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EXCLUSIVE: ‘पद्मावती’ हरगिज रिलीज नहीं होने देंगे-करणी सेना प्रमुख

फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है.

रौनक कुकड़े
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फिल्म पद्मावती को लेकर जारी है बवाल
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फिल्म पद्मावती को लेकर जारी है बवाल
(फोटो: द क्विंट)

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फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है. फिल्म की रिलीज तारीख भी टल गई है. हालांकि इसका विरोध कर रही करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी का कहना है कि वो किसी भी सूरत में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे. यही नहीं, उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को चेतावनी भी दी है.

द क्विंट से बातचीत में लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा:

संजय लीला भंसाली ने धोखा दिया है. यह अब सिर्फ करणी सेना का मामला नहीं है. जाति, धर्म से ऊपर अब यह देश का मामला है. और रिलीज के खिलाफ विरोध होता रहेगा.

करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं हो रही है.

उन्होंने कहा,

सेंसर बोर्ड फिल्म पूरी होने के बाद काम करता है. ऐसी फिल्मों के लिए प्री-सेंसर बोर्ड होना चाहिए, जो विवाद को उसी वक्त निपटा दे.

बातचीत से मामले को सुलझाने पर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने उन्हें धोखा दिया है. क्योंकि पहले उन्होंने करणी सेना को विश्वास में लेने का वादा किया था और अब मुकर गए हैं.

राजपूत समुदाय का कहना है कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है. जबकि भंसाली लगातार इस आरोप को खारिज कर रहे हैं.
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इधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भंसाली जन भावनाओं से खेलने के आदी हो चुके हैं.

किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वो संजय लीला भंसाली हों या फिर कोई और हो.
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, यूपी

क्यों हो रहा है विरोध?

आरोप है कि फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि वो रानी पद्मावती को देवी के तौर पर पूजते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में राजस्थान के लोगों की धार्मिक भावनाओं को नजरंदाज किया गया है.

मांग की जा रही थी कि फिल्म को या तो बैन किया जाए या फिल्म के विवादित हिस्से को हटाने के बाद ही ये बड़े पर्दे पर दिखाया जाए. प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की है कि पहले ये फिल्म उन्हें दिखाई जाए. उनका कहना है कि इससे पता चल सकेगा कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है या नहीं.

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Published: 21 Nov 2017,09:09 PM IST

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