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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
पीरियड्स के दौरान कोई महिला खाना पकाए तो अगले जनम वो कु*या बनेगी...
अगर कोई महिला जुड़वा बच्चों को जन्म देती है.. और इनमें से एक लड़का है और दूसरी लड़की तो महिला का एक ब्रेस्ट अलग दूध पैदा करता है, दूसरा ब्रेस्ट अलग...
कोरोना वायरस कोई वायरस नहीं, भगवान का अवतार है...
इंटरनेट पर आजकल ये कचरा खूब बदबू फैला रहा है, लेकिन इंटरनेट पर ये कचरा आया कहां से? ये जानकर ताज्जुब भी होता है और तकलीफ भी , क्योंकि ये कचरा फैलाया है ऐसे लोगों ने जिनको लाखों करोड़ों लोग फॉलो करते हैं.
स्वामीनारायण भुज मंदिर के स्वामी कृष्णदास जी का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो गुजराती में कह रहे हैं कि अगर आपने मेंस्ट्रुएटिंग वुमेन यानी कि जिस महिला को पीरियड्स हो रहे हैं, उसके हाथ का बना खाना एक बार भी खाया, तो आपका अगला अवतार बैल का होगा. अगर ऐसी महिला अपने पति के लिए खाना बनाती है, तो उसका पुनर्जन्म कु*या के रूप में होगा.
अगर आप सोच रहे थे कि ऐसी शर्मनाक घटना या कहें वारदात एक शिक्षण संस्थान में कैसे हो सकती है तो अब समझ लीजिए कि ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं.
अब देखिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने क्या कह दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को हिदायत दी कि सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन दें, कमांड पोस्ट दें. उस पर काटजू ने ट्वीट किया- महिलाओं का घर पर तो कमांड है ही, उन्हें आर्मी में भी कमांड क्यों चाहिए? किसी ने पूछ लिया कि महिलाएं दोनों जगह हों तो क्या दिक्कत है? तो काटजू ने जवाब में लिखा- तो बच्चे कौन पैदा करेगा?
अटपटे बयानों की लंबी फेहरिस्त है.
ईशा फाउंडेशन के जग्गी वासुदेव यानी कि सदगुरु, एक आध्यात्मिक गुरु हैं, लेकिन उनके पास साइंस और लॉजिक पर भी ढेरों विचार हैं. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो फीमेल बॉडी और ब्रेस्टफीडिंग पर अपना "ज्ञान" देते नजर आ रहे हैं.
सदगुरू का ज्ञान सुन ट्विटर हैरान है. डायरेक्टर हंसल मेहता ने पूछा है कि अगर किसी को ट्रिपलेट्स यानी तीन बच्चे हों, तो क्या होगा?
ऐसे ही हैं स्वामी चक्रपाणि. चक्रपाणि ने कहा है कि कोरोनावायरस दरअसल भगवान का अवतार है, जो मांसाहारियों से छोटे जीव जंतुओं को बचाने के लिए हुआ है.
चक्रपाणि यहीं नहीं रुके, उन्होंने इस महामारी से बचने के लिए उपाय भी सुझाया. चक्रपाणि ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कोरोना की एक मूर्ति बनाकर उससे माफी मांगनी चाहिए. हिंदू महासभा नेता ने दावा किया कि इससे 'अवतार' का गुस्सा शांत होगा.
कुल मिलाकर बात ये है कि इस तरह के बयान एक बड़ी आबादी और देश को वैज्ञानिक सोच की ओर बढ़ने से रोकते हैं. खासकर तब जब ऐसे बयान देने वाले रसूखदार हों, कथित धर्म गुरू हों. धर्म गुरुओं से उम्मीद की जाती है कि वो समाज को सही रास्ते पर ले जाएंगे. लेकिन यहां तो उल्टी ही गंगा बह रही है.
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