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फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स (Meta) मे फिर एक बार छंटनी होने जा रही है. मेटा ने मंगलवार 14 मार्च को बताया कि 10 हजार नौकरियों में छंटनी होगी. ये छंटनी का दूसरा राउंड है. अब से 4 महीने पहले भी मेटा ने करीब 11 हजार कर्मचारियों को निकाला था.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को एक मैसेज में कहा कि कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने जा रही है. मार्क जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को एक संदेश में कहा,
बता दें कि मेटा पहली ऐसी दिग्गज कंपनी है जिसने आर्थिक मंदी की आशंका के बीच छंटनी के दूसरे दौर का ऐलान किया है.
सिर्फ फेसबुक की मेटा ही नहीं, दुनियाभर की कई दिग्गज टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं. दुनिया भर में टेक और ई-कॉमर्स कंपनियों पर आर्थिक मंदी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है.
छंटनी की इस खबर से मेटा के शेयरों में 6% की तेजी आ गई. रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी में रिस्ट्रक्चरिंग के चलते बजट और खर्चों में कटौती आएगी और इसका फायदा प्रॉफिट के फ्रंट पर होगा.
बढ़ती ब्याज दरों के कारण आर्थिक मंदी की चिंताओं ने कॉर्पोरेट अमेरिका में बड़े पैमाने पर नौकरी में कटौती की एक श्रृंखला शुरू कर दी है. गोल्डमैन सैक्स (जीएस.एन) और मॉर्गन स्टेनली (एमएस.एन) जैसे वॉल स्ट्रीट बैंकों से लेकर अमेजन डॉट कॉम (amazon.com) सहित बिग टेक फर्मों माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) तक में छंटनी देखने को मिली है.
मेटा, जो फ्यूचरिस्टिक मेटावर्स के निर्माण के लिए अरबों डॉलर लगा रहा है वो आर्थिक दृष्टिकोण से कोरोना महामारी के बाद की मंदी से जूझ रहा है. जुकरबर्ग ने 2023 को "दक्षता के वर्ष" (Year of Efficiency) में बदलने का वादा किया था.
मेटा को उम्मीद है कि उसका 2023 में खर्च $86 बिलियन और $92 बिलियन के बीच आ जाएगा, जो पहले $89 बिलियन से $95 बिलियन के पूर्वानुमान से कम है.
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