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ड्रग्स केस: क्या आर्यन खान किसी साजिश का शिकार हुआ?

सवाल उठ रहे हैं कि एनसीबी के रेड में बीजेपी का वर्कर क्या कर रहा था?

शादाब मोइज़ी
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<div class="paragraphs"><p> NCB रेड में BJP का वर्कर क्या कर रहा था?</p></div>
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NCB रेड में BJP का वर्कर क्या कर रहा था?

(फोटो: Altered by Quint Hindi)

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

ये कहानी है मायानगरी मुंबई की. जहां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम एक क्रूज शिप पर चल रही पार्टी में रेड करती है. फिर रात का सीन, एनसीबी की रेड, ड्रग्स-चरस की इंफोर्मेशन. अमीर बाप का बेटा, उसके कुछ दोस्त, पीछा करता कैमरा. फिर मीडिया की हेडलाइन. और इसी बीच सामने आती है एक तस्वीर और शुरू होते हैं कई सवाल.

दरअसल, मुंबई क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) और कई लोगों का नाम आया है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने दावा किया है कि इसमें बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. लेकिन अब NCB ही सवालों के घेरे में है.

एनसीबी की कहानी के कुछ 'किरदार' ग्रे शेड वाले हैं और प्लॉट में सस्पेंस है. सवाल उठ रहा है कि एनसीबी के रेड में बीजेपी का वर्कर क्या कर रहा था. सवाल है कि एनसीबी ड्रग्स रैकेट का भंडा फोड़ कर रही थी तो शाहरुख के बेटे के साथ सेल्फी लेने वाला शख्स कौन था और वो एनसीबी के साथ क्यों था.

एनसीबी की रेड सवालों के रडार पर है इसलिए हम पूछ रहे हैं जनाब ऐसे कैसे.

क्या है पूरा मामला?

दो अक्टूबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दावा किया कि मुंबई के समंदर में आलीशान लग्जरी क्रूज पार्टी से ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत आठ हाई प्रोफाइल लोग गिरफ्तार हुए. विक्रांत चोकर, इश्मित सिंह चड्ढा, अरबाज ए मर्चेंट, गोमित चोपरा, मुनमुन धमेचा, नूपुर सारिका, मोहक जसवाल, श्रेयस नायर. एनसीबी का दावा है कि पुख्ता सुराग हाथ लगे हैं. जिसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और फिर कोर्ट ने आर्यन खान समेत बाकी लोगों को एनसीबी की कस्टडी में भेज दिया.

ये तो कहानी की शुरुआत हुई. लेकिन अभी सस्पेंस बरकरार था. ड्रग्स रिलेटेड केस में रेड के ठीक बाद आर्यन खान की एक शक्स के साथ सेल्फी सोशल मीडिया पर शेयर होने लगी. लोगों को लगा कि NCB के ऑफिस में बैठे आर्यन खान के साथ में कोई NCB का ऑफिसर होगा. लेकिन पहले तो NCB ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा कि ये आदमी NCB का अधिकारी नहीं है. चलिए ठीक है. लेकिन सवाल है कि फिर वो आदमी आर्यन खान के पास कैसे पहुंचा और उसे सेल्फी लेने क्यों दिया गया.

अब बताया जा रहा है कि आर्यन के साथ सेल्फी में नजर आ रहे व्यक्ति का नाम किरण गोसावी है. ये एनसीबी में काम नहीं करता है बल्कि ये एक प्राइवेट डिटेक्टिव है.

फिल्मी स्टाइल में रेड के बाद के वीडियो में शाहरुख खान के बेटे को लेकर एनसीबी ऑफिस की तरफ भागने वाला आदमी वही किरण गोसावी है जो सेल्फी में था.

लेकिन सवाल है कि किरण गोसावी एनसीबी में नहीं है तो इसने शाहरुख खान के बेटे का रेड के दौरान हाथ कैसे पकड़ा. क्यों वो आर्यन खान को एनसीबी दफ्तर लेकर आ रहा था. क्या एनसीबी के पास अपने स्टाफ नहीं हैं. क्या एनसीबी के रेड में कोई भी आकर आरोपियों को एस्कॉर्ट कर सकता है.अब एनसीबी कह रही है कि किरण गोसावी गवाह है. तो क्या गवाह अब इतने अहम रेड में आरोपी को पकड़ने का काम करता है. मतलब इतना अनयूजुअल स्क्रिप्ट.

आर्यन खान के साथ एनसीबी ने उसके दोस्त अरबाज मर्चेंट को भी पकड़ा था. इसी दौरान का एक वीडियो सामने आया था. जिस वीडियो में लाल शर्ट और चश्मा लगाए एक शख्स अरबाज मर्चेंट को पकड़े हुआ है और वो अरबाज को एनसीबी दफ्तर की तरफ लेकर भाग रहा है. ये जनाब हैं. मनीष भानुशाली, खुद को बीजेपी का वर्कर बताते हैं.

बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से लेकर नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीर शेयर करते हैं. भानुशाली को भी एनसीबी ने गवाह बताया है लेकिन तस्वीर देखकर कोई भी कह सकता है कि कि स्क्रिप्ट और शॉट मिसमैच है.मनीष भानुशाली और केपी गोसावा की भी गले लगे हुए ब्रो वाली पिक्चर है.

नवाब मलिक ने एनसीबी पर उठाए सवाल

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान पर एनसीबी के एक्शन को फेक पब्लिसिटी केस करार दिया था. उन्होंने कई सवाल उठाए हैं.

अब बताया जा रहा है कि 2018 में गोसावी के खिलाफ पुणे में एक धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज हो रखा है. विदेश में नौकरी लगाने के लिए इनकी एक KPG Dreamz Solutions नाम की एक कंपनी भी थी. मलेशिया में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे 3 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगा था.

भले ही एनसीबी सफाई दें कि बीजेपी वर्कर मनीष भानुशाली और केपी गोसावी गवाह थे. लेकिन सवाल है कि कौन सा गवाह पुलिस की टीम की तरह आरोपियों को पकड़ती है. कौन सा गवाह आरोपी के साथ सेल्फी लेता है.

अरबाज मर्चेंट के वकील ने अदालत में एक याचिका दायर की है. इसमें क्रूज श‍िप पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग की गई है. फुटेज के आधार पर पूछा गया है कि क्‍या वाकई एनसीबी अध‍िकारियों को क्रूज पर अरबाज के पास से ड्रग्‍स मिले थे या उन्‍हें इन चीजों को वहां प्‍लांट किया गया था. मतलब एनसीबी के इस थ्रिलर और सस्पेंस कहानी में अभी बहुत कुछ है.

अब सवाल है कि एनसीबी से जब पहली बार गोसावी के बारे में पूछा गया तो सिर्फ ये क्यों कहा कि ये एनसीबी अधिकारी नहीं है. क्यों नहीं उसी वक्त कहा कि ये इस मामले का गवाह है. ये गवाह वाली कहानी एनसीपी नेता नवाब मलिक के सवालों के बाद क्यों सामने आई?

ड्रग रैकेट और ड्रग्स जैसी चीजों के खिलाफ एक्शन जरूरी है, लेकिन लाइट कैमरा एक्शन के चक्कर में कही किरदार गलत तो नहीं चुन लिए गए? सवाल एनसीबी के कामकाज पर भी है.

रेड के लिए गई टीम की जान को खतरा होता है, कई बार ड्रग तस्करों ने रेड के लिए गई टीम पर हमला भी किया है. फिर ये कैसी तैयारी थी जहां करोड़ों के ड्रग तस्करी को पकड़ने के लिए अपनी टीम नहीं बल्कि किसी राजनीतिक दल के वर्कर का सहारा लेना पड़ा. एनसीबी ने सच में बहुत बड़ा रैकेट पकड़ा है या कहानी में कुछ और ट्विस्ट है? सवाल है ये भी कि पूड़िया तो पकड़ लिया लेकिन जिस बड़े कंटेनर से ऐसी हजारों पूड़िया बनती है, वो कब पकड़ा जाएगा?

NCB ने मुंबई के समंदर से क्रूज तो खोज निकाला, लेकिन वो अपने जाल में बड़ी मछलियों को कब फंसाएगा? फिलहाल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के स्क्रिप्ट को देखकर क्रिटीक तो पूछेंगे जनाब ऐसे कैसे?

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