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वीडियो एडिटर- विवेक गुप्ता
“माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार जी, हम लोग लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे हुए हैं. खाने की भी अब दिक्कत हो रही है. जिस पढ़ाई के लिए हम लोग यहां आए थे, वो भी नहीं हो पा रही है, मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है. दूसरे राज्यों की सरकार अपने यहां के बच्चों को लेकर जा रही है लेकिन आप क्यों हमें वापस नहीं बुला रहे हैं.” बिहार के जहानाबाद जिले के रहने वाले अंकित ने ये गुहार अपने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लगाई है. अंकित कोटा में मेडिकल की तैयारी कर रहा है. लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से वो बिहार वापस नहीं आ सकता है.
बता दें कि राजस्थान के कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेस एग्जाम्स की कोचिंग कर रहे बिहार के हजारों छात्र-छात्राएं लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारें अपने राज्य के बच्चों को विशेष बस के जरिए घर पहुंचा चुकी है. ऐसे में बिहार के बच्चे भी अब घर जाने की मांग उठा रहे हैं.
कोटा के ऐलेन कोचिंग में पढ़ने वाले पश्चिमी चंपारण के सावन कुमार बताते हैं, “25 मार्च को जब लॉकडाउन हुआ तब से एक महीना बीत चुका है और नाशते में सिर्फ मैगी खा रहे हैं. बाहर कहीं जा नहीं सकते हैं. बाहर खाने का कुछ खुला नहीं है.”
वहीं दीपक बताते हैं कि यहां ओपन मेस चलता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कई ओपन मेस बंद है, ऐसे में खाने का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है. सावन कहते हैं, "खाना जिस मेस से आ रहा है. उससे भी कोरोना फैलने का डर है. क्योंकि मेस वाले भी कई जगह जाते हैं. कोटा में भी कई सारे कोरोना के मामले आए हैं."
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरे राज्यों द्वारा बच्चों को कोटा से वापस अपने राज्य ले जाने का लगातार विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि अगर बच्चों को वापस लाया जाएगा तो यह लॉकडाउन सफल नहीं होगा. लेकिन इसी लॉकडाउन के बीच बिहार में बीजेपी के विधायक अनिल सिंह अपनी बेटी को कोटा से वापस बिहार ले जाते हैं. अब इस बात से छात्र नाराज हैं.
एक छात्र गुस्से में कहते हैं,
बता दें कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी कोटा से बच्चों को लाने पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था, “राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थान में बिहार के छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं. कुछ राज्य अपने छात्रों को वहां से वापस बुला चुके हैं. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरुप हमलोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. जब तक नियमों में संशोधन नहीं होगा तब तक किसी को भी वापस बुलाना संभव नहीं है.”
नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिये आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे. कोटा ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी बिहार के छात्र/छात्राएं पढ़ते हैं. हालांकि इस पर केंद्र की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिहार के बच्चों के लिए केंद्र सरकार कोई आदेश देगी? या इन बच्चों को इंतजार करना होगा?
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