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दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) के ट्विटर (Twitter) खरीदने के बाद से माइक्रोब्लॉगिंग साइट लगातार सुर्खियों में है. हाल ही बड़े पैमाने पर छंटनी के बाद ट्विटर में अब सैकड़ों कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा (Twitter Mass Resignation) दे दिया है. कर्मचारियों के एक साथ इस्तीफा देने से कंपनी को बड़ा झटका लगा है. चलिए आपको बताते हैं क्यों इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने इस्तीफा दिया है? और किस तरह से मस्क के फैसले उलटे पड़ रहे हैं?
सामूहिक इस्तीफे की वजह? ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क ने अधिग्रहण के बाद से कंपनी में बड़े बदलाव की बात कही थी. उन्होंने कर्मचारियों को ज्यादा काम करने या फिर नौकरी छोड़ने का फरमान दिया था. इसके लिए उन्होंने गुरुवार शाम 5 बजे (अमेरिकी समय) तक की डेडलाइन भी तय की थी. उससे पहले ही सैकड़ों कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया.
मस्क ने क्या फरमान दिया था? छंटनी के बाद बुधवार को मस्क ने 'ट्विटर 2.0' बनाने का आह्वान करते हुए कर्मचारियों को या तो कंपनी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताने या फिर कंपनी छोड़ने की बात कही थी. इसके लिए उन्होंने कर्मचारियों को 36 घंटों का समय दिया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जो कंपनी छोड़ेंगे उन्हें तीन महीने की सैलरी (severance pay) दी जाएगी.
कॉस्ट कटिंग: मस्क ने अपने इस फैसले को 'ट्विटर को और अधिक प्रतिस्पर्धी' बनाने के तौर पर पेश किया है. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि इससे कंपनी को कॉस्ट कटिंग में भी आसानी होगी.
अब क्या करेंगे मस्क? रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्विटर के 7 फीसदी कर्मचारियों ने एलन मस्क की इस शर्त पर हामी भरी और देर रात आए ई-मेल पर Yes का जवाब दिया. जबकि 25 फीसदी कर्मचारियों ने इस्तीफा देने का फैसला किया. इस बीच यह भी खबरें आ रही हैं कि मस्क ने कुछ कर्मचारियों को मनाने की कोशिश भी की है. क्या कर्मचारियों के जाने से काम-काज प्रभावित नहीं होगा?
बड़ा सवाल: छंटनी और सामूहिक इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि क्या ट्विटर पहले की तरह प्रभावी ढंग से काम करता रहेगा? द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क ने अपनी अन्य कंपनियों जैसे इलेक्ट्रिक ऑटोमेकर टेस्ला से कुछ इंजीनियरों और मैनेजर्स को काम पर लगाया है. उनमें से कई सोशल मीडिया सेवा में और तेजी लाने पर काम कर रहे हैं.
ट्विटर के सामने कई चुनौतियां: आंतरिक चुनौतियों के साथ ही ट्विटर को बाहरी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को सात डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने संघीय व्यापार आयोग को यह जांचने के लिए कहा है कि क्या कंपनी ने मस्क के पदभार संभालने के बाद से उपभोक्ता गोपनीयता समझौते का उल्लंघन किया है. बता दें कि मस्क ने ट्विटर के अधिग्रहण के बाद डाटा सुरक्षा पॉलिसी में कुछ बदलाव किया था. जिसके बाद ट्वीटर के सुरक्षा अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था.
ट्विटर के उपभोक्ता उत्पाद के पूर्व प्रमुख जेफ सीबर्ट ने कंपनी की स्थिति को 'दुखद' और 'निराशाजनक' करार दिया है. उन्होंने कहा कि मस्क के नेतृत्व ने उपयोगकर्ताओं, विज्ञापनदाताओं और कर्मचारियों में 'भ्रम' पैदा किया है.
ट्विटर से सैकड़ों कर्मचारियों के इस्तीफे के बाद अब खबर आ रही है कि मस्क कर्मचारियों को मनाने में जुट गए हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मस्क को अपना फैसला वापस लेना पड़ा है. इससे पहले भी कई बार उन्होंने पलटी मारी है. अब आपको बताते हैं उनके कुछ ऐसे फैसलों के बारे में जिसको लेकर उन्हें यू-टर्न लेना पड़ा.
ट्विटर डील को लेकर सस्पेंस: मस्क ने सबसे पहले ट्विटर खरीदने का ऐलान किया. इसके बाद उन्होंने इस डील को होल्ड कर दिया. बाद में वो डील रद्द करना चाहते थे. फिर उन्होंने ट्विटर का अधिग्रहण कर सबको चौंका दिया.
पहले कर्मचारियों को निकाल, फिर बुलाया: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क ने अधिग्रहण के बाद कंपनी के आधे कर्मचारियों को निकाल दिया था, इसके बाद इस फैसले को वापस लेते हुए दर्जनों कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया.
पेड ब्लू टिक: एलन मस्क के आने के बाद ट्विटर ने सबसे बड़े बदलाव के रूप में सब्सक्रिप्शन मॉडल को देखा. मस्क ने साफ-साफ कह दिया कि अब ब्लू टिक या वेरिफिकेशन के लिए यूजर्स को 8 अमेरिकी डॉलर प्रतिमाह देने होंगे. ट्विटर ने कई देशों में इस सर्विस को शुरू भी कर दिया. हालांकि, उनके इस फैसले की भी काफी आलोचना हुई और अंत में जाकर मस्क को अपना ये फैसला भी बदलना पड़ा और अभी के लिए पेड ब्लू टिक सर्विस को रोक दिया गया.
ऑफिशियल बैज पर यू-टर्न: 8 नवंबर को ट्विटर ने प्रमुख मीडिया आउटलेट्स और सरकारों सहित चुनिंदा वेरिफाइड अकाउंट्स के लिए एक 'ऑफिशियल लेबल' पेश किया. ठीक एक दिन बाद ही यानी 9 नवंबर को, मस्क ने ट्वीट किया कि उन्होंने ट्विटर अकाउंट्स के लिए नए 'ऑफिशियल लेबल' को अभी के लिए रोक दिया है.
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