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हाल ही में NCRB ने साल 2018 के आंकड़े जारी किए थे, उन आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 33356 महिलाओं से रेप रिपोर्ट किया गया था. ये आंकड़े अब पुराने हो गए है, आंकड़े बदल रहे हैं लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले तो रुकने का नाम नहीं ले रहे है. हम किस तरफ जा रहे हैं. इसका एक नमूना दिल्ली से भी सामने आया है, ध्यान देने वाली बात ये है कि ये सामने आया है, बहुत सारे मामले ऐसे भी होंगे जो अबतक रिपोर्ट ही नहीं हुए हैं.
दरअसल, दिल्ली के टॉप स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों लड़के एक इंस्टाग्राम ग्रुप से जुड़े थे. इस इंस्टाग्राम चैटरूम के जो स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए हैं वो डरा देने वाले हैं. इन स्क्रीनशॉट्स में दिख रहा है कि ये लड़के नाबालिग लड़कियों के फोटो शेयर करते हैं, उन्हें मॉर्फ करते हैं, लड़कियों को ऑब्जेक्टिफाई किया जाता है यहां तक की गैंगरेप का प्लान बनाया जाता है. ऐसा स्क्रीनशॉट के आधार पर दिख रहा है.
ये मामला कैसे सामने आया उसे समझते हैं, एक ट्विटर यूजर ने 3 मई को ‘Bois Locker Room’ नाम के एक इंस्टाग्राम चैट ग्रुप के बारे में ट्वीट किया और इस ग्रुप की करतूतों को साझा किया.
साउथ दिल्ली की एक लड़की ने भी ट्विटर पर चैट ग्रुप का स्क्रीनशॉट शेयर किया और लिखा, "17-18 साल के साउथ दिल्ली के लड़कों के इस इंस्टाग्राम ग्रुप में उनकी ही उम्र की लड़कियों की तस्वीरें शेयर की जाती हैं. मेरे स्कूल के दो लड़के इसका हिस्सा हैं. मैं और मेरे दोस्त डर गए हैं और मेरी मां चाहती हैं कि मैं इंस्टाग्राम छोड़ दूं."
हम उसका आसानी से रेप कर सकते हैं, 'तुम जहां कहोगे मैं आ जाऊंगा-हम उसका गैंगरेप करेंगे' ऐसी ऐसी चैट की गई हैं उस ग्रुप पर.
फिलहाल, दिल्ली पुलिस ने आईटी एक्ट और IPC की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि इस ग्रुप के 10 मेंबर्स के बारे में पता चल चुका है. सबूत जुटाए जा रहे हैं, ये सारे आरोपी नाबालिग बताए जा रहे हैं.
न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है, सारे डिवाइसेज जिनसे ये चैट करते थे उन्हें जब्त कर लिया गया है.
अब यहां एक अहम बात कि क्या महज, इन कार्रवाइयों से हालात सुधरेंगे...अभी मैंने आपसे यौन उत्पीड़न के आंकड़े साझा किए थे.....कहने का मतलब ये है कि ऐसी वारदातों से दिखता है कि हमारे आसपास रेप कल्चर का माहौल पैदा हो रहा है.
रेप कल्चर मतलब कि एक ऐसा माहौल जिसमें जेंडर और सेक्सुएलिटी को लेकर जो सामाजिक रवैया है उससे ज्यादा रेप और शोषण होते हैं और ऐसा माहौल जहां महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा को नॉर्मल मान लिया जाता है.
नॉर्मल मान लेने से मतलब ये है कि ऐसे व्यवहार जिसमें विक्टिम ब्लेमिंग शुरू हो जाएगी, स्लट शेमिंग, सेक्सुअल ऑब्जेक्टिफिकेशन, यौन हमले को कमतर आंका जाता है...
यौन हिंसा को आकर्षक बनाना और ऐसा समाज बनाना जहां महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की उपेक्षा होती है.ये सब रेप कल्चर के माहौल को डेवलप करते हैं.
इसके इतने ही लक्षण हैं और बाकी कई सारे हैं. अब आप देखिए ट्विटर फेसबुक भी आप यूज करते हैं. कैसे-कैसे यूजर हैं. किसी महिला को अपनी बात रख देने पर कोई गाली सुना जाता है तो कोई रेप करने तक की धमकी देने लगता है. आए दिन कुछ महिला पत्रकार, एक्टिविस्ट और बहुत सारे लोग ऐसे स्क्रीनशॉट और वाकये शेयर करते रहते हैं.
ऐेसे में वक्त है कि थोड़ा ठहर जाएं, हम अपने आसपास अपने घरों में अपने बच्चों अपने भाइयों अपने दोस्तों की हरकतों को देखें कि कहीं ऐसा समाज पैदा करने के लिए हम खुद ही जिम्मेदार तो नहीं बनते जा रहे हैं.? दूसरी तरफ पेरेंट्स की ये भी जिम्मेदारी है कि वो अपनी बच्चियों से बात करें, खुलकर बात करें. ताकि पता चल सके कि इन चीजों के कारण वो किसी मानसिक ट्रॉमा में तो नहीं. वो अंदर ही अंदर घुट तो नहीं रही. उसकी मदद करें.
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