Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महाराष्ट्र| बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जापान को देना गलती थी- चव्हाण

महाराष्ट्र| बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जापान को देना गलती थी- चव्हाण

क्या होगा बुलेट ट्रेन और हाइपर लूप जैसे प्रोजेक्ट का?

क्विंट हिंदी
वीडियो
Updated:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया की खास बातचीत
i
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया की खास बातचीत
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

कैमरापर्सन: मुकुल भंडारी/ शिव कुमार मौर्य

महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन वाली नई सरकार बनने के बाद पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास बातचीत की.

क्विंट के खास कार्यक्रम 'राजपथ' में पृथ्वीराज चव्हाण ने MVA गठबंधन से लेकर बुलेट ट्रेन के भविष्य तक कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. चव्हाण ने देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस की 80 दिन की सरकार के हर फैसले का रिव्यू होना चाहिए. उन्होंने महाराष्ट्र में बुलेट प्रोजेक्ट के पीछे बीजेपी के राजनीतिक हित छिपे होने की बात कही. उन्होंने कहा कि ‘बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जापान को देना गलती थी.’

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पेश है इस बातचीत और सवाल-जवाब के कुछ अंश-

प्राथमिकता के मुताबिक, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रिव्यू की बात की. ऐसी खबरों से हमें नर्वसनेस होती है. महाराष्ट्र जैसे अहम राज्य में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट हैं, उसे अगर रोक देंगे तो लोगों का ही नुकसान होगा. बुलेट ट्रेन की बात कर लें, हाइपर लूप की बात कर लें, कोस्टल प्रोजेक्ट की बात कर लें, मुंबई-ठाणे वाले चौथे पुल की बात कर लें, ये समस्या है.

मैं समझता हूं बुलेट ट्रेन का फैसला बहुत ही गलत फैसला था. उसके पीछे राजनीतिक पृष्ठभूमि थी. गुजरात का चुनाव आ रहा था. आबे साहब (जापान के पीएम शिंजो आबे) का जापान में चुनाव आ रहा था. आबे साहब आए, रोड शो किया. सवा लाख करोड़ का प्रोजेक्ट था, किसको चाहिए थी बुलेट ट्रेन? क्या मुंबई के लोगों ने आपसे मांग की थी कि हमको अहमदाबाद बहुत जल्दी जाना है. मैं समझता हूं जापान के साथ जो फैसला हुआ है. उसका पूरा रिव्यू होना चाहिए.

भारत के इंजीनियर्स के पास ये क्षमता नहीं है कि इस स्पीड वाले ट्रेन बना पाएं.

ये गलत बात है, क्षमता है और अगर हमारे पास टेक्नलॉजी नहीं है तो उसे हम खरीद सकते हैं. कोलेबोरेशन कर सकते हैं. लेकिन पूरा का पूरा कॉन्ट्रैक्ट जापान को देना गलत बात थी. मुंबई-पुणे हाइपर लूप से 20-25 मिनट में ट्रैवल होगा, बहुत अच्छी बात है. ये फ्यूचरिस्टिक प्रोजेक्ट है. हाई टेक्नलॉजी प्रोजेक्ट है. लेकिन दुनिया में अभी कहीं भी हाइपर लूप नहीं चल रहा है और 70-80 हजार करोड़ की बात कर रहे हैं. कौन खर्चा करेगा? इसके टिकट की कीमत क्या होगी? लोग अफोर्ड कर पाएंगे? ये सब चीजें पारदर्शी तरीके से आप कीजिए, उसे हम मान सकते हैं, विचार कर सकते हैं, चर्चा कर सकते हैं. लेकिन आप किसी को बिना बताए, चुपके से बिल्कुल अपारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं. हम उसका विरोध कर रहे हैं.

कुछ और ऐसे बड़े विषय, मुद्दे या पिछली सरकार के फैसले हैं, जिसे आप रद्द या रिव्यू करना चाहेंगे?

रिव्यू तो जरूर करना चाहिए. जैसे किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा, उसके लिए सरकार ने क्या व्यवस्था की है, वो बताइए. क्यों नहीं हो रहा ये पूरा. हर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का अध्ययन होना चाहिए. हर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को रिव्यू तो करना ही चाहिए. बंद करना नहीं करना...(बाद की बात है). आरे कारशेड रोक दिया गया है. मैं मानता हूं ये सही फैसला है. कारशेड कहीं और बनाना चाहिए. थोड़ा ज्यादा पैसा लगेगा... कोई बात नहीं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 08 Dec 2019,05:39 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT