advertisement
आज की तारीख में व्हाट्सऐप लगभग हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. कह सकते हैं कि व्हाट्सऐप आज देश के कम्युनिकेशन सिस्टम की बैकबोन है.
इस बैकबोन से जुड़ा एक काला पहलू भी है. दरअसल व्हाट्सऐप के जरिए लाखों लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं. इनमें राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं. लेकिन राजनीतिक पार्टियों का नाम गैरकानूनी कारणों से सामने आया है. मसलन, अफवाह फैलाना, नफरत फैलाने वाले भाषण और गलत प्रचार करना.
मैसेज भेजने के इस माध्यम पर फेसबुक का मालिकाना हक है. भारी संख्या में मैसेज भेजने या फॉरवर्ड करने से रोकने के लिए व्हाट्सऐप ने कुछ कदम उठाए जरूर हैं (अब एक बार में सिर्फ पांच मैसेज भेजे जा सकते हैं), लेकिन इस एप में खामियों का फायदा उठाकर एक ही बार में लाखों यूजर को संदेश भेजे जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- 2019 में इन मोबाइल फोन पर बंद हो जाएगा WhatsApp
इंटरनेट पर इन दिनों व्हाट्सऐप क्लोन एप भारी संख्या में हैं. इन सॉफ्टवेयर में व्हाट्सऐप के ज्यादातर फीचर्स की नकल होती है, इसके अलावा इनमें कुछ नए फीचर भी जोड़े जाते हैं, जो असली व्हाट्सऐप में नहीं होते.
कॉम्पोजिट एप्लिकेशन खरीदार को 500 रुपये से 1000 रुपये की बेसिक कीमत पर बेचे जाते हैं. व्हाट्सऐप के कुछ क्लोन एप्लिकेशन हैं – GBWhatsApp, JTWhatsApp, WhatsApp Robot और Business Sender.
क्लोन एप्स के जरिये यूजर एक बार में 100 डॉक्यूमेंट भेज सकते हैं, जबकि असली व्हाट्सऐप में एक बार में सिर्फ 30 डॉक्यूमेंट भेजे जा सकते हैं. क्लोन एप्स फॉरवर्ड करने की लीमिट को भी बाईपास कर देता है और बिना फॉरवर्ड टैग के भी मैसेज फॉरवर्ड किये जा सकते हैं.
कई वेबसाइट ये सवाएं मुफ्त देने की पेशकश करती हैं. लेकिन इसके लिए आपको इन एप को अपने फोन में apk file के जरिये डाउनलोड करना होगा.
हमें www.whatsender.net नाम की एक वेबसाइट के बारे में भी जानकारी मिली, जहां से आप WhatSender सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं और मुफ्त में कई यूजर को भारी संख्या में व्हाट्सऐप मैसेज भेज सकते हैं.
इस एप्लिकेशन का इंटरफेस बिलकुल बेसिक है और तीन कॉलम में बंटा हुआ है. इसमें व्हाट्सऐप यूजर उन लोगों के कॉन्टैक्ट डिटेल्स डाल सकते हैं, जिन्हें मैसेज भेजना है, टेक्स्ट मैसेज डाल सकते हैं और रिपोर्ट भी देख सकते हैं कि जिन्हें मैसेज भेजा गया है, उन्हें मैसेज पहुंचा या नहीं.
इस सॉफ्टवेयर का एक पेड वर्जन भी है, जो .txt फाइल के जरिए से कॉन्टैक्ट डिटेल को मैसेज भेज सकता है. इसका लाइसेंस एक साल तक मुफ्त अपडेट होता है.
ये मैसेज एक के बाद एक भेजे जाते हैं और पूरे प्रोसेस में वक्त लगता है. मैसेज भेजने के लिए कितने फोन नंबर चुने गए हैं, लगने वाला समय पूरी तरह उसपर निर्भर करता है.
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव से पहले “WhatsApp Farms” नाम की एजेंसियों से संपर्क किया, ताकि भारी संख्या में वोटरों तक पहुंचा जा सके. ये WhatsApp Farm अपने कामकाज के लिए उसी तरीके का इस्तेमाल करते हैं, जो ऊपर बताए गए हैं. दिलचस्प बात है कि ये गैरकानूनी नहीं है.
इन एप्लिकेशंस की कीमत होती है. इन्हें खरीदने के लिए इंटरनेट पर वीडियो और डेमो डालकर ग्राहकों को लुभाया जाता है.
इन एप्लिकेशंस के ज्यादातर ग्राहक छोटे व्यापारी या ‘अपनी बात फैलाने’ वाला कोई भी व्यक्ति हो सकता है. इन एप्लिकेशंस के बारे में हाल में पता चला, जब राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव के दौरान प्रचार के लिए इनका इस्तेमाल किया.
हालांकि मार्केटिंग फर्म और कारोबारी इन एप्लिकेशंस का इस्तेमाल चुनाव शुरु होने के काफी पहले से कर रहे हैं.
संभावना ये भी है कि अगर आप इस प्रकार के क्लोन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपका फोन नंबर ब्लॉक कर दिया जाए, क्योंकि ये व्हाट्सऐप के सेवा शर्तों के खिलाफ है.
GBWhatsApp जैसे एप का इस्तेमाल करने के कारण कई इस्तेमालकर्ताओं को 9 घंटे तक के लिए ब्लॉक कर दिया गया. लिहाजा अगर आप इनका इस्तेमाल करना चाह रहे हैं, तो अपने फैसले पर दोबारा सोच लें.
फिर भी, एप्लिकेशन में रोक से बचने के रास्ते हैं. व्हाट्सऐप इन प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमालकरताओं की संख्या कम करने की कोशिश जरूर कर रहा है, लेकिन इनकी संख्या इतनी ज्यादा है कि उसे वक्त लग रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)