Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019तेजस्वी की यात्रा और 'BAAP' फॉर्मूला, लोकसभा के लिए बिहार में RJD का क्या प्लान?

तेजस्वी की यात्रा और 'BAAP' फॉर्मूला, लोकसभा के लिए बिहार में RJD का क्या प्लान?

Jan Vishwas Yatra: तेजस्वी यादव की ये यात्रा 1 मार्च तक चलेगी, इस दौरान वो 33 जिलों का दौरा करेंगे.

मोहन कुमार
न्यूज वीडियो
Published:
<div class="paragraphs"><p>लोकसभा चुनाव बहाना, नीतीश पर निशाना: तेजस्वी की 'विश्वास' यात्रा के क्या मायने?</p></div>
i

लोकसभा चुनाव बहाना, नीतीश पर निशाना: तेजस्वी की 'विश्वास' यात्रा के क्या मायने?

(फोटो: PTI)

advertisement

चुनावी मौसम में यात्राओं का दौरा जारी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बाद बिहार (Bihar) के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी यात्रा पर निकल गए हैं. तेजस्वी की इस यात्रा का नाम 'जन विश्वास यात्रा' (Jan Vishwas Yatra) है. प्रदेश में महागठबंधन सरकार गिरने और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनकी इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आम चुनाव से पहले तेजस्वी की इस यात्रा को कोर वोटर्स को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में समझते हैं कि इस यात्रा से बिहार की राजनीति में क्या बदलेगा?

'जन विश्वास यात्रा' के क्या मायने?

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अभी हाल ही में बिहार से गुजरी है. इस यात्रा में तेजस्वी भी शामिल हुए थे. तेजस्वी राहुल के सारथी बने थे. इसके कुछ ही दिन बाद ही बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा का आगाज कर दिया है. मंगलवार, 20 फरवरी से तेजस्वी ने मुजफ्फरपुर जिले के सकरी से यात्रा की शुरुआत की है. ये यात्रा 1 मार्च तक चलेगी. बता दें कि ये यात्रा तब शुरू हुई है, जब पिछले महीने ही नीतीश कुमार के NDA के साथ जाने के बाद RJD बिहार की सत्ता से बाहर हो गई. वहीं कुछ ही महीनों बाद लोकसभा चुनाव भी होने हैं.

अब सवाल ये है कि तेजस्वी यादव की 'जन विश्वास यात्रा' के क्या मायने हैं? RJD को लोकसभा चुनाव में इससे कितना फायदा मिलेगा? पार्टी आखिर इस यात्रा से क्या साधना चाहती है?

तेजस्वी की यात्रा के नाम से ही इसका मकसद साफ है. महागठबंधन सरकार गिरने के बाद से तेजस्वी एक बार फिर जनता के बीच जाकर विश्वास कायम करने की कोशिश में जुटे हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस यात्रा के दौरान 17 महीने की महागठबंधन सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया जाएगा. इसमें सबसे अहम है रोजगार. महागठबंधन सरकार में लाखों शिक्षकों की भर्ती हुई. तेजस्वी लगातार इसका क्रेडिट लेने में जुटे हैं. वहीं नीतीश कुमार कह रहे हैं कि ये सारे काम उन्होंने करवाए हैं.

“मैं आपकी लड़ाई लड़ने के लिए यहां हूं. हम चाहते हैं कि बिहार शीर्ष राज्यों में गिना जाए. हमें आपके विश्वास की जरूरत है. क्या आप हमें सत्ता देंगे? आशीर्वाद मिलेगा ना?''
क्विंट हिंदी से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं, "तेजस्वी यादव की यात्रा नीतीश कुमार और NDA को एक्सपोज करने के लिए है. वो कह रहे हैं नीतीश कुमार के पास न विजन है और न ही रीजन."

'विजन और रीजन' की बात को समझाते हुए रवि उपाध्याय कहते हैं, "विजन का मतलब नौकरी से है. तेजस्वी का कहना है कि महागठबंधन सरकार में जो भी नौकरियां दी गईं, वो उनका विजन था. वहीं रीजन का तात्पर्य है कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से बाहर निकलने का कारण. तेजस्वी लगातार पूछ रहे हैं कि नीतीश महागठबंधन से क्यों अलग हुए हैं, इसका कारण बताएं."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पार्टी आखिर इस यात्रा से क्या साधना चाहती है?

अगला सवाल है कि RJD आखिर इस यात्रा से क्या साधना चाहती है? यात्रा के पहले ही दिन तेजस्वी ने "BAAP यानी B से बहुजन, A से अगड़ा, A से आधी-आबादी यानी महिलाएं और P से पुअर यानी गरीबों" की पार्टी का नारा दिया है. तेजस्वी ने कहा,

"लोग कहते हैं कि आरजेडी ‘MY’ (मुस्लिम-यादव) की पार्टी है लेकिन आरजेडी ‘BAAP’ की पार्टी है."

तेजस्वी के इस बयान के बाद से साफ है कि पार्टी मुस्लिम-यादव टैग से बाहर निकलना चाहती है और उसका फोकस अन्य वोटरों पर भी है. इससे पहले तेजस्वी ने 'A to Z' का भी नारा दिया था. 'A to Z' से मतलब था कि RJD 'A to Z' यानी सभी की पार्टी है.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो 'A to Z' के मुकाबले 'BAAP' में सभी तबकों का प्रतिनिधित्व नहीं दिखता है. हालांकि, इसे मतदाताओं के ध्रुवीकरण के रूप में देखा जा रहा है. जानकार बताते हैं कि ऐसे नारों का बहुत असर नहीं होता है.

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं, "तेजस्वी युवा हैं. पहले नौकरी की बात कोई नहीं करता था. उन्होंने ही बिहार में इसकी शुरुआत की. अब हर पार्टी और नेता नौकरी की बात कर रहे हैं. बिहार में तमाम मुद्दे गौण हो गए और नौकरी की बात हो रही है."

लोकसभा चुनाव में कितना फायदा मिलेगा?

पिछले लोकसभा चुनाव में आरजेडी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. क्या तेजस्वी अपनी यात्रा के जरिए इस बार वोटर्स का मूड बदल पाएंगे? जानकारों की मानें तो तेजस्वी ने विजन की बात करके नीतीश को चुनौती देने की कोशिश तो की है. लेकिन NDA गठबंधन को वो कैसे चुनौती देंगे ये बड़ा सवाल है.

अपनी यात्रा से वो NDA को कितना डेंट पहुंचाएंगे? इस सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं, "NDA पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि नीतीश कुमार का वोटर NDA के साथ ज्यादा कंफर्टेबल रहता है. ऐसे में नीतीश के आने से NDA की ताकत बढ़ गई है."

इसके साथ ही वो कहते हैं, "नीतीश कुमार जब महागठबंधन के साथ थे, तो उनका सपोर्ट बंट गया था. कुछ NDA की तरफ चला गया था और कुछ RJD की तरफ. अब नीतीश के वापस आने से NDA को फायदा होगा."

हालांकि, जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव का माहौल अलग होता है. केंद्र के चुनाव में वोटर्स का ज्यादा झुकाव राष्ट्रीय पार्टियों की तरफ होता.

NDA बनाम INDIA गठबंधन?

नीतीश कुमार को बिहार में ड्राइविंग फोर्स माना जाता है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनका NDA में जाना महागठबंधन और RJD के लिए बड़ा झटका था. लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव का अब मुकाबला जिन पार्टियों से है, पिछले चुनाव में उनके आंकड़े काफी मजबूत रहे हैं.

2019 लोकसभा चुनाव में JDU ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और पार्टी को 16 सीटों पर जीत मिली थी. पार्टी का वोट शेयर 22.26 फीसदी था. BJP ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत दर्ज की. पार्टी का वोट शेयर 24.06 फिसदी था. LJP ने 6 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे और सभी 6 सीटों पर जीत दर्ज की. LJP का वोट शेयर 8.02 प्रतिशत था.

वहीं दूसरी तरफ 2019 लोकसभा चुनाव में RJD ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. पार्टी का वोट शेयर 15.68 प्रतिशत था. कांग्रेस को 9 सीटों में से सिर्फ एक पर जीत मिली. वोट शेयर 7.85 प्रतिशत ही रहा. वहीं वाम दलों का भी खाता नहीं खुला था.

जानकारों की मानें तो इस बार सीट शेयरिंग बड़ा मुद्दा है. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि, "बिहार में जितना इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पेंच नहीं है, उससे कहीं ज्यादा पेंच NDA में है. यहां सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है." https://www.youtube.com/watch?v=HRQgGZE6Vtg

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT