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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पूर्णकालिक बजट 2020-21 पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि सरकार ने महगांई पर काबू पाया है और यह बजट देश की उम्मीदों को पूरा करेगा. उम्मीद थी कि सबसे ज्यादा सुस्ती की मार झेल रहे रियल एस्टेट या ऑटो सेक्टर के लिए बजट में कोई बड़ा ऐलान होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अगर इन सेक्टर्स के लिए बड़ी घोषणाएं होतीं, तो कंज्यूमर डिमांड में भी इजाफे की गुंजाइश नजर आती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इस वजह से बाजार को बजट से निराशा हाथ लगी है. शेयर बाजार के लिहाज से क्यों है निराश करने वाला बजट? बता रहे हैं मार्केट एक्सपर्ट विजय केडिया.
विजय केडिया ने कहा-
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विजय केडिया ने बताया, "बजट तो आया और चला गया, लेकिन अब लोगों का फोकस वापस शिफ्ट हो जाएगा इकनॉमी के ऊपर. आर्थिक मंदी जो चल रही है, अब देखना है सरकार उसके लिए क्या करती है. ऐसा नहीं है कि बजट के बाद अब सरकार कुछ करेगी नहीं. ऐसा भी नहीं था कि उनको बजट में ही कुछ करने को था. इसलिए अब फोकस सिमटकर आ जाएगा इकनॉमी में. दूसरा फोकस होगा जो देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, उसके ऊपर. तीसरा फोकस होगा कोरोनावायरस होगा. ये एक अहम विषय है. ये भी देखना होगा कि कहीं ये पूरी दुनिया के ऊपर मंदी न ला दे. आशा करते हैं कि आने वाल कल अच्छा होगा"
बता दें कि बजट में होने वाले ऐलानों का सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिला. शेयर बाजार बजट से नाखुश दिखाई दिया और यह भारी गिरावट के साथ बंद हुआ है. बजट के कारण शनिवार को शेयर मार्केट छुट्टी के दिन भी खुला था. इस दौरान सेंसेक्स 938 और निफ्टी 300 अंक गिरकर बंद हुआ.
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