Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"भ्रामक विज्ञापन बंद करें", पतंजलि को SC की फटकार, 1 करोड़ के जुर्माने की चेतावनी

"भ्रामक विज्ञापन बंद करें", पतंजलि को SC की फटकार, 1 करोड़ के जुर्माने की चेतावनी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

क्विंट हिंदी
न्यूज वीडियो
Published:
<div class="paragraphs"><p> पतंजलि के विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, गलत दावा न करने की दी सलाह</p></div>
i

पतंजलि के विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, गलत दावा न करने की दी सलाह

क्विंट हिंदी

advertisement

देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) को विज्ञापन के मामलों में कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कई सख्त टिपप्णियां की और भारी जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी बातें कही.

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कंपनी को गलत दावे करने और भ्रामक विज्ञापन से बचने के लिए कहा है.

कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में पतंजलि को किसी भी तरह से भ्रामक दावे के प्रकाशन और प्रसारण से बचने के लिए कहा है. साथ ही कोर्ट ने सुनिश्चित करने के लिए कहा कि प्रेस में कंपनी की तरफ से कोई कैजुअल बयान न दिया जाए.

कोर्ट ने कहा,

"पतंजलि आयुर्वेद को अपने सभी गलत और भ्रामक विज्ञापन तत्काल रोकने होंगे. कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को काफी गंभीरता से लेगा और अगर विज्ञापन में किसी खास बीमारी को "ठीक" करने का गलत दावा किया जाता है तो कोर्ट प्रति विज्ञापन एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने पर भी विचार करेगा."

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम इसे ऐलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस में तब्दील नहीं करना चाहते, लेकिन मेडिकल से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों की समस्या का समाधान निकालना होगा.

पीठ ने इस समस्या को गंभीर बताते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा है कि केंद्र सरकार को समस्या से निपटने के लिए समाधान ढूंढना होगा. सरकार से विचार-विमर्श के बाद उपयुक्त सिफारिशें पेश करने के लिए कहा गया है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 5 फरवरी 2024 को होगी.

पिछले साल बाबा रामदेव ने मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम के खिलाफ बयान दिए थे. IMA की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने उन्हें ऐसे बयानों से बचने के लिए कहा था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT