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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम
“हमें इंसाफ दिलाओ, मेरे पापा को क्यों मारा? वो काम से लौटकर बीड़ी पीने घर के पास वाली दुकान गए थे. उनके सिर में आकर गोली लगी. उन्हें किसने मारा?” रो-रोकर ये सवाल मेरठ हिंसा में मारे गए 45 साल के जहीर की बेटी शहाना पूछ रही है.
नागरिकता कानून के विरोध में 20 दिसंबर को मेरठ में प्रदर्शन हुए के दौरान हुई हिंसा में 5 लोगों की मौत हुई है.
इस बात की पुष्टि मेरठ के आईजी आलोक सिंह ने भी की है. क्विंट ने हिंसा में मरने वालों के परिवार से मुलाकात की, और जानने की कोशिश की कैसे प्रदर्शन के दौरान ऐसा क्या हुआ कि लोगों को जान गंवानी पड़ी.
मृतकों में 28 साल के मोहसिन भी थे. मोहसिन के भाई इमरान बताते हैं, “मोहसिन के 2 बच्चे हैं, दोनों अब अनाथ हो गए. वो मजदूरी करता था. काम से गया था. तब ही हंगामा हुआ. उसी दौरान उन्हें सीने में गोली लगी. अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. पोस्टमॉर्टम के लिए भी पुलिस नहीं आई. खुद लेकर गए पोस्टमॉर्टम के लिए. लेकिन अबतक पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट नहीं मिली है. पुलिस कह रही है तुम लोगों ने आपस में ही गोली चलाई है.”
45 साल के जहीर जिनकी मौत भी प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से हुई, उनके भाई शाहिद ने क्विंट से बात की. शाहिद बताते हैं कि “चश्मदीद के मुताबिक गोली पुलिस के साथ वाले किसी शख्स ने मारी है. अगर पब्लिक में से कोई गोली चलाता तो पुलिस की तरफ गोली चलती, फिर मेरे भाई को गोली कैसे लगी.”
मेरठ के आईजी आलोक सिंह ने बताया कि मृतकों की पहचान मेरठ के मोहसिन, आसिफ, जहीर, आलिम और दिल्ली के आसिफ के तौर पर हुई है. क्विंट ने मेरठ हिंसा में मरने वाले तीसरे शख्स के परिवार से भी मुलाकात की.
मृतक आसिफ की सास कैमरा देखते ही नाराज हो जाती हैं, कहती हैं कि “बताईए ना कौन इंसाफ दिलाएगा? पुलिस ने रात में शव को दफनाने के लिए कहा, आखिरी बार देखने तक को नहीं मिला. कैसे मिलेगा हमें इंसाफ? कोई नहीं है परिवार में. मेरी बेटी अब विधवा हो गई. वो मां बनने वाली है. और भी बच्चे हैं. क्या होगा इन बच्चों का भविष्य? हमें इंसाफ चाहिए, साथ ही इन बच्चों के लिए मुआवजा मिलना चाहिए.”
बता दें कि इस पूरे मामले में पुलिस का दावा है कि उनकी तरफ से गोली नहीं चलाई गई है. लेकिन सवाल है कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? और क्या कभी इन परिवार वालों को इंसाफ मिलेगा?
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