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भारत जोड़ो यात्रा: गार्ड,'गांधी', जनता,नेता... राहुल की यात्रा से क्यों जुड़ रहे?

"Bharat Jodo Yatra कांग्रेस की यात्रा से ये देश की आकांक्षाओं की यात्रा बन गयी"- कन्हैया कुमार

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra in Delhi) दिल्ली के लाल किला पहुंच चुकी है. लाल किले से राहुल गांधी ने पीएम मोदी और बीजेपी की सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि "पूरा देश जानता है कि ये नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं, अंबानी-अडानी की सरकार है." उन्होंने देश की मीडिया को भी निशाने पर लेते हुए कहा है कि "मैं 2,800 किमी चला, मुझे कहीं भी नफरत या हिंसा नहीं दिखी मगर मैं जब भी न्यूज चैनल खोलता हूं तो हमेशा नफरत-हिंसा दिखाई देती है."

इससे पहले शनिवार को दिल्ली में दाखिल हुई भारत जोड़ो यात्रा को कवर करने क्विंट ग्राउंड पर पहुंचा. हमने यह समझने की कोशिश की कि कांग्रेस इस यात्रा से क्या हासिल करना चाहती है और लगभग 3 हजार किमी के इस सफर में अबतक की जमा-पूंजी क्या है? इसमें आम लोग क्यों शामिल हो रहे हैं?

हमने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार से लेकर यूपी के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और इसमें शामिल कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं से बात है.

"कांग्रेस की यात्रा से ये देश की आकांक्षाओं की यात्रा बन गयी"- कन्हैया कुमार 

"कांग्रेस की 3 हजार किमी के इस सफर में अबतक की जमा-पूंजी क्या है" के सवाल पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने क्विंट से कहा कि "जब यह यात्रा शुरू हुई थी तब यह कांग्रेस की यात्रा थी लेकिन जैसे-जैसे कारवां आगे बढ़ा, लोग इसमें जुड़ते गए, उनके मुद्दे जुड़ते गए. फिर यह यात्रा देश के आम लोगों की आकांक्षाओं की यात्रा बन गयी".

"पहले भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस के लिए उत्सव था लेकिन आज यह देश के लिए महोत्सव बन गया है"
कन्हैया कुमार

विरोधी पार्टियों द्वारा भारत जोड़ो यात्रा को कांग्रेस के लिए संजीवनी बूटी कहे जाने के सवाल पर कन्हैया कुमार ने कहा कि यह पार्टी (बीजेपी) पिछले 8 साल से सत्ता में है लेकिन अभी भी वो विपक्षी पार्टी जैसा व्यवहार करती है. हर चीज के लिए नेहरू जी को जिम्मेदार ठहराती है.

"बीजेपी इतिहास के कब्र को खोदकर वर्तमान के मुद्दों को दफ्न कर रही है. इसलिए मैं उनको गंभीरता से नहीं लेता"
कन्हैया कुमार
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"कांग्रेस पहले डायन थी, अब डार्लिंग बन गयी है"- श्रीनिवास बी.वी

इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी ने यात्रा के दौरान क्विंट से बात करते हुए कहा कि "राहुल गांधी ने कन्याकुमारी में 120 लोगों के साथ इस यात्रा की शुरुआत की थी लेकिन आज लाखों लोग इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं. जिन लोगों का राजनीति से कुछ लेनादेना नहीं है, वो भी इस यात्रा को अपना समर्थन दे रहे हैं."

"ये (बीजेपी) लोग मनमोहन सरकार में महंगाई को डायन बताते थे और आज इन्होंने ही उसको डार्लिंग बना लिया है. ये सरकार रोजगार को लेकर बड़े-बड़े वादे करती थी जबकि सबसे अधिक बेरोजगारी हमें पिछले 8 साल में देखने को मिली है. तीसरा देश में नफरत का बाजार खोला गया है और उसे बांटा जा रहा है. राहुल गांधी नफरत के इसी बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं. चूंकि इसमें लाखों लोग आ रहे हैं , इसलिए वे इससे जल रहे हैं"

श्रीनिवास बी.वी ने यह भी दावा किया कि यह यात्रा कांग्रेस को जोड़ने के लिए नहीं बल्कि देश को जोड़ने के लिए है.

यूपी में राहुल की यात्रा इतने कम दिन क्यों? अजय लल्लू ने बताया 

क्विंट ने कांग्रेस नेता और यूपी के पूर्व अध्यक्ष अजय लल्लू से भी बात की. क्विंट ने उनसे यह जानना चाहा कि यूपी में पार्टी के कमजोर होने के बावजूद अन्य राज्यों की तुलना में यहां यात्रा कम दिन की क्यों आयोजित की जा रही है. इस सवाल का जवाब देते हुए अजय लल्लू ने कहा कि "यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक जा रही है और इस बीच में जो राज्य आ रहे हैं उन्हें कवर किया जा रहा है."

"बिहार, उड़ीसा, बंगाल, गुजरात और हिमाचल जैसे कई राज्य हैं जहां यह यात्रा नहीं जा रही है. लेकिन याद रखिए भूकंप आने पर पूरी धरती डोलती है केवल एक हिस्सा नहीं. हम राजनीतिक फायदे के लिए नहीं, बीज बोन के लिए निकले हैं.... यूपी के कई कोर्टों में मेरी पेशी हर रोज होती है लेकिन क्या इससे अजय लल्लू डर गया है? अजय लल्लू डरने वाला नहीं, क्योंकि वो राहुल गांधी का सिपाही है"
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"ये खरीदी हुई भीड़ नहीं है"

भारत जोड़ो यात्रा में महात्मा गांधी के भेष में चल रहे काशीनाथ महतो झारखंड से आये हैं. उन्होंने कहा कि वे राहुल गांधी के लिए झारखंड से पैदल दिल्ली तक आये हैं. उनका कहना है कि वे 11 नवंबर को पैदल झारखंड से निकले थे. दूसरी तरफ दिल्ली के भजनपुरा से यात्रा में शामिल होने के लिए आए चंद्रमोहन ने कहा कि उन्हें कोई बुलाकर नहीं आया,वे अकेले खुद की मर्जी से आये हैं.

"ये कोई खरीदी हुई भीड़ नहीं है. पैसे देकर रैली के लिए भीड़ जमा नहीं किया गया है. ये सब अपनी मर्जी से आये हैं. आगे परिवर्तन होगा, हम सभी इसी जोश से आये हैं."
चंद्रमोहन

बता दें दिल्ली से एक दिन की यात्रा के बाद, 'भारत जोड़ो यात्रा' 3 जनवरी को फिर से शुरू होने से पहले लगभग 9 दिनों तक ब्रेक पर रहेगी.

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