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आदिवासी पर पेशाब का वीडियो वायरल, बचने के लिए कथित BJP नेता ने लिखवाया शपथ पत्र

Madhya Pradesh: आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस मामले को दबाने की कोशिश की गई थी.

Published
भारत
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कथित बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला एक आदिवासी दशमत रावत उर्फ पाले कोल पर पेशाब करते दिख रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया सहित प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. शिवराज सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं ये भी कहा जा रहा है कि इस मामले को दबाने की कोशिश की गई थी. ऐसे में बताते हैं कि पूरा मामला क्या है और कैसे सामने आया?   

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4 जुलाई को वायरल हुआ वीडियो

मामला एमपी के सीधी का है. वीडियो 4 जुलाई 2023 को वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति नशे में धुत दिखाई पड़ता है और वो एक दूसरे व्यक्ति पर पेशाब कर रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस हमलावर है. बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगा रही है. बीजेपी बचाव मोड में दिख रही है इस बीच मुख्यमंत्री का बयान आया कि सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा

मेरे संज्ञान में सीधी जिले का एक वायरल वीडियो आया है.मैं ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अपराधी को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर एनएसए भी लगाया जाए.

वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने बताई पूरी कहानी 

वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने क्विंट हिंदी को बताया कि इस घटना को हुए काफी वक्त हो गया है. मुझे प्रवेश शुक्ला ने जबरदस्ती ये वीडियो बनाने के लिए कहा था. मेरे मना करने पर मेरे साथ मारपीट भी की गई थी. 

मैंने वीडियो बनाया और फिर कुछ दिन पहले अपने एक दोस्त को भेजा था. मैं डर गया था इसलिए मैंने वीडियो पहले किसी को को नही भेजा ना ही कोई शिकायत की.
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बचने के लिए लिखाई गई आरोपी की गुमशुदगी की रिपोर्ट?

सूत्रों की मानें तो वीडियो वायरल होने के बाद प्रवेश शुक्ला को उनके ही संबंधित लोगों और रिश्तेदारों ने दूसरे जगह भेज दिया और शुक्ला के गुम हो जाने की शिकायत बहरी थाने में दर्ज करा दी. ताकि शुक्ला को बचाया जा सके. 

स्थानीय बहरी थाना प्रभारी पवन सिंह ने बताया कि आरोपी के परिजनों ने इस महीने की शुरुआत में उसके गुम होने की शिकायत की थी और हमें यह भी पता चला था कि आज वो मिल गया है. विस्तृत जांच की जा रही है. हम दशमत से भी बात कर रहे हैं. 

पीड़ित से शपथ पत्र लिखवाया गया- वीडियो झूठा है

क्विंट हिंदी के हाथ लगे दस्तावेजों के मुताबिक, दशमत कोल ने 3 जुलाई को एक शपथ पत्र में हस्ताक्षर किया जिसमे ये कहा गया कि, "मेरे और प्रवेश शुक्ला पिता रमाकांत शुक्ला ग्राम- कुबरी का नशा की हालत का वीडियो आदेश शुक्ला पिता सुशील शुक्ला ग्राम- कुबरी एवं उनके अन्य साथियों द्वारा वायरल किया जा रहा है, वह वीडियो झूठा और फर्जी है मेरे साथ प्रवेश शुक्ला द्वारा कभी भी ऐसा कृत्य नहीं किया गया है."

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बीजेपी विधायक ने कहा कि आरोपी उनका विधायक प्रतिनिधि नहीं

बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए बताया कि वो आरोपी को जानते हैं लेकिन उन्होंने उसको अपना विधायक प्रतिनिधि होने के दावे को खारिज किया है. 

मैं उस व्यक्ति को जानता हूं लेकिन वो न तो मेरा प्रतिनिधि है ना ही वो बीजेपी का कार्यकर्ता है. मामले की जांच की जा रही है, इसमें मुख्यमंत्री से भी मेरी बात हुई है मैंने उन्हें भी यही बताया है. सख्त कारवाई की जाएगी.
केदारनाथ शुक्ला, बीजेपी विधायक
Madhya Pradesh: आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस मामले को दबाने की कोशिश की गई थी.

घटना के बाद पुराना पोस्टर वायरल

हालांकि, आरोपी प्रवेश शुक्ला के पिता रमाकांत शुक्ला ने कहा, "मेरे बेटे को जानबूझकर फंसाया जा रहा है. वो बीजेपी नेता हैं और विधायक का 4-5 साल से प्रतिनिधि है. मेरा शासन-प्रशासन से निवेदन है कि हमें न्याय मिले."

IPC की धाराओं के तहत केस दर्ज

हालांकि इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने कहा केस रजिस्टर कर लिया गया है. आरोपी प्रवेश शुक्ला को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें रवाना की गई हैं. IPC की धारा-294, 504 और SC-ST एक्ट की धारा लगाई गई है.

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