Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019खाना भी, दवाई भी: धरना स्थलों पर कुछ लोगों ने किसानों का आंदोलन ऐसे जारी रखा

खाना भी, दवाई भी: धरना स्थलों पर कुछ लोगों ने किसानों का आंदोलन ऐसे जारी रखा

भोजन से लेकर दवाओं तक, कई लंगर सेवाओं ने लगभग एक साल से किसानों के विरोध को बल दिया.

एंथनी रोजारियो
न्यूज वीडियो
Published:
<div class="paragraphs"><p>खाना भी, दवाई भी: धरना स्थलों पर कुछ लोगों ने किसानों का आंदोलन ऐसे जारी रखा</p></div>
i

खाना भी, दवाई भी: धरना स्थलों पर कुछ लोगों ने किसानों का आंदोलन ऐसे जारी रखा

(फोटो- क्विंट)

advertisement

केंद्र सरकार के विवादस्पद तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) से जब हजारों किसानों को लगा कि वे उन्हें बर्बाद कर देंगे तो नवंबर 2020 में उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च किया. तब एक एक सवाल सामने आया कि इस संघर्ष के दौरान उनकी भूख को कौन मिटाएगा? ठीक तभी जसपाल सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर के विरोध स्थल पर लंगर लगाने की सोची.

शुक्रवार, 19 नवंबर को जैसे ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के 60 वर्षीय किसान जसपाल सिंह जी विरोध स्थल पर जलेबी बांटते दिखे- जलेबी पीएम मोदी की घोषणा के उपलक्ष्य में नहीं बनाया गया था, लेकिन निश्चित रूप से उसने इसे और मीठा जरूर कर दिया था.

"आज गुरु नानक जी का जन्मदिन था जयंती है, और सभी लंगर आयोजकों ने एक-एक विशेष खाद्य पदार्थ बनाने की योजना बनाई थी. इस बीच, पीएम मोदी ने किसानों के लिए एक संदेश भेजा."
जसपाल सिंह

अपने आस-पास के किसानों की तरह ही उन्होंने कहा कि निर्णय की सराहना तभी की जाएगी जब सरकार आधिकारिक तौर पर इन कानूनों को वापस ले लेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी प्रदान करेगी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अपने परिवार से लगभग 200 किमी दूर सिंह कहते हैं कि ऐसी कोई कठिनाई नहीं है जिसका प्रदर्शनकारियों को सामना नहीं करना पड़ा हो.

"पिछले एक साल में, हमने सर्दी, गर्मी, बारिश को भी सहन किया है, तंबू भी उड़े हैं. सबकुछ सहा है लेकिन हम डटे रहें"
जसपाल सिंह

जसपाल सिंह लगभग एक साल से साइट पर भोजन परोस रहे हैं और विरोध प्रदर्शन समाप्त होने तक लंगर जारी रखने की योजना है.

"किसान हमें खिलाते हैं, हमें उनको स्वस्थ्य रखना चाहिए”

जसपाल सिंह की तरह, कई अन्य लंगर सेवाएं किसानों की बहुआयामी जरूरतों को पूरा कर रही हैं जिन्होंने अपने घरों के आराम से महीनों दूर बिताया है.

बिस्वरूप रॉय चौधरी की मेडिकल टीम की सदस्य हरप्रीत किसानों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए घरेलू उपचार दे रही हैं. न तो हरप्रीत और न ही डॉ चौधरी किसान आंदोलन से जुड़े हैं, लेकिन उन्होंने मदद करने का फैसला किया था क्योंकि कई प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली में चिकित्सा देखभाल का खर्च नहीं उठा सकते थे.

हरप्रीत का कहना है कि ये दवाइयां रसोई में पाए जाने वाले चीजों से बनी हैं और तीव्र और पुरानी दोनों तरह की बीमारियों के इलाज में "कुशल" हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT