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पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में मंगलवार देर रात 6.3 तीव्रता वाले भूकंप(Earthquake) के झटके ने दिल्ली, यूपी समेत उत्तर भारत के 5 राज्यों के लोगों को दहशत में डाल दिया. ये भूकंप 9 नवंबर को करीब रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया. इसका एपिसेंटर (Epicenter) नेपाल में जमीन से 10 KM नीचे था. भूकंप नेपाल में आया था लेकिन भारत और चीन में भी इसका असर देखने को मिला.
लेकिन क्या आपने सोचा है भूकंप क्यों आता है? दुनिया के सबसे भयानक भूकंप कब आए थे?
चिली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिएगो सालाजार की रिसर्च के मुताबिक सबसे भयानक भूकंप 3800 साल पहले आया था. ये भूकंप जहां आया था वो जगह अब नॉर्थरन चिली के नाम से जानी जाती है. इस भयानक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 9.5 थी. इस भूकंप से 8000 किलोमीटर दूर तक सुनामी आई थी और उस समय इंसानों को करीब 1000 साल तक आसपास के समुद्र तटों को छोड़ना पड़ा था.
दरअसल हमारी जमीन, पृथ्वी मुख्य रूप से चार परतों से बनी है.
इनर कोर (Inner Core)
आउटर कोर (Outer Core)
मैंटल (Mantle) और
क्रस्ट (Crust)
क्रस्ट सबसे ऊपरी परत होती है. इसके नीचे है मैंटल. ये दोनों मिलकर बनाते हैं लीथोस्फेयर. लीथोस्फेयर की मोटाई करीब 50 किलोमीटर है. जो अलग-अलग परतों वाली प्लेटों से मिलकर बनी है. जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स(Tectonic Plates) कहते हैं.
धरती में 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं. या रगड़ खाती हैं, या एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या दूर जाती हैं, तो जमीन हिलने लगती है. जिसे हम भूकंप कहते हैं.
22 मई 1960 को चिली के वाल्डिविया में आए भूकंप की तीव्रता 9.5 नापी गई थी. इससे उठी सुनामी लहरों ने चिली समेत हवाई, जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया तक में तबाही मचाई थी.
27 मार्च 1964 को अलास्का, अमेरिका में 9.3 तीव्रता वाला भूकंप आया था. अलास्का में उस दिन 4 मिनट 38 सेकंड तक जमीन हिलती रही. इस भूकंप ने अलास्का का नक्शा ही बदल दिया था.
26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज में आया था भूकंप. इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई थी. इससे पूरा शहर ही मानो मलबे के ढेर में तब्दील हो गया. कच्छ और भुज में 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 1.5 लाख से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे.
नंबर 4-
26 दिसंबर 2004 को हिन्दकं महासागर में 9.2 तीव्रता वाला भयानक भूप आया था. इस दिन भूकंप से उठी सुनामी ने इंडोनेशिया, श्रीलंका, मालदीव, थाईलैंड समेत दक्षिण भारत के शहरों में भयानक तबाही मचाई थी. इस भूकंप और सुनामी के कारण प्रभावित हुए इलाकों में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जानें गईं थी.
नंबर 5-
8 अक्टूबर 2005 को पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में भूकंप आया था. इसकी तीव्रता थी 7.6. भूकंप के कारण एक ही झटके में 7000 से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गए. करीब 80 हजार लोग घायल हुए और 2 लाख 80 हजार लोग बेघर.
नंबर 6-
12 जनवरी 2010 को हैती में आए भूकंप की तीव्रता 7 मापी गई. सबसे ज्यादा तबाही राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस में मची. भूकंप के बाद 52 आफ्टर शॉक्स महसूस किए गए. इस भूकंप में करीब 1 लाख लोगों की जान गई थी.
नंबर 7-
27 फरवरी 2010 को चिली के बायो-बायो प्रान्त में 8.8 तीव्रता वाला भूकंप आया था. इस भूकंप ने चिली की 80 फीसदी आबादी को प्रभावित किया था. इस भूकंप का दायरा इतना बड़ा था कि चिली के आसपास के सभी देशों में झटके महसूस किए गए.
नंबर 8-
11 मार्च 2011 को जापान में आया भूकंप. इसकी तीव्रता 9 मापी गई थी. सुनामी की लहरों में तीन लाख से ज्यादा इमारतें बह गई. चार हजार से ज्यादा सड़कों का नामो-निशान मिट गया था. इस त्रासदी में करीब 16 हजार लोगों की मौत हुई थी.
नंबर 9-
11 अप्रैल 2012 को सुमात्रा, इंडोनेशिया में हिन्द महासागर के अन्दर आए भूकंप की तीव्रता 8.6 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र जमीन से काफी नीचे होने की वजह से तबाही बहुत ज्यादा नहीं हुई लेकिन साइंटिस्ट के अनुसार ये अब तक का सबसे बड़ा स्ट्राइक-स्लिप भूकंप था. जिसके झटके भारत और मलेशिया में भी महसूस किये गए थे.
नंबर 10-
2015 वाला नेपाल का भूकंप. नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को आए इस भूकंप की तीव्रता 8.1 मापी गई थी. करीब 9000 मौतें हुईं थी और 21000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. नेपाल ने 1934 के बाद यानि 81 साल बाद ऐसा भयानक भूकंप देखा था.
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