Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मैं अयोध्या हूं - जानिए यहां कितनी आमदनी, आबादी, शिक्षा

मैं अयोध्या हूं - जानिए यहां कितनी आमदनी, आबादी, शिक्षा

धार्मिक पहचान वाली अयोध्या के बारे में तो आपने खूब जाना होगा, आज जानिए अयोध्या शहर और जिले के बारे में

सुदीप्त शर्मा
भारत
Updated:
 जानिए अयोध्या शहर और जिले के बारे में
i
जानिए अयोध्या शहर और जिले के बारे में
(ग्राफिक्स: इरम गौड़/क्विंट हिंदी)

advertisement

(इस खबर को सबसे पहले 4 अगस्त 2020 को पब्लिश किया गया था. क्विंट के आर्काइव से इसे दोबारा पब्लिश किया जा रहा है.)

वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान

वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह

अयोध्या के धार्मिक इतिहास, फिर बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े विवाद पर तो बहुत कुछ बताया-लिखा जाता रहा है. लेकिन इससे अलग भी एक अयोध्या है. कितनी आबादी है, कितनी आमदनी है, कितनी शिक्षा है? ये सब हम आपको इस स्टोरी में बताएंगे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अयोध्या का इतिहास

उत्तराखंड से निकलने वाली ‘काली नदी’ में, जब दक्षिण तिब्बत से नेपाल के रास्ते आने वाली ‘घाघरा नदी’ मिलती है, तो उसे स्थानीय लोग ‘सरयू’ नाम से पुकारते हैं. हालांकि इतिहासकार इसे घाघरा नाम से ही लिखते रहे हैं. इसी सरयू नदी के तट पर अयोध्या की बसाहट है. सरयू को वैदिक कालीन नदी माना जाता है.

अयोध्या महाजनपद काल में कौशल प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी. लेकिन बाद में 6BC से 5BC के बीच, जब बौद्धों की इलाके के सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर पकड़ मजबूत हुई, तो श्रावस्ती राजधानी बन गई.
विद्वानों की मानें तो इस वक्त अयोध्या की जगह पर तब साकेत नाम का शहर हुआ करता था. पांचवी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत की यात्रा करने वाले चीनी यात्री फाह्यान ने भी साकेत का जिक्र करते हुए वहां 100 से ज्यादा बौद्ध विहार होने की बात कही है. अयोध्या में मौर्य सम्राट अशोक ने 3BC में एक स्तूप का निर्माण भी करवाया था.

इसी इलाके में 10वीं और 11वीं शताब्दी में कन्नौज राज्य का उभार हुआ, जो अपने वक्त का एक ताकतवर राज्य था. 13वीं शताब्दी में इलाके को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया गया. दिल्ली सल्तनत के खात्मे के बाद इलाका मुगलों के पास चला गया, बाद में वहां सादत अली खान ने स्वतंत्र अवध राज्य बनाया. 1764 में जब बक्सर की लड़ाई में मुगलों के साथ-साथ अवध नवाब शुजाउद्दौला की हार हुई, तो अयोध्या समेत अवध पर अंग्रेजों का राज हो गया.

18वीं सदी में जब मुगल सल्तनत अपने पतन पर थी, तब इस इलाके में सादत अली खान ने अवध सूबे को आजाद राज्य घोषित कर दिया. अयोध्या के बाहरी किनारे पर खान ने 1722 में अपनी राजधानी बनवाई और इसे नाम दिया- फैजाबाद.

आज की अयोध्या

लखनऊ से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर स्थित, अयोध्या और फैजाबाद जुड़वां शहर कहे जाते हैं. 2018 तक अयोध्या जिले को फैजाबाद के नाम से ही जाना जाता था. 2,522 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला अयोध्या जिला क्षेत्रफल के हिसाब से प्रदेश के छोटे जिलों में से एक है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां की आबादी 24,70,996 (करीब 25 लाख) है. अयोध्या शहर, अयोध्या जिले के तीन नगरीय इलाकों में से एक है. यहां की आबादी 55,890 है. सामाजिक, आर्थिक और जातिगत सर्वेक्षण, 2011 के मुताबिक, ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले इस जिले में 4,27,113 परिवार रहते हैं. इनमें से 3,77,144 परिवार ग्रामीण इलाकों में और 49,969 शहरी इलाके में बसते हैं.

(ग्राफिक्स: कामरान अख्तर/क्विंट हिंदी)
जिले का लैंगिक अनुपात 961 है, जो उत्तर प्रदेश के लैंगिक अनुपात 879 (2013-15) से काफी बेहतर है.

अयोध्या में 11 ब्लॉक और पांच तहसील- रुदौली, मिल्कीपुर, सोहावाल, फैजाबाद और बिकापुर हैं. अयोध्या, फैजाबाद तहसील के तहत आता है. जिले में पांच विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भी हैं.

चमड़े के काम के लिए मशहूर है फैजाबाद

फैजाबाद अपने चमड़े के काम और अमरूद की खेती के लिए प्रसिद्ध रहा है. वहीं अयोध्या में धार्मिक पर्यटन एक बड़ा व्यवसाय बनकर सामने आया है. राम मंदिर के बन जाने से वहां पर्यटकों की तादाद बढ़ने का अनुमान है, रिपोर्टों के मुताबिक इलाके में जमीनों के दामों में भी तेजी से इजाफा हुआ है. इलाके में तिलहन, कपास और गेहूं की भी खूब खेती होती है.

सामाजिक, आर्थिक और जातिगत सर्वेक्षण के मुताबिक, अयोध्या जिले की ग्रामीण आबादी में से 40.45 फीसदी लोग कृषिगत काम करते हैं, वहीं 46.92 फीसदी लोग अनौपचारिक मजदूरी करते हैं. कुल मिलाकर जिले की तीन चौथाई से ज्यादा आबादी असंगठित क्षेत्र में काम करती है.

अयोध्या में करीब 90 फीसदी परिवारों की आय 10,000 रुपये प्रतिमहीने से कम है. अगर इस आंकड़े को आगे और तोड़ें तो हम पाते हैं कि जिले की 69.25% परिवार महीने में पांच हजार रुपये से भी कम आय पर जीती है, वहीं 21.15% परिवार महीने में 5000-10000 रुपये की बीच कमाते हैं.

अयोध्या शहर में शिक्षा के आंकड़े उत्तरप्रदेश राज्य की तुलना में बेहतर दिखाई पड़ते हैं. शहर की साक्षरता दर 78.15% है, जो राज्य साक्षरता दर (67.68) से ज्यादा है.

कोरोना का कितना असर?

अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन से 6 दिन पहले मंदिर से संबंधित एक पुजारी और चार पुलिसवाले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. पुजारी के संक्रमित होने के चलते कार्यक्रमों की तैयारियों पर बड़े सवाल खड़े हो गए थे. बाद में जिला प्रशासन ने साफ किया कि इन मामलों से कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

अयोध्या जिले में 556 से ज्यादा कोरोना के मामले अब तक सामने आ चुके हैं. इनमें से 318 लोग ठीक भी हो चुके हैं. वहीं 6 लोगों की अब तक मौत हुई है.

कोरोना को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रांगण में विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं. मंदिर प्रशासन के मुताबिक 70 एकड़ के प्रांगड़ में 5 एकड़ में सिर्फ पंडाल ही लगाया गया है. सब मिलाकर परिसर में भी केवल 250 लोग ही मौजूद रहेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Aug 2020,03:17 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT