Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 देश की आजादी और आर्थिक मजबूती के लिए लड़ने वाले ‘लाल’ 

देश की आजादी और आर्थिक मजबूती के लिए लड़ने वाले ‘लाल’ 

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी ‘पंजाब केसरी’ लाला लाजपत राय 

शोहिनी बोस
वीडियो
Published:
28 जनवरी:  स्वतंत्रता सेनानी और पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखने वाले लाला लाजपत राय की जयंती  
i
28 जनवरी: स्वतंत्रता सेनानी और पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखने वाले लाला लाजपत राय की जयंती  
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम, अभिषेक शर्मा

‘मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी, ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी.’

30 अक्टूबर 1928 को हुए एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान ब्रिटिश पुलिस की लाठी चार्ज से घायल
लाला लाजपत राय ने 17 दिनों बाद दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन उनके शब्द बिल्कुल सही साबित हुए!

लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोंगा जिले में हुआ था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

1880 में इन्होंने कलकत्ता और पंजाब यूनिवर्सिटी की एंट्रेस परीक्षा एक ही साल में पास की. 1882 में इन्होंने एफए की परीक्षा पास की. इसके बाद वकालत की डिग्री लेकर प्रैक्टिस करने लगे.

कानून की पढ़ाई के दौरान राय लाला हंस राज और गुरु दत्त विद्यार्थी से मिले. जिनके साथ मिलकर उन्होंने 'स्वदेशी' की नींव रखी और उसे आगे बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई.

उन्होंने 1894 में पंजाब नेशनल बैंक के नाम से देश के पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखी.

लाला लाजपत राय स्कॉलर, नेता, पत्रकार, वकील, बैंकर, एक देशप्रेमी थे-जिन्होंने देश की राजनीति को नया मोड़ दिया और आजादी के लिए लड़े.

राय ने ‘द ट्रिब्यून’ सहित कई अखबारों में लेख लिखे. साथ ही में उन्होंने कई किताबें भी लिखी जिनमें ‘आर्य समाज’, ‘यंग इंडिया’,’द स्टोरी ऑफ माय डिपोर्टेशन’ और ‘अनहैप्पी इंडिया’ शामिल हैं.  

1885 में कांग्रेस की स्थापना के वक्त से ही लाला लाजपत राय इसमें प्रमुख स्थान रखते थे. लाला लाजपत राय ने महाराष्ट्र के लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और बंगाल के बिपिन चंद्र पाल के साथ मिलकर कांग्रेस के भीतर ‘गरम दल’ की मौजूदगी दर्ज कराई. इन तीनों को उस वक्त लाल-बाल-पाल की त्रिमूर्ति के तौर पर जाना जाता था.

पंजाब में उनके प्रभाव को देखते हुए लोग उन्हें पंजाब केसरी यानी पंजाब का शेर कहते थे. 17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय का निधन हो गया. लाला लाजपत राय के निधन के 20 साल बाद भारत को आजादी हासिल हुई.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT