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(इस खबर को सबसे पहले 4 अगस्त 2020 को पब्लिश किया गया था. क्विंट के आर्काइव से इसे दोबारा पब्लिश किया जा रहा है.)
वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह
अयोध्या के धार्मिक इतिहास, फिर बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े विवाद पर तो बहुत कुछ बताया-लिखा जाता रहा है. लेकिन इससे अलग भी एक अयोध्या है. कितनी आबादी है, कितनी आमदनी है, कितनी शिक्षा है? ये सब हम आपको इस स्टोरी में बताएंगे.
उत्तराखंड से निकलने वाली ‘काली नदी’ में, जब दक्षिण तिब्बत से नेपाल के रास्ते आने वाली ‘घाघरा नदी’ मिलती है, तो उसे स्थानीय लोग ‘सरयू’ नाम से पुकारते हैं. हालांकि इतिहासकार इसे घाघरा नाम से ही लिखते रहे हैं. इसी सरयू नदी के तट पर अयोध्या की बसाहट है. सरयू को वैदिक कालीन नदी माना जाता है.
इसी इलाके में 10वीं और 11वीं शताब्दी में कन्नौज राज्य का उभार हुआ, जो अपने वक्त का एक ताकतवर राज्य था. 13वीं शताब्दी में इलाके को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया गया. दिल्ली सल्तनत के खात्मे के बाद इलाका मुगलों के पास चला गया, बाद में वहां सादत अली खान ने स्वतंत्र अवध राज्य बनाया. 1764 में जब बक्सर की लड़ाई में मुगलों के साथ-साथ अवध नवाब शुजाउद्दौला की हार हुई, तो अयोध्या समेत अवध पर अंग्रेजों का राज हो गया.
अयोध्या में 11 ब्लॉक और पांच तहसील- रुदौली, मिल्कीपुर, सोहावाल, फैजाबाद और बिकापुर हैं. अयोध्या, फैजाबाद तहसील के तहत आता है. जिले में पांच विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भी हैं.
फैजाबाद अपने चमड़े के काम और अमरूद की खेती के लिए प्रसिद्ध रहा है. वहीं अयोध्या में धार्मिक पर्यटन एक बड़ा व्यवसाय बनकर सामने आया है. राम मंदिर के बन जाने से वहां पर्यटकों की तादाद बढ़ने का अनुमान है, रिपोर्टों के मुताबिक इलाके में जमीनों के दामों में भी तेजी से इजाफा हुआ है. इलाके में तिलहन, कपास और गेहूं की भी खूब खेती होती है.
अयोध्या में करीब 90 फीसदी परिवारों की आय 10,000 रुपये प्रतिमहीने से कम है. अगर इस आंकड़े को आगे और तोड़ें तो हम पाते हैं कि जिले की 69.25% परिवार महीने में पांच हजार रुपये से भी कम आय पर जीती है, वहीं 21.15% परिवार महीने में 5000-10000 रुपये की बीच कमाते हैं.
अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन से 6 दिन पहले मंदिर से संबंधित एक पुजारी और चार पुलिसवाले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. पुजारी के संक्रमित होने के चलते कार्यक्रमों की तैयारियों पर बड़े सवाल खड़े हो गए थे. बाद में जिला प्रशासन ने साफ किया कि इन मामलों से कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
अयोध्या जिले में 556 से ज्यादा कोरोना के मामले अब तक सामने आ चुके हैं. इनमें से 318 लोग ठीक भी हो चुके हैं. वहीं 6 लोगों की अब तक मौत हुई है.
कोरोना को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रांगण में विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं. मंदिर प्रशासन के मुताबिक 70 एकड़ के प्रांगड़ में 5 एकड़ में सिर्फ पंडाल ही लगाया गया है. सब मिलाकर परिसर में भी केवल 250 लोग ही मौजूद रहेंगे.
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