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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का दावा है कि बिहार (Bihar) में लॉ एंड ऑर्डर ठीक है. लेकिन क्या वाकई में कानून का इकबाल बुलंद है? हम ऐसा इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि बिहार पिछले तीन दिनों से हिंसा की आग में झुलस रहा है.
रामनवमी से शुरू हुआ बवाल अभी तक शांत नहीं हुआ है. नालंदा में गोली चली तो सासाराम में पत्थरबाजी हुई. गया में भी तनाव फैल गया. लेकिन सवाल है कि क्या इन दंगों को रोका जा सकता था? क्या सरकार से कोई चूक हुई या फिर पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरती है?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि जरूर किसी ने कोई गड़बड़ किया है. 'किसी' से उनका क्या तात्पर्य है ये तो वो ही जानें लेकिन नालंदा से लेकर सासाराम और गया तक तनाव है. पहले आपको एक-एक करके बताते हैं कि आखिर हिंसा कैसे भड़की?
पहले बात नालंदा की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में धारा 144 लागू है, इंटरनेट बंद है. शनिवार को फिर गोलियां चली. इसमें एक शख्स की मौत हो गई. पुलिस ने अब तक 77 लोगों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल हिंसा की शुरुआत शुक्रवार को रामनवमी जुलूस निकालने के दौरान हुई. जुलूस जब गगन दीवान मोहल्ले से गुजर रहा था इस दौरान पथराव हुआ. देखते ही देखते सड़कें जंग का मैदान बन गईं. उपद्रवियों ने दुकानों, गाड़ियों समेत कई घर-गोदामों को आग के हवाले कर दिया. बाद में पुलिस ने मोर्चा संभाला. शनिवार को दिनभर सबकुछ ठीक रहा है. लेकिन शाम होते ही फिर से हिंसा भड़क उठी. पथराव के साथ फायरिंग भी हुई. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए बाहर से 9 कंपनियां बुलाई गईं हैं.
ऐसे ही हालात रोहतास जिले के सासाराम में भी हैं. यहां भी पिछले तीन दिनों से तनाव है. गुरुवार 30 मार्च को सासाराम के मदार दरवाजा गांव से रामनवमी जुलूस निकाला जा रहा था. इस दौरान दो समुदाय के युवकों के बीच गाली-गलौज हुई. इसके अगले दिन यानी 31 मार्च को सुबह करीब 11 बजे दोनों समुदाय के लोग फिर आमने-सामने हो गए. इस दौरान पथराव और आगजनी की घटना हुई.
शनिवार देर शाम को एक बम विस्फोट हुआ. जिसमें 6 लोग घायल हो गए. डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि एक समुदाय के कुछ लोगों ने दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल पर विस्फोटक फेंका है. लेकिन घटना स्थल को देखने के बाद पता चला की धमाका विस्फोटकों की गलत हैंडलिंग के कारण हुआ था. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
राज्य के मौजूदा हालात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से बातचीत की है. उनसे प्रदेश की कानून व्यवस्था की जानकारी ली. इन सब के बीच सियासी आग भी सुलग रही है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने नीतीश कुमार पर हमला बोला. तो जेडीयू नेता नीरज कुमार ने पलटवार किया है.
अगर 2021 के NCRB के आंकड़ों पर नजर डालें तो दंगों के मामले में बिहार देश में तीसरे नंबर पर है. 2021 में बिहार में दंगों के 6,298 मामले सामने आए. सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के 51 मामले दर्ज हुए थे. दंगों के सबसे ज्यादा 8,709 मामले महाराष्ट्र में सामने आए थे.
बहरहाल, हिंसा की ताजा घटनाओं ने एक बार फिर बिहार की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है. सुशासन का दावा करने वाले नीतीश कुमार के राज में बिहार हिंसा की आग में झुलस रहा है. और नेता सियासी रोटियां सेक रहे हैं.
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