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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक केदारनाथ शुक्ला के एक कथित स्थानीय सहयोगी प्रवेश शुक्ला (Pravesh Shukla) को मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh) ने गिरफ्तार कर लिया है. शुक्ला पर आरोप है कि उसने सीधी (Sidhi) में एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब की थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद शुक्ला को 4 जुलाई की देर रात गिरफ्तार किया गया है.
इसके अलावा प्रशासन ने उसके घर पर बुलडोजर भी चलाया है.
हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हुए 10 सेकेंड के एक पुराने वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति सिगरेट पीते हुए आदिवासी शख्स दशमत रावत पर पेशाब करता नजर आ रहा है.
स्थानीय लोगों के अनुसार, 36 वर्षीय दशमत रावत सीधी के कुबरी बाजार जा रहे थे, तभी उनकी मुलाकात प्रवेश से हुई. उस वक्त प्रवेश काफी नशे में था. जब रावत ने प्रवेश से अपनी मजदूरी मांगी, तो प्रवेश ने दशमत के साथ मारपीट की और फिर पेशाब कर दिया.
पिछले तीन महीनों में, बीजेपी ने साल के आखिरी में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले इस समुदाय को लुभाने के लिए कम से कम दो बड़े कार्यक्रम आयोजित किए हैं.
सूत्रों ने क्विंट हिंदी को बताया कि चूंकि आरोपी और पीड़ित दोनों कुबरी गांव के रहने वाले हैं - और पीड़ित "अल्पसंख्यक वर्ग" से है - इसलिए उनके परिवार में घटना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत नहीं थी.
स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी पवन सिंह ने क्विंट हिंदी को बताया:
इस घटना के बाद कांग्रेस बीजेपी पर काफी हमलावर हो गई, पार्टी ने बीजेपी नेताओं के साथ आरोपी की तस्वीरें साझा, हालांकि बीजेपी ने शुरू से ही आरोपी प्रवेश शुक्ला के साथ अपने संबंधों को खारिज कर दिया है.
यहां तक कि विधायक केदारनाथ शुक्ला ने भी कहा कि प्रवेश उनका सहयोगी नहीं है. लेकिन, ऐसे कई पर्चे, पोस्टर और दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिससे पता चलता है कि केदारनाथ शुक्ला और प्रवेश दोनों के अच्छे संबंध हैं.
क्विंट हिंदी से बातचीत में सीधी के बीजेपी विधायक ने आरोपी के साथ अपने संबंध से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि, "पार्टी का सदस्य होना तो दूर, वह तो सहयोगी भी नहीं हैं."
हालांकि, 4 जुलाई को रात करीब 10 बजे प्रवेश शुक्ला के पिता रमाशंकर शुक्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका बेटा विधायक का सहयोगी है और आरोप लगाया कि उनकी राजनीतिक गतिविधियों के कारण उसे निशाना बनाया गया है.
मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा से जब आरोपी के पार्टी से जुड़े होने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, "यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं. ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. और ऐसा (पार्टी) कार्यकर्ता कोई (पार्टी) कार्यकर्ता नहीं है."
जब मीडिया ने सवाल किया कि क्या आरोपी को पार्टी से निकाल दिया गया है, तो शर्मा ने हां में जवाब दिया. हालांकि, स्थानीय लोगों ने दावा किया कि बीजेपी मामले को "छिपाने" की कोशिश कर रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर जो कुछ आ रहा है वह बीजेपी पर ही आरोप लगाता दिख रहा है.
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