advertisement
ये जो इंडिया है ना, ये कानून के राज में यकीन रखता है. हम बदला लेने के लिए किसी का घर नहीं तोड़ते!
तो खरगोन में घर और दुकान क्यों तोड़े गए? SDM ने कहा वो अवैध थे, लेकिन मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने असल कारण बताया - जिन घरों से पत्थर चले, उन्हें पत्थर का ढेर बना देंगे. लेकिन कौन सा कानून इसकी इजाजत देता है? कानून नहीं, केस नहीं, कुछ साबित नहीं, अदालती आदेश नहीं, यहां घरों के साथ, देश के क़ानून पर भी बुलडोजर चला है.
यति नरसिंहानंद ने मुसलमानों की हत्या की अपील की, मुनि दास ने मुस्लिम महिलाओं को रेप की धमकी दी, दिल्ली दंगों से पहले, कपिल मिश्रा ने दिए भड़काऊ भाषण- तो क्या इनके घर गिरा देने चाहिए? नहीं. देश का कानून हर नागरिक के लिए है, वरना कल बुलडोजर आपके घर भी आ सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)