advertisement
कई देशों में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे (Valentine's Day) मनाया जाता है. पिछले कई सालों से वैलेंटाइन डे से जुड़े फेक दावे भी वायरल होते चले आ रहे हैं. इन दावों में ये अपील की जाती है कि वैलेंटाइन डे न मनाएं, क्योंकि इसी दिन स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह (Bhagat Singh), सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी. इस साल भी ऐसे फेक दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं.
हालांकि, इतिहास के मुताबिक, इन सेनानियों को 14 फरवरी को नहीं, 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी और ये बात वेल डॉक्युमेंटेड भी है.
सोशल मीडिया पर ये दावा 14 फरवरी से कई दिन पहले से किया जा रहा है. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने वैलेंटाइन डे के विरोध के साथ-साथ दावे में लिखा कि 14 फरवरी को शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.
ये दावा फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह कई लोगों ने शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
Labdhi Thakkar नाम के एक फेसबुक यूजर ने इसी दावे के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसे आर्टिकल लिखते समय तक 800 से ज्यादा लाइक, 150 से ज्यादा शेयर और 2000 से ज्यादा व्यू मिल चुके हैं.
ये दावा पूरी तरह से गलत है. इतिहास के मुताबिक, तीनों को 7 अक्टूबर 1930 को फांसी की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद, उन्हें 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी. हालांकि, उनकी सजा का दिन 24 मार्च तय किया गया था.
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर हाईकोर्ट ने मौत की सजा देने के लिए एक स्पेशल ट्रिब्यूनल की शक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था. और इसके बाद, तीनों सेनानियों को एक दिन पहले ही सजा दे दी गई.
क्विंट से बातचीत में इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा था:
इसके अलावा, हमने इससे जुड़ी और जानकारी ढूंढने की कोशिश की. हमें The Tribune पर 24 मार्च 2020 को अपडेट किया गया एक आर्टिकल मिला. जिसकी हेडलाइन थी, ''BHAGAT SINGH, RAJGURU AND SUKHDEV EXECUTED".
इस आर्टिकल में ऊपर जानकारी दी गई थी, ''23 मार्च को शहीद भगत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर, हम 25 मार्च, 1931 के अपने संस्करण से एक रिपोर्ट रिप्रोड्यूस कर रहे हैं.''
इस आर्टिकल में भी वही फैक्ट बताया गया था कि भगत सिंह और दोनों क्रांतिकारियों को 23 मार्च को फांसी दी गई थी.
हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 23 मार्च 2021 का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें उन्होंने इन सेनानियों को इसी दिन यानी उनके 'असली' शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि दी थी.
ऐसा हो सकता है कि 14 फरवरी से जुड़ा ये दावा भगत सिंह के विकिपीडिया पेज से पनपा हो. 16 फरवरी 2011 की The Hindu की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 और 14 फरवरी को विकिपीडिया पेज में शरारत कर भगत सिंह की फांसी की तारीख में बदलाव किया गया था.
जैसा कि इरफान हबीब कहते हैं कि ये दावा हर साल वैलेंटाइन्स डे के मौके पर ही वायरल होता है, तो साफ है कि ये साल भी कोई अपवाद नहीं है.
मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा पूरी तरह से गलत है कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 14 फरवरी को फांसी दी गई थी.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)