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कैमरा: शिव कुमार मौर्या
वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दु प्रीतम
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने 10 अप्रैल को बिहारवासियों के नाम खुला खत लिखा. इस लेटर को उनके ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया. दरअसल करीब 3 दशक के बाद आरजेडी का ये पहला चुनाव है जिसमें लालू ग्राउंड पर प्रचार नहीं कर रहे. लेकिन पार्टी और शायद उनकी अपनी कोशिश यही है कि ग्राउंड पर भले ही मौजूद ना हों लेकिन लोगों के माइंड में जरूर हों.
3 पन्ने के लंबे खत में लालू ने वोटर्स, एनडीए सरकार, पार्टी कार्यकर्ता और महागठबंधन के साथियों से बात की.
एक बेहद इमोशनल शुरुआत के बाद लालू लेटर के दूसरे पैराग्राफ में लिखते हैं...
बिहार में किसी गली-चौराहे पर लोग आपको अब भी ये कहते हुए मिल जाएंगे- जब तक रहेगा समोसे में आलू तब तक रहेगा बिहार में लालू. मगर अपनी पॉलिटिक्स के इन स्लॉग ओवर्स में वे वोटरों से अपील करते हैं कि
एक जमाने में लालू समर्थक रहा दलित वोट हालिया चुनाव में रामविलास पासवान, नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी जैसे नेताओं के साथ चला गया. अपने उस पुराने वोटर के लिए लालू लिखते हैं-
पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर लालू यादव ने अंधाधुंध फायरिंग की
आगे लालू लिखते हैं-
‘ई सरकार मुंह में राम, बगल में छुरी वाली सरकार है. निशाचर लोगों की सरकार है. रात में जब आप सोए रहते हैं, तो ये हमला करता है और आपकी मति फेर कर आपको अपने ही खिलाफ काम करने पर मजबूर कर देता है. कौन लकड़ी सुंघा देते हैं कि भाई की तरह कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाला आदमी आपका खून पीने के लिए तैयार हो जाता है. हमको भी अपने मायाजाल में लपेटकर तोड़ने की जी तोड़ कोशिश किया ये लोग. जाल डाल के भी काबू नहीं कर पा रहे.’
समर्थकों और विरोधियों के बाद लालू आते हैं वर्कर पर-
‘कोई सोंटा भांज रहा है, तो कोई राम जी को भांज रहा है. लेकिन याद रहे मेरे साथियों. आपके लाल लालू का का हौसला बहुत मजबूत है. उससे भी मजबूत है उसके सिपाही जो कभी नहीं टूटेगा और कभी नहीं फूटेगा. लालच का, धर्म का, धमकी का सब लाठी फेल हो जायेगा.’
‘राजद के सिपाहियों और दलित बहुजन साथियों! गठबंधन में कई दल हैं इसलिए सीट बंटवारे में सबका ध्यान रखना पड़ा है. हमारे कई नेता और कार्यकर्ता जिन्हें टिकट नहीं मिला है. उन सबसे अपील करते हैं कि सब मिलकर, सबकुछ भुलाकर दलित बहुजन समाज का आरक्षण और संविधान बचा लीजिये. देश को खेत समझिए और जानिये कि अगर अपना समाज खेत बचा लेगा तो फसल फिर लगेगी और बराबरी से सब दलित बहुजन की भागीदारी होगी.
बस एक बार और हाथ जोड़कर अपने दलित बहुजन साथियों से आग्रह है कि एकता कायम करिए, संघर्ष कीजिये. दिल्ली के तख़्त पर वंचित समाज के लोगों का कब्ज़ा ज़रूरी है.’
प्रणाम!
आपका अपना
लालू प्रसाद यादव
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