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मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाली 82 वर्षीय उर्मिला चतुर्वेदी का 5 अगस्त को वह संकल्प पूरा होने जा रहा है, जिसके कारण उन्होंने 28 साल से अन्न नहीं ग्रहण किया. साल 1992 में जब अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाया गया था, तब उन्होंने संकल्प लिया था कि राम मंदिर का निर्माण शुरू होने पर ही अन्न ग्रहण करेंगी.
स्थानीय जबलपुर के विजय नगर में रहने वाली उर्मिला देवी उस दिन से खुश हैं, जिस दिन सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था. उन्होंने फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर बधाई दी थी.
चतुर्वेदी ने जब उपवास शुरू किया था, तब उनकी उम्र 53 साल थी। पहले लोगों ने उन्हें बहुत समझाया कि उपवास तोड़ दें, लेकिन वे अडिग रहीं और फलाहार के साथ-साथ राम भक्ति में लीन रहीं.उर्मिला चतुवेर्दी का कहना है कि
उर्मिला का कहना है कि राम मंदिर के लिए भूमि पूजन होने के बाद वह अयोध्या जाएंगी और सरयू में स्नान करने बाद रामलला के दर्शन करने के बाद अपना संकल्प पूरा करते हुए अन्न ग्रहण करना चाहेंगी. उनकी बहू रेखा चतुर्वेदी का कहना है कि-
जबलपुर की उर्मिला द्वारा 28 वर्ष तक अन्न न ग्रहण करने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा है, 'प्रभु श्रीराम कभी भक्तों को निराश नहीं करते हैं, फिर चाहे वह त्रेतायुग की शबरी माता हों या आज की मैया उर्मिला! माता, धन्य है आपकी श्रद्धा! यह संपूर्ण भारतवर्ष आपको नमन करता है! जय सियाराम!'
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