मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बिहार: तेजस्वी यादव के खिलाफ ED-CBI, फिर भी BJP के खिलाफ डटकर खड़ी RJD

बिहार: तेजस्वी यादव के खिलाफ ED-CBI, फिर भी BJP के खिलाफ डटकर खड़ी RJD

CBI ने तेजस्वी यादव के खिलाफ दिल्ली कोर्ट में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. 15 जुलाई को अदालत में उपस्थित होना होगा.

आईएएनएस
नजरिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>बिहार: तेजस्वी यादव के खिलाफ ED-CBI, फिर भी BJP के खिलाफ डटकर खड़ी RJD</p></div>
i

बिहार: तेजस्वी यादव के खिलाफ ED-CBI, फिर भी BJP के खिलाफ डटकर खड़ी RJD

(फोटोः क्विंट हिंदी)

advertisement

बिहार (Bihar) के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं. उन पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में गिरफ्तारी का खतरा भी मंडरा रहा है. तेजस्वी यादव अपने परिवार के सदस्यों के साथ विदेश के दौरे पर हैं. एक-दो दिनों में उनके भारत लौटने की उम्मीद है. सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ नई दिल्ली में राउज एवेन्यू स्पेशल कोर्ट में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. उन्हें 15 जुलाई को अदालत में उपस्थित होना होगा.

आरोपपत्र के बाद बीजेपी नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. जबकि, इस मांग के खिलाफ आरजेडी का कड़ा रूख है.

तेजस्वी यादव के पिता और आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने पटना में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि

कई आरोप पत्र आए और गए लेकिन, हम यहां खड़े हैं और केंद्र से नरेंद्र मोदी को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं. वह अब फिट हैं और नरेंद्र मोदी के लिए फिट होंगे.

2020 में दिखी थी तेजस्वी की ताकत

तेजस्वी यादव पर एजेंसियों के दबाव के बीच लालू यादव का बयान काफी मायने रखता है. वह लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं. तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में हुए 2020 के चुनावों में अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाई थी. उन्होंने अकेले दम पर बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी से मुकाबला किया था. चुनावी नतीजों में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

दूसरी तरफ, कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि

सीबीआई की पूरक चार्जशीट कोर्ट में टिक नहीं पाएगी, क्योंकि वह पहले भी दो बार तेजस्वी यादव को क्लीन चिट दे चुकी है. उन पर पहली बार 2017 में IRCTC जमीन के बदले नौकरी मामले में आरोप लगाया गया था और वह बेदाग निकले थे.

CBI के पास तेजस्वी के खिलाफ क्या है?

पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट अरुण कुमार कहते हैं कि यह देखना दिलचस्प होगा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई के पास क्या नए सबूत हैं. जब नौकरी के बदले जमीन का मामला हुआ था, तो उस वक्त तेजस्वी यादव 19 साल के थे.

यहां एक नैरेटिव है कि तेजस्वी यादव नौकरी के बदले जमीन घोटाले के लाभार्थियों में से एक हैं और नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में उनका 150 करोड़ रुपये का बंगला इसी तरह से हासिल किया गया था.

अगर ऐसा है तो फिर CBI ने उन्हें पहले ही क्लीन चिट क्यों दे दी और उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया? यह प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लिए एक मामला हो सकता है, जहां यह पूछा जाएगा कि जिस कंपनी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव हैं, उसे कैसे हासिल किया?

उनका कहना है कि

मैंने बंगले के कागजात नहीं देखे हैं. मीडिया में चर्चा है कि तेजस्वी यादव की कंपनी ने बंगले को महज 4 लाख रुपये में हासिल किया है. अगर यह सच है तो उस पर सर्किल रेट के उल्लंघन से जुड़ा केस दर्ज हो सकता है. सर्कल रेट का मूल्य जुर्माने के साथ कोर्ट में जमा किया जा सकता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पार्टी की कानूनी टीम काम कर रही है और उसे स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.

आरजेडी के प्रवक्ता का कहना है कि

पूरक आरोपपत्र लालू प्रसाद यादव के उस बयान की प्रतिक्रिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह फिट हो जाएंगे और वह नरेंद्र मोदी को फिट कर देंगे. केंद्रीय एजेंसियां नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम कर रही हैं. तेजस्वी यादव और विपक्षी दलों के अन्य नेताओं को निशाना बना रही हैं. मोदी सरकार नहीं चाहती कि कोई भी नेता उनके खिलाफ बोलें. अगर कोई नेता उनके खिलाफ बोलता है तो वह उसे निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं.

क्या है BJP का नैरेटिव?

दूसरी तरफ, इस मुद्दे को उठाकर बीजेपी नेता ऐसा नैरेटिव सेट कर रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव का परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मांग की है कि सीएम नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को तुरंत उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करें.

सुशील मोदी ने चारा घोटाले में आरोपपत्र दायर होने पर लालू यादव पर नीतीश कुमार के रुख का जिक्र भी किया, जब उन्होंने लालू यादव को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी.

नीतीश जी बिहार के मुख्यमंत्री हैं और भ्रष्टाचार के प्रति उनकी जीरो टॉलरेंस नीति है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब लालू यादव पर चारा घोटाले में आरोप पत्र दायर किया गया था, तब उनके रुख को याद रखें. अब, तेजस्वी यादव पर IRCTC जमीन के बदले नौकरी घोटाले में आरोप पत्र दायर किया गया है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वो उनकी रक्षा करेंगे या उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करेंगे.

सुशील कुमार मोदी का यह भी कहना है कि इस घोटाले से संबंधित दस्तावेज JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए थे. तेजस्वी यादव एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं, जिसने नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में सिर्फ 4 लाख रुपये में चार मंजिला इमारत खरीदी थी. इमारत की बाजार कीमत 150 करोड़ रुपये है. CBI ने तेजस्वी यादव के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया और दावा किया कि उन्होंने आईआरसीटीसी जमीन के बदले नौकरी घोटाले से इमारत खरीदी थी.

सुशील मोदी ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ पूरक परिवर्तन पत्र का विपक्षी एकता बैठक से कोई लेना-देना नहीं है. लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी पर पहले ही आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है.

दरअसल तेजस्वी यादव, लालू यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, राबड़ी देवी और अन्य पर IRCTC घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप हैं. CBI ने 2017 में तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ एफआईआरFIR दर्ज की थी. जबकि, कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2018 को उन्हें जमानत दे दी थी.

IRCTC जमीन के बदले नौकरी घोटाला 2004 और 2009 के बीच हुआ था. उस वक्त लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. उनके कार्यकाल में दो होटलों को बिना नियमों का पालन किए लीज पर दे दिया गया. इनमें से एक होटल लालू प्रसाद यादव के करीबी प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता को आवंटित किया गया था. उस वक्त वह राज्यसभा सांसद भी थे.

इस मामले में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के अलावा प्रेम गुप्ता, सरला गुप्ता, रेलवे अधिकारी राकेश सक्सेना और पीके गोयल भी आरोपी थे.

पहला केस: लाल बाबू राय ने अपनी 1360 गज जमीन 13 लाख रुपये में राबड़ी देवी को बेच दी और उनके बेटे लालचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिल गई.

दूसरा केस: विशिनदेव राय ने अपनी 3375 वर्ग फीट जमीन ललन चौधरी को बेच दी थी। बाद में वही जमीन हेमा यादव को गिफ्ट की गई। ललन चौधरी के बेटे पिंटू कुमार को रेलवे में नौकरी मिल गई।

तीसरा केस: पटना के रहने वाले संजय राय ने अपनी 3375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को 3.75 लाख रुपये में बेची थी. संजय राय और उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिल गई.

चौथा केस: हजारी राय ने अपनी 9527 वर्ग फुट जमीन एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी थी. 2014 में राबड़ी देवी कंपनी की मालिक बन गईं. हजारी राय के दो भतीजे दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिल गई.

(ये आर्टिकल IANS से लिया गया है. क्विंट हिंदी इस आर्टिकल के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT