Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019“राहुल का मिनिमम इनकम स्कीम जुमला नहीं,गरीबों की मदद की गारंटी है”

“राहुल का मिनिमम इनकम स्कीम जुमला नहीं,गरीबों की मदद की गारंटी है”

क्या चुनाव से पहले ये एक हवा हवाई ऐलान है?

शादाब मोइज़ी
वीडियो
Updated:
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन प्रवीण चक्रवर्ती
i
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन प्रवीण चक्रवर्ती
(फोटो: शादाब मोइज़ी)

advertisement

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 28 जनवरी 2019 को छत्तीसगढ़ की एक रैली में एक ऐसा ऐलान कर दिया है, जिसकी हर तरफ चर्चा शुरू हो चुकी है. राहुल गांधी ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) के तहत हर गरीब को न्यूनतम आमदनी देने जा रही है.

ऐसे में राहुल गांधी के इस ऐलान को बेहतर समझने के लिए हमने कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन प्रवीण चक्रवर्ती से बात की. प्रवीण के मुताबिक इस स्कीम का बेसिक आईडिया ये है कि हिंदुस्तान के हर परिवार के पास बेसिक इनकम होना ही चाहिए. इसका मतलब ये हुआ कि जो परिवार न्यूनतम आय से नीचे हैं उन्हें एक इनकम सपोर्ट मुहैया कराया जाए.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

प्रवीण उदाहरण देकर समझाते हैं,

अगर मान लीजिये कि हर परिवार के लिए बेसिक इनकम एक लाख रुपये प्रति साल होना चाहिए और मान लीजिये कि 5 या 10 करोड़ परिवार के पास एक लाख रुपये प्रति साल बेसिक इनकम भी नहीं है. ऐसे में ये मिनिमम इनकम गारंटी इन 5 करोड़ परिवारों के लिए होगा. मिनिमम इनकम गारंटी ये सुनिश्चित करेगा कि हर हिंदुस्तानी परिवार कम से कम एक नियमित आमदनी पा रहा है और अगर वो नहीं पा रहे हैं तो उन्हें इस स्कीम के जरिए एक सपोर्ट किया जाएगा.
प्रवीण चक्रवर्ती, चेयरपर्सन, डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट कांग्रेस

क्या चुनाव से पहले ये एक हवा हवाई ऐलान है?

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बेसिक इनकम गारंटी का वादा किया है, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये सिर्फ एक जुमला है? प्रवीण चक्रवर्ती कहते हैं,

ये जुमला नहीं है. मैं ये आपको बता सकता हूं कि ये एक आईडिया है यूनिवर्सल बेसिक इनकम जिसपर दुनिया भर में पिछले कई सालों में काफी चर्चा होती रही है. अलग-अलग विचारधारा के होने के बाद भी लगभग सभी अर्थशास्त्री बेसिक इनकम स्कीम की जरूरत पर सहमति जता चुके हैं. ये भारत में कोई चुनाव से जुड़ा मुद्दा नहीं है, इस आईडिया पर चर्चा होती आ रही है. यहां तक कि मोदी सरकार के चीफ इकनॉमिक एडवाइजर डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम ने 2017 के इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट मेंबताया था कि भारत में भी यूनिवर्सल बेसिक इनकम जैसी स्कीम भी लेकर आना चाहिए. लेकिन हमको मिला नोटबंदी और अब कांग्रेस पार्टी हर भारतीय परिवार से ये वादा कर रही है कि उन्हें मिनिमम इनकम गारंटीऔर सपोर्ट स्कीम देंगे.                                   

स्कीम लागू करना क्यों है चुनौतीपूर्ण?

भारत में यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम लागू करना किसी भी सरकार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि देश में ऐसे लाखों लोग हैं, जिनके पास कोई पहचान पत्र या बैंक अकाउंट नंबर नहीं है. ऐसे में इन लोगों की पहचान करना और उन्हें सुविधा का फायदा पहुंचाना एक लंबा प्रोसेस है.

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी का बड़ा ऐलान, गरीबों को न्यूनतम आय की गारंटी

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Feb 2019,09:24 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT