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साढ़े तीन सौ करोड़ लोगों की जिन्दगी थम सी गई. मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) को चंद घन्टो में 7 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा. फेसबुक (Facebook) के अपने कर्मचारी कई जगह दफ्तर में एंट्री नहीं कर पाए क्योंकि उनका एक्सेस कार्ड काम नहीं कर रहा था. ये सब हुआ इतिहास के सबसे लंबे फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टा (Instagram) आउटेज के कारण. तीनों ऐप ने 6 घंटे काम नहीं किया तो मार्क जकरबर्ग को माफी तक मांगनी पड़ी.
लेकिन सवाल ये है कि ये क्यों हुआ? इसको पीछे क्या अमेरिका का कोई दुश्मन देश था, कोई हैकर था या फिर कंपनी की अपनी गलती थी.
फेसबुक ने अपने ब्लॉग में लिखा: "हम इस समय स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा मानना है कि इस आउटेज का मूल कारण कॉन्फ़िगरेशन परिवर्तन में हुई किसी गलती थी. हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इस डाउनटाइम की वजह से यूजर्स के डेटा के साथ कोई भी समझौता किया गया है", तो फेसबुक की और से यह स्पष्ट किया गया है के ये साइबर हमला नहीं था.
विशेषज्ञों के अनुसार, फेसबुक के राउटर में कॉन्फ़िगरेशन परिवर्तन की संभावना एक बड़ी DNS विफलता का कारण बनी. DNS होता है डोमेन नेम सिस्टम, और यह इंटरनेट के लिए एक अड्रेस बुक की तरह है. यह आम भाषा जैसे www.facebook.com को कंप्यूटर को समझ आने वाली IP भाषा में बदलता है.
जब DNS में गलती हुई, तो इसने Facebook के डोमेन की हर साइट को UNAVAILABLE कर दिया.
इससे यह भी पता चलता है कि वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसी ऐप्प्स भी क्यों बंद थीं. सभी तीन वेबसाइट इंटरनेट से दूर थीं, क्योंकि कोई भी डिवाइस उनके ऑनलाइन एड्रेस का पता नहीं लगा सकता था और न ही उन्हें देख सकता था.
विशेषज्ञों का मानना है कि डीएनएस में हुई गलतिया बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल रूट्स को इंटरनेट से हटा लेने के कारण हुई। बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल या BGP वह प्रणाली है जिसका उपयोग इंटरनेट नेटवर्क / आईपी पते को सबसे बेस्ट और तेज तरीके से जोड़ने के लिए करता है. इसे अक्सर इंटरनेट का डाकघर भी कहा जाता है.
तो आसान भाषा में DNS में हुईं गलतियां और BGP रूट्स के हट जाने के कारण फेसबुक , इंस्टाग्राम और वॉट्सएप्प ठप हो गए थे.
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