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वीडियो एडिटर- पुर्णेंदू प्रीतम
वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की हार का जिम्मेदार कौन? नेहरू....जी हां आप ने सही सुना. कोहली एंड टीम की हार के दोषी पंडित जवाहर लाल नेहरू हैं.. क्योंकि देश की सारी समस्याओं के एक ही जड़ है, वो हैं नेहरू.
चीन लाल आंखें दिखाता है, उसका जिम्मेदार कौन है? नेहरू. पाकिस्तान बनने का जिम्मेदार कौन? नेहरू. हॉस्पिटल में बच्चे मरे, जिम्मेदार कौन? देश में बेरोजगारी बढ़ी, जिम्मेदार कौन? नेहरू. लेकिन हम आपको उनकी गलतियों का पूरा ब्योरा देंगे. DNA टेस्ट करेंगे. सबसे बड़ा खुलासा करेंगे.. अगर नेहरू ने गलतियां ना की होतीं तो आज कोहली के हाथों में चाय का कप नहीं बल्कि वर्ल्ड कप होता. देश जश्न में डूबा होता, आतिशबाजी हो रही होती, मिठाइयां बंटती ..लेकिन नेहरू की गलतियों ने पूरा मूड ऑफ कर दिया.. अब आप सोच रहे होंगे वो कैसे? तो हम आपको बताएंगे कि कैसे पंडित नेहरू ने हमारे सपनों पर पानी फेर दिया, देश को '370' तरह की मुसीबतें दे दीं..
वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया को 18 रनों से हरा दिया. भारत के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज जिस तरह आउट हुए मानो "इंडिया आफ्टर गांधी' की एक ही कॉपी है और सबको पहले ही पढ़ना है. खैर टीम इंडिया की हार की पहली वजह नेहरू का अखंड भारत का विरोधी होना है....अब आप पूछेंगे ये क्या बात हुई.
दरअसल, हमें हाल ही में बताया गया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी अखंड भारत चाहते थे लेकिन नेहरू ने इसपर ध्यान नहीं दिया. तो अगर नेहरू श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अखंड भारत वाली सोच पर चलते तो आज पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश सब एक होते. फिर क्या था...इन सभी देशों के बेस्ट प्लेयर अपनी टीम में होते और हम न्यूजीलैंड के छक्के छुड़ा देते.
नेहरू की दूसरी सबसे गलती IIM और IIT जैसे संस्था खोलना. ये सब खुलता ही नहीं तो देश खेल पर फोकस करता. नेहरू डीफोकस हो गए थे, अगर क्रिकेट पर फोकस करते तो पहला वर्ल्ड कप भी हम ही जीतते. बारिश क्या हर मौसम, हर तरह के पिच पर खेलने की प्रैक्टिस होती हमें और आज ये दिन नहीं देखना पड़ता. नेहरू अगर सरदार पटेल की बात सुनते... सॉरी यहां सरदार पटेल वाला फिट नहीं बैठ रहा है..
WhatsApp University में तो आपने पढ़ा ही होगा कि जिस तरह नेहरू ने चीन को यूनाइटेड नेशन की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता गिफ्ट कर दी. उसी तरह यहां भी नेहरू ने एक गलती कर दी. जिसकी सजा देश आज भुगत रहा है. 1926 में जब इंडिया, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज ICC में शामिल हुए तब अगर नेहरू ने अगर न्यूजीलैंड के एंट्री का विरोध किया होता तो ना ये आईसीसी का सदस्य बनता, ना वर्ल्ड कप खेलता और ना हमारी आज बेइज्जती होती..
चलिए अब हम सरदार पटेल का भी जिक्र कर लेते हैं .. अगर नेहरू सरदार पटेल की बात सुनते तो बाकि रियासतों की तरह न्यूजीलैंड को भी भारत से मिलाने पर जोर देते.. अगर न्यूजीलैंड भारत में मिल गया होता तो 'हम सब साथ-साथ' होते और हमारी हार भी नहीं होती वो अलग बात है कि सरदार पटेल ने कभी न्यूजीलैंड का नाम नहीं लिया था..
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