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क्विंट की चुनावी यात्रा पहुंची है बिहार के मधेपुरा. जहां लड़ाई NDA बनाम RJD गठबंधन नहीं बल्कि गठबंधन बनाम पप्पू यादव के बीच है. पप्पू यादव मधेपुरा से सांसद हैं. 2014 में पप्पू यादव, लालू यादव की पार्टी आरजेडी से चुनाव लड़े थे. लेकिन 2017 में उन्होंने लालू यादव से अलग होकर अपनी पार्टी बना ली. इस बार भी पप्पू यादव का सामना शरद यादव से है. बस फर्क इतना है कि शरद यादव पहले जेडीयू में थे अब आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
क्विंट ने पप्पू यादव के साथ बुलेट पर चुनावी चर्चा की, जिसमें उन्होंने लालू यादव, नीतीश कुमार से लेकर राहुल गांधी, पीएम मोदी पर बात की. जब क्विंट ने पप्पू यादव से लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के बारे में पूछा तो उनका जवाब था, ‘मैं नहीं जानता उनके बारे में. शून्य हैं.’
वहीं, राहुल गांधी की तारीफ करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि वो बेबाक हैं, दिल के साफ हैं. राजनीति में दुष्टता नहीं कर सकते.
लालू यादव के बारे में क्या कहेंगे?
उन्होंने समय के साथ कई चीजों को नहीं बदला. बड़बोलेपन में रह गए. समाज विकास चाहता था. और वो हमेशा भावनाओं की राजनीति करते रह गए.
पप्पू यादव जीतेंगे तो सबसे पहले किन मुद्दों पर फोकस करेंगे?
5 साल मैंने सेवक, मजदूर के रूप में काम किया. आगे भी मैं मधेपुरा के स्वास्थ्य सेवा से जुड़े काम पर फोकस करूंगा. युवाओं के लिए रोजगार और बेहतर शिक्षा के लिए रास्ते ढूंढूंगा. मेरी कोई जाति नहीं है. मेरा धर्म लोग हैं.
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आप भी तो कांग्रेस-RJD गठबंधन का हिस्सा बनना चाह रहे थे?
मैं किसी गठबंधन में शामिल होना नहीं चाहता था. मेरे खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. मेरे लिए जनता जरूरी है. नीतीश कुमार सीएम हैं 15 साल से उनको गठबंधन की जरूरत पड़ती है. नरेंद्र मोदी पीएम हैं पांच साल से फिर भी उनको गठबंधन करना है. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है फिर भी आरजेडी आंख दिखाती है. गठबंधन धर्म का पालन नहीं करता है. लेकिन मेरे गठबंधन की बात पर सबको पेट में दर्द होने लगता है. आखिर सबको पप्पू यादव से ही क्यों दिक्कत है?
अगला प्रधानमंत्री कौन? राहुल गांधी या नरेंद्र मोदी?
हमसे पूछिएगा तो जवाब सीधा है जो हर तरफ नफरत और डर का माहौल है, संस्थाओं की हालत खराब है. गाय पर राजनीति गलत है. विकास पर नहीं, बल्कि मंदिर-मस्जिद, श्मशान-कब्रिस्तान, भारत-पाकिस्तान, बनाने वाले को पीएम नहीं बनाना है. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को पीएम बनाना चाहती है. थर्ड फ्रंट क्या चाहती है वो अपना देखे. मुझे नहीं पता.
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