ट्रंप के खतरनाक एक्शन, नहीं माने तो कैसे हटाएंगे?

ये बड़ी खबर अमेरिका से है. अमेरिका में अनहोनी हो रही है और वहां के लोगों की सांस अटकी हुई है.

संजय पुगलिया
ब्रेकिंग व्यूज
Published:
Breaking Views : ट्रंप के खतरनाक एक्शन, नहीं माने तो कैसे हटाएंगे?
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वीडियो एडिटर: मौसमी सिंह

बिहार चुनाव के नतीजे अब आ चुके हैं, देश त्योहारों के मूड में है. इकनॉमी के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक पैकेज का भी ऐलान कर दिया है. लेकिन इन सबके बीच बड़ी खबर अमेरिका से है. अमेरिका में अनहोनी हो रही है और वहां के लोगों की सांस अटकी हुई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार जाने के बावजूद भी जाना नहीं चाहते हैं. वहां कल्पना से परे घटनाएं हो रही हैं. मसलन, ट्रंप ने अपने डिफेंस सेक्रेटरी को हटा दिया है, उनके सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ये कहते हैं कि ट्रंप का ट्रांजिशन आराम से हो जाएगा, दोबारा वही राष्ट्रपति बनेंगे क्योंकि जो चुनाव में फ्रॉड हुआ है.

ट्रंप हार मानने को तैयार ही नहीं!

चुनाव में हार चुके ट्रंप, हार मानने को तैयार नहीं हैं. ट्रंप अब कोर्ट मुकदमों की तैयारी कर रहे हैं और प्रशासन में बहुत सारे बदलाव कर रहे हैं. अपने चापलूसों को वो अलग-अलग पदों पर बैठा रहे हैं, इस वजह से अब अमेरिका में काफी तनाव पैदा हो गया है और अमेरिका के लोकतंत्र को वास्तविक खतरा है. जो बात हम लगातार करते आ रहे थे कि ट्रंप सचमुच हार न मानते हुए हटे ही नहीं तो क्या होगा?

ट्रंप ले रहे हैं खतरनाक एक्शन

हालांकि, ये तय है कि 20 जनवरी 2021 को अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर जो बाइडन ही बैठेंगे. दुनियाभर के कई राष्ट्राध्यक्षों ने उनको बधाई भी दे दी है, ये भी माना जाने लगा है कि वो अगले राष्ट्रपति होंगे. लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के नेता और कुछ राष्ट्रपतियों जैसे जॉर्ज बुश को छोड़ दिया जाए तो अभी सारे खुलकर सामने आकर नहीं कह रहे हैं कि ट्रंप गलत कर रहे हैं, इससे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, उनको हट जाना चाहिए.

डोनाल्ड ट्रंप एरिजोना और जॉर्जिया जैसे 2 राज्यों में दोबारा गिनती और कोर्ट मुकदमों के जरिए चाहते हैं कि वहां पर सर्टिफिकेट जारी ना किया जाए. जबतक सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा, इलेक्टोरल कॉलेज के इलेक्टर्स नहीं आएंगे, तो एक आखिरी प्रक्रिया पूरी नहीं होगी.

इस बीच जब ट्रांजिशन होता है तो अमेरिका का एक सिस्टम है कि आने वाले राष्ट्रपति को इंटेलिजेंस एजेंसी ब्रीफ करना शुरू कर देती है और अधिकारियों से मुलाकात शुरू हो जाती है. ताकि जब नए राष्ट्रपति आए तो काम शुरू कर सकें. ट्रंप ये सब नहीं होने दे रहे हैं. स्टेट डिपार्टमेंट के पास जो राष्ट्राध्यक्षों के बधाई मैसेज पहुंच रहे हैं, उनको भी जो बाइडन को कम्युनिकेट नहीं किया जा रहा है. ये एकदम कल्पना के बाहर के अनहोनी सी स्थिति पैदा हो गई है और लोगों को समझ में नहीं आ रहा की ट्रंप को हैंडल कैसे किया जाए.

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'लोकतंत्र में 'लूजर' को घर जाना पड़ता है'

अमेरिका के बड़े लेखक, पत्रकार हैं थॉमस फ्रीडमैन. उनका कहना है कि लोकतंत्र में 'लूजर को घर जाना पड़ता है. ये दुख की बात है कि अमेरिका जिसने लोकतंत्र को जन्म दिया, आज वहां पर लोकतंत्र खतरे में है. क्योंकि ट्रंप और उनकी 'चापलूसों की टोली' अमेरिका के चुनाव को तहस-नहस करना चाहती है. वो कहते हैं अगर वह नहीं जीते तो चुनाव फ्रॉड है लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है.

सीआईए के पूर्व डायरेक्टर जॉन ब्रेनन ने कहा है कि ये कल्पना से परे है कि ट्रंप सच्चाई का सामना नहीं करना चाहते, अंत में उनको जाना पड़ेगा. लेकिन ट्रंप अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं. अमेरिका में लोगों को फिक्र ये है कि अगले जो 10 हफ्ते बचे हुए हैं, इसमें राष्ट्रपति अपने एग्जीक्यूटिव आर्डर से पता नहीं क्या-क्या गड़बड़ करेंगे.

खास बात ये है कि 2 देश हैं जिन्होंने बाइडन को अभी तक बधाई नहीं दी है- चीन और रूस. इसके अलावा फ्रांस, जर्मनी, भारत, जापान और भी कई देश है जो बाइडेन को बधाई दे चुके हैं.

अमेरिका में लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, क्योंकि अमेरिका में अच्छे चुनाव के बावजूद अभी भी सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है. सोचिए कि दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए यह कितना बड़ा खतरा हो सकता है.

ट्रंप को व्हाइट हाउस से निकलना ही पड़ेगा!

कुछ लोग कह रहे हैं कि ये बहुत डरने की बात नहीं है क्योंकि एक तो कोर्ट पर भरोसा है और दूसरा वहां के जो सेना प्रमुख हैं वो भी ट्रंप की नहीं सुनेंगे. सेना प्रमुख मार्क मिली के बारे में माना जाता है कि उन्होंने ट्रंप के पॉलिटिकल मिसयूज को फ्लॉप कर दिया था. तो वो किसी भी हाल में पुराने राष्ट्रपति की नहीं सुनेंगे. वो अमेरिका के देश की और कानून की सुनेंगे, संविधान की सुनेंगे. और अंत में ट्रंप को व्हाइट हाउस से निकलना ही पड़ेगा.

कई लोग ये कहते हैं कि ट्रंप ऐसी हरकत इसलिए कर रहे हैं ताकि वह 2024 में एक विक्टम के तौर पर राष्ट्रपति के पद की दावेदारी कर सकें. मुकदमों के नाम पर पैसा इकट्ठा कर सकें. उनके पास पैसा होगा तो अपने प्रमोशन के लिए और पॉलिटिक्स के लिए इस्तेमाल कर पाएंगे और रिपब्लिकन पार्टी में उनकी बातें सुनी जाएगी. हो सकता है कि कुछ बदला लेने के लिए ट्रंप ट्रांसफर में लगे हुए हों.

फिलहाल, बहुत खराब स्थिति है लेकिन ऐसा नहीं होगा कि चुनाव और जनमत को नकार के संविधान के खिलाफ जाकर ट्रंप राष्ट्रपति बने रहें. लेकिन जैसा हमने कहा कि इस दिवाली में जब हम खुशी का त्योहार मनाने की कोशिश कर रहे हैं अमेरिका के लोगों का ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ा हुआ है.

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