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नितिन गणपत नंदोदकर पिछले दो महीनों से अपनी साइकिल के साथ भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के कारवां के साथ हैं. कांग्रेस पार्टी के नाम और सिंबल बना एक कपड़ा पहने हुए और अपनी साइकिल पर पार्टी के झंडे लगाए, नंदोदकर की यह यात्रा महाराष्ट्र के कोल्हापुर से शुरू हुई और यात्रा के हरियाणा-दिल्ली पहुंचने पर भी वे अपनी साइकिल के साथ मौजूद थे.
उन्होंने कहा कि "मैं अपनी साइकिल पर ही बैठकर श्रीनगर तक जाऊंगा. मेरी खुद की इस यात्रा को शुरू हुए दो महीने हो चुके हैं. मैंने इन कपड़ों को खुद सिला है." नितिन ने कहा कि यात्रा के साथ साइकिल चलाने के पीछे का मकसद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करना है.
सितंबर में भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने के बाद से, नंदोदकर जैसे कई लोगों ने इसे सफल बनाने और इसे आगे बढ़ाते रहने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है. यह यात्रा जब शनिवार, 24 दिसंबर को दिल्ली पहुंची तो हम ऐसे ही कुछ लोगों से मिलने के लिए ग्राउंड पर पहुंचा.
कन्याकुमारी से सरगधारा बैंड के पंद्रह सदस्य भारत जोड़ो यात्रा के साथ हैं और पहले दिन से अपना हुनर इसमें दिखा रहे हैं. ढोल बजाने वाले सैफुद्दीन ने कहा कि "पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास जी ने हमसे यात्रा में शामिल होने के लिए संपर्क किया था, इसलिए तब से हम साथ हैं."
साथ ही उन्होंने कहा "राहुल गांधी युवाओं के आदर्श हैं, जब भी जरूरत होगी हम उनके साथ रहेंगे."
बैंड के एक अन्य सदस्य केरल के अब्दुल रऊफ ने कहा कि वे हर दिन कम से कम 25 किलोमीटर पैदल चलते हैं. उन्होंने कहा, "वे (कांग्रेस) हर प्रॉब्लम का समाधान कर सकते हैं."
करीब छह दशकों से कांग्रेस की कट्टर समर्थक और कार्यकर्ता, 90 साल के करुणा मिश्रा 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर यात्रा में शामिल हुए. मध्य प्रदेश के रहने वाले करुणा मिश्रा ने कहा कि उन्होंने किशोरावस्था में महात्मा गांधी के साथ मार्च किया और जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें राजनीति में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया था.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर की युवा कांग्रेस वर्कर प्रेरणा गौड़ (32 साल) पहली बार मार्च पर निकलने के लिए ही घर से अकेली निकलीं. स्थानीय दिग्गज कांग्रेसी नेता की बेटी प्रेरणा गौड़ कन्याकुमारी में पहले दिन से ही यात्रा का हिस्सा बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि एक अकेली महिला होने के कारण इस तरह मार्च करना आसान नहीं है.
उन्होंने कहा "यह यात्रा लॉजिस्टिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण रही है. कभी-कभी, हमें लंबी दूरी तक वॉशरूम नहीं मिलता. हमें अगले पड़ाव का इंतजार करना पड़ता है. मोबाइल वॉशरूम को भी शेयर करने की आवश्यकता होती है, लेकिन हम जितना हो सके उतना मेंटेन रखने की कोशिश करते हैं."
मध्य प्रदेश के रतलाम की महिला सेवा दल की कार्यकर्ता रश्मी अपने बच्चों और परिवार को पीछे छोड़कर कन्याकुमारी में यात्रा के पहले दिन से आंदोलन का हिस्सा बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि "अपने बच्चों को पीछे छोड़ना मुश्किल था. मैं खुश थी कि मैं भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा बनने जा रही थी, लेकिन मैं रोई भी क्योंकि मैं उनके छोड़कर आ रही थी."
जहां उनकी बेटी 18 साल की है, वहीं बेटा 14 साल का है.
53 साल के पंडित अनोखेलाल तिवारी कांग्रेस की रैलियों में जाते हैं और पार्टी का झंडा लहराते हैं. रायबरेली से आने वाले तिवारी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में और अन्य राज्यों में चुनावी रैलियों में शामिल होने वाली हर संभावित रैली में झंडा लहराते रहे हैं.
अपने गले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के संग तस्वीर डाले अनोखेलाल तिवारी ने कहा, "यही मेरा पेशा है. कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाना ही मेरा एकमात्र उद्देश्य रहा है." पिछले 35 साल से कांग्रेस से जुड़े तिवारी ने कहा कि राहुल और प्रियंका पार्टी के भविष्य हैं.
फरीदाबाद के स्मार्ट स्टडी पब्लिक स्कूल के अलग-अलग ग्रेड के 20-25 बच्चों का एक समूह "जाएंगे भाई जाएंगे, राहुल गांधी से मिलके जाएंगे" का नारा लगा रहा था. उनके टीचर संतोष ने कहा, "बच्चे कल से राहुल गांधी से मिलना चाह रहे हैं. हम 20 दिसंबर से यहां आ रहे हैं."
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