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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. पुलिस ने जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों पर लाठीचार्ज किया. उधर चार बसों में आग भी लगाई गई. छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लाइब्रेरी में घुसकर भी मारपीट की. पुलिस ने निहत्थे छात्रों को पीटने के आरोपों से इंकार किया है. पूरा बवाल शाम 7.30 बजे शुरू हुआ और लगभग पूरी रात हंगामा चलता रहा. क्विंट ने इस पूरे घटनाक्रम को ग्राउंड पर जाकर कवर किया...आप भी देखिए जामिया और आसपास के इलाकों में नौ घंटे चले हंगामे का वीडियो रिकॉर्ड..
15 दिसंबर की रात को 9 बजे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गेट खुले, क्विंट की पत्रकार अस्मिता नंदी कैंपस के अंदर गई, तो देखा कि यूनिवर्सिटी का कोई भी छात्र वहां नहीं है. यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में सबसे ज्यादा तोड़फोड़ हुई. वहां सारा सामान बिखरा हुआ था, लेकिन कोई भी कैंपस में दिखाई नहीं दिया.
कैंपस में जगह-जगह खून पड़ा हुआ मिला. कैंपस में मौजूद कुछ पूर्व छात्रों और पेरेंट्स ने क्विंट से कहा कि छात्रों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और कुछ छात्र डर के कारण कहीं छिपे हुए भी हो सकते हैं.
जामिया यूनिवर्सिटी का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती कैंपस में घुसी और छात्रों-कर्मचारियों को पीटा. फायरिंग करने के भी आरोप दिल्ली पुलिस पर लगाए गए. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाई गई.
इसके बाद डीसीपी साउथ-ईस्ट दिल्ली चिन्मय बिस्वाल ने कहा है कि पुलिस जामिया यूनिवर्सिटी में पहले नहीं घुसी, बल्कि पथराव करने वाले प्रदर्शनकारियों की पहचान के लिए कैंपस में घुसी और प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने के दौरान कोई गोलीबारी नहीं हुई.
आंदोलन कर रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में लगभग 60-70 छात्र घायल हो गये. यूनिवर्सिटी के पास अल-शिफा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में, लगभग 60-70 घायल छात्र हैं जिनका इलाज किया गया.
वहीं पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प में दक्षिण पूर्व जिला डीसीपी, एडिशनल डीसीपी (साऊथ), 2 एडिशनल कमिशनर, 5 एसएचओ और इंस्पेक्टर सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार 16 दिसंबर की सुबह नई दिल्ली के कालकाजी पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिए गए सभी जामिया छात्रों को रिहा कर दिया. इसमें एक घायल छात्र ने पुलिस पर आरोप लगाया कि यहां उसे मारा गया और उसके धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिपण्णी की गयी.
जामिया यूनिवर्सिटी में हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली के आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर रविवार को छात्रों, नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने 'दिल्ली पुलिस जामिया छोड़ो' के नारे लगाए. कई राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता पुलिस मुख्यालय के बाहर जुटे हुए थे. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद मौके पर मौजूद थे. पुलिस मुख्यालय पर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिए गए थे. आईटीओ से लक्ष्मीनगर की ओर जाने वाला विकास मार्ग को बंद कर दिया गया था.
जामिया और एएमयू में पुलिस और छात्रों के बीच हिंसक झड़प के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने छात्रों के समर्थन में याचिका दायर करते हुए कहा है कि जामिया और एएमयू में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ
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