मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चरणजीत सिंह चन्नी: पंजाब के 'पैचवर्क रोड' विवाद से लेकर 'पैचवर्क CM' तक

चरणजीत सिंह चन्नी: पंजाब के 'पैचवर्क रोड' विवाद से लेकर 'पैचवर्क CM' तक

चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के मुख्यमंत्री बनाने में भाग्य और राजनीति दोनों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई

आरिश छाबड़ा
नजरिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>चरणजीत सिंह चन्नी,&nbsp;मुख्यमंत्री,&nbsp;पंजाब</p></div>
i

चरणजीत सिंह चन्नी, मुख्यमंत्री, पंजाब

क्विंट

advertisement

पंजाब ( Punjab) के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के लिए जितने शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनमें से 'पैचवर्क' शायद सबसे अजीब है. इस शब्द का उल्लेख पंजाब में कई लोगों को या तो हंसाता है या उनके साथ सहानुभूति रखता है. इस शब्द से वो कई बार पंजाबी सोशल मीडिया पर मजाक का पात्र भी बन गए.

'पैचवर्क' की टिप्पणी 2016 के मार्च की है, जब चन्नी पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे और शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (SAD-BJP) गठबंधन सत्ता में था. चन्नी के लिए वो दिन काफी अशुभ था.

चन्नी ने इस दिन बजट में एक आक्रामक भाषण दिया जिसके बाद उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और उनके सहयोगी चन्नी के दुश्मन बन गए.

सुखबीर ने चन्नी को 2002-07 के कांग्रेस शासन की एक उपलब्धि बताने की चुनौती दी, जिस पर चन्नी ने उत्साह से जवाब दिया, "पंजाब की सभी सड़कों पर पैचवर्क".

इसके बाद सब हंसने लगे और चन्नी ने जो कुछ भी कहा, वो हंगामे में खो गया. वीडियो वायरल हो गया, और "पैचवर्क" अटक गया, जिसे अब किसी दूसरे संदर्भ में फिर से याद किया जा रहा है. बहुत से लोग मानते हैं कि दलित नेता चन्नी कांग्रेस द्वारा अस्थायी "पैचवर्क" हैं, क्योंकि उन्होंने जाट सिख नवजोत सिंह सिद्धू के लिए मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह को हटा दिया है, जो अगले साल फिर से पंजाब जीतने पर बागडोर संभाल सकते हैं.

वास्तु, सिक्का उछालना, और भाग्य

चन्नी के उभरने की परिस्थितियां जो भी हों कोई कुछ नहीं कर सकता, लेकिन हैरानी की बात है कि भाग्य ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई. 2017 में, चन्नी ने एक हाथी को खरार में अपने घर लाने की व्यवस्था की और फिर उसे कथित तौर पर अच्छे भाग्य के लिए अपने लॉन पर सवार कर दिया. तस्वीर अभी भी इंटरनेट पर कहीं न कहीं मौजूद है. चार साल बाद वो कार से राजभवन गए.

यह देखते हुए कि चन्नी पर फैसला लेने से पहले कांग्रेस नामों के बीच कैसे घूमती रही, पंजाबी सोशल मीडिया पर कई लोगों को यह भी याद दिलाया गया कि कैसे चन्नी ने एक बार दो उम्मीदवारों के बीच फैसला सिक्का उछाल कर किया था.

जब चन्नी तकनीकी शिक्षा मंत्री थे, तब दो लेक्चरर एक ही पॉलिटेक्निक में पद पाना चाहते थे, लेकिन एक ही पद था. चन्नी ने एक सिक्का उछाला, वीडियो वायरल हो गया. बाद में एक सरकारी प्रवक्ता ने इसे "एक्सरसाइज" बताकर चन्नी का बचाव किया.

चन्नी की किस्मत और ऐसी ही दूसरी चीजों पर भरोसा यहीं खत्म नहीं होता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

2017 में अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री बनाए जाने के तुरंत बाद चन्नी को चंडीगढ़ में मैनीक्योर सेक्टर 2 में उनके आधिकारिक आवास के 'वास्तु' की चिंता हो गई. घर में प्रवेश पश्चिम से था. ज्योतिषी ने बताया था कि इससे सफलता नहीं मिलेगी. एक पार्क खोदा गया और पूर्व से एक नया एंट्री गेट बनाया गया. यह केवल चन्नी के महसूस करने के लिए किया गया कि चंडीगढ़ पूरा पंजाब नहीं है.

स्थानीय मीडिया और पड़ोस में मुखर चाचाओं के कुछ दबाव के बाद चंडीगढ़ प्रशासन हरकत में आया और इसे ध्वस्त कर दिया.

लेकिन चन्नी कोई असामान्य नहीं हैं

सच कहें तो, चन्नी कोई असामान्य नहीं है. मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत यह घोषणा करते हुए की कि वह एक 'आम आदमी' हैं. इसलिए, भाग्य, ज्योतिष और वास्तु में उनका विश्वास असामान्य नहीं है.

लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में चन्नी के बगल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी बैठे थे, जो जहां भी जाते थे, एक छोटे से सोने के डिब्बे में एक शिव मंदिर ले जाते थे, अक्सर शुरू करने से पहले टेबल पर रख देते थे.

अपने ज्योतिषी की सलाह पर चलने के लिए जाने जाने वाले सिद्धू को कुछ सिख संगठनों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा, जिन्होंने उन पर सिख धर्म में मनाही वाले विश्वासों का प्रचार करने का आरोप लगाया था.

बहरहाल, चन्नी और सिद्धू के लिए सब अच्छा चल रहा है. शायद यह किस्मत है या स्मार्ट राजनीति. पिछले कुछ दिनों में पंजाब में हालात कैसे बदल गए हैं, इसे देखते हुए सच में अंतर बताना मुश्किल है.

अभी के लिए, देश में एकलौते दलित मुख्यमंत्री के रूप में, चन्नी खुद से कहीं ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और ये सिर्फ भाग्य का एक स्ट्रोक नहीं है.

(लेखक एक पत्रकार हैं, जिन्होंने चंडीगढ़ और नई दिल्ली में प्रमुख समाचार आउटलेट्स के लिए काम किया है. वह वर्तमान में बेनेट विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के सहायक प्रोफेसर हैं. लेखक से aarishc@gmail.com और ट्विटर @aarishc पर संपर्क कर सकते हैं.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 21 Sep 2021,09:17 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT