास हाईकोर्ट के ऐप को बैन लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पहर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.

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