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झांसी एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद (Asad Ahmed) का अंतिम संस्कार शनिवार को प्रयागराज में किया गया. असद को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया. वहीं, मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में शूटर गुलाम हसन को दफनाया गया.
असद के अंतिम संस्कार को लेकर प्रयागराज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. असद के जनाजे में उसके नाना, मौसा सहित 25 करीबी रिश्तेदार शामिल हुए. अंतिम संस्कार के बाद मीडिया से बातचीत में असद के नाना ने बताया कि कई साल पहले उनकी असद से मुलाकात हुई थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मैंने पुश्तैनी मकान पर सारी व्यवस्था कर रखी थी. लेकिन शव को वहां नहीं लाने दिया गया. इसको लेकर नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है. जो शासन-प्रशासन कहेगा उसके हिसाब से हमें चलना पड़ेगा.
बेटे के अंतिम संस्कार में अतीक अहमद शामिल नहीं हो पाया. वहीं असद की मां शाइस्ता परवीन भी अपने बेटे को आखिरी समय में नहीं देख पाईं. अतीक के वकील विजय मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोर्ट के समय के पहले ही असद को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया, इसलिए कोर्ट में अर्जी नहीं लग सकी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि अतीक अहमद को असद के जनाजे में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि असद की मां शाइस्ता परवीन यहां मौजूद नहीं थीं. शासन प्रशासन ने अंतिम प्रक्रिया कराने में सहयोग किया और किसी को एतराज नहीं है.
वहीं असद के नाना हामिद अली ने कहा कि,
असद को दफनाए जाने से पहले पुलिस प्रशासन ने पूरे इलाके और कब्रिस्तान के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी. जनाजे में परिवार के लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी. वहीं भीड़ को कब्रिस्तान के बाहर ही रोक दिया गया था.
बता दें कि असद और गुलाम उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी थे. दोनों पर पुलिस ने 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने झांसी में दोनों का एनकाउंटर कर दिया था.
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