मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019समुद्री विमान से इंडो-पैसिफिक तक: भारत को फ्रांस से दोस्ती में मजबूती की उम्मीद

समुद्री विमान से इंडो-पैसिफिक तक: भारत को फ्रांस से दोस्ती में मजबूती की उम्मीद

फ्रांस के साथ दोस्ती भारत के लिए विश्व के अलग-अलग ताकतों के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने का हिस्सा है.

मनोज जोशी
नजरिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>समुद्री विमान से इंडो-पैसिफिक तक: भारत को फ्रांस से दोस्ती में मजबूती की उम्मीद</p></div>
i

समुद्री विमान से इंडो-पैसिफिक तक: भारत को फ्रांस से दोस्ती में मजबूती की उम्मीद

null

advertisement

14 जुलाई को फ्रांस के 'बैस्टिल डे परेड' के मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा (PM Modi France Visit) उनकी सरकार के "मल्टी-अलाइनमेंट" नीति पर फोकस के मुताबिक ही है, जैसा कि सर्वविदित है. फ्रांस, नाटो का सदस्य है, हालांकि वो "रणनीतिक स्वायत्तता" पर जोर देता है. यह इस तरह का दूसरा मौका है. इससे पहले साल 2009 में डॉ. मनमोहन सिंह को भी 'बैस्टिल डे परेड' पर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था.

14 जुलाई 1789 को पेरिस में बैस्टिल के किले का पतन हुआ था और इसे फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसका जश्न इस तारीख को हर साल मनाया जाता है. इस अवसर पर एक भव्य सैन्य परेड होता है.

इस बार, 2009 की तरह, एक भारतीय सैन्य दल होगा, जिसमें पैदल सेना के लोग और उनके साथ एक सैन्य बैंड शामिल होगा. इस तरह की खबरें हैं कि IAF राफेल फ्लाईपास्ट का हिस्सा होगा.

भारत-फ्रांस की डिफेंस पार्टनरशिप  

हाल-फिलहाल में टॉप लेवल के रक्षा सौदों की "परंपरा" को ध्यान में रखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि भारत और फ्रांस भारतीय नौसेना विक्रांत (जो पूरी तरह से स्वदेशी है) के लिए 24-30 राफेल समुद्री विमानों की सप्लाई के लिए एक सौदे को अंतिम रूप दे सकते हैं. इस विमान को अमेरिकी एफए 18 सुपर हॉर्नेट के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद शॉर्टलिस्ट किया गया है.

फ्रांसीसी विमान के पक्ष में जो बात जाती है वो यह है कि साल 2015 में पीएम मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान भारत ने जो 36 राफेल हासिल किए थे. उसके साथ यह 80 प्रतिशत तक कम्पैटेबल है. रखरखाव और मरम्मत के अलावा, यह कॉम्पैटिबिलिटी स्टाफ की ट्रेनिंग में भी मददगार होगी.

फ्रांस के साथ भारत के रिश्ते सभी ग्लोबल प्लेयर्स के साथ बेहतर संबंध बनाने और भारतीयों हितों को आगे बढ़ाने की अहम रणनीति का ही हिस्सा है. जहां तक फ्रांस की बात है तो इसके भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. 

पेरिस ने कश्मीर पर व्यापक रूप से भारत का समर्थन किया है. इतना ही नहीं साल 1998 में जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो फ्रांस ही कुछ गिने चुने देशों में एक था जिन्होंने भारत पर प्रतिबंध लगाने से इनकार किया था.

भारत-फ्रांस संबंध भी तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग और महत्वपूर्ण हथियारों के लेनदेन के संबंधों पर बने हैं.

यह 1950 के दशक से चला आ रहा है. यह रिश्ता 36 राफेल लड़ाकू जेट के लिए 2015 की डील और अप्रैल 2022 में भारत में निर्मित छह स्कॉर्पीन श्रेणी की आखिरी पनडुब्बियों के लॉन्च से और मजबूत हुआ है.    

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा कि भारत के साथ फ्रांस के संबंधों को अब को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन से आगे बढ़कर ज्वाइंट डेवलपमेंट की ओर ले जाने की जरूरत है. हालांकि, यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, क्योंकि भारतीय और फ्रांसीसी टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल कल्चर एक दूसरे से काफी अलग हैं. 

याद करें कि कुछ साल पहले डसॉल्ट ने HAL के बनाए गए किसी भी राफेल लड़ाकू विमान के लिए वारंटी देने से इनकार कर दिया था. नतीजा ये हुआ कि प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गया. भारत को 36 राफेल विमान ऑफ-द-शेल्फ खरीदने पड़े.  

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इंडो-पैसिफिक (हिंद महासागर) में रक्षा सहयोग

भारत-फ्रांस संबंधों का एक दूसरा पहलू पश्चिमी हिंद महासागर में सुरक्षा सहयोग है. फ्रांस यहां एक इंडो-पैसिफिक शक्ति है और उसने हाल ही में इस क्षेत्र में अपनी दिलचस्पी बढ़ाई है. यह यूरोपीय संघ की इंडो-पैसिफिक रणनीति को भी आगे बढ़ा रहा है.

अमेरिका के साथ भारत के सुरक्षा सहयोग का मुख्य जोर अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के भौगोलिक इलाकों पर है, जिसमें केवल भारत के पश्चिमी तट शामिल हैं, लेकिन भारत के लिए, समुद्री सुरक्षा के लिए अरब सागर उसकी प्रमुख चिंता का विषय है. यहां जिबूती, संयुक्त अरब अमीरात, रीयूनियन और मैयट द्वीप में मजबूत फ्रांसीसी बेस है. इसलिए फ्रांस एक अहम पार्टनर है.  

जो चीज बहुत अधिक मालूम नहीं है वह है हिंद और प्रशांत महासागरों में फ्रांस के विशेष आर्थिक क्षेत्र का विशाल आकार और वहां समुद्री सुरक्षा में उसकी रुचि. हिंद महासागर की सतह का दस प्रतिशत हिस्सा फ्रांस का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र है.

भारत और फ्रांस अपने द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'वरुण' से एक साथ जुड़े हैं जिसका 20वां संस्करण पिछले साल अक्टूबर में हुआ था. भारतीय, फ्रांसीसी और संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले महीने की शुरुआत में अपना पहला त्रिपक्षीय अभ्यास आयोजित किया. पिछले साल, भारत पहली बार तीन अन्य क्वाड देशों- अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ फ्रांसीसी प्रमुख नौसैनिक अभ्यास, ला पेरोस में शामिल हुआ था. 

रणनीतिक स्वायत्तता

दरअसल, 2018 में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने सुझाव दिया था कि भारत, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया इंडो-पैसिफिक में अपने हितों को बढ़ावा देने के लिए एक त्रिपक्षीय समूह बनाएं.

राष्ट्रपति मैक्रॉन की नई दिल्ली यात्रा के दौरान, भारत और फ्रांस ने अपने संबंधों को दिशा प्रदान करने के लिए एक प्रकार के रोडमैप के रूप में "हिंद महासागर में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण" पर हस्ताक्षर किए.

अमेरिकी पार्टनरशिप की तरह ही, इस यात्रा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने काफी काम किया है. वो पिछले चार वर्षों में कई बार फांसीसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इमैनुएल से मिल चुके हैं.

पीएम मोदी पिछले साल अपने यूरोपीय दौरे के तहत पेरिस गए थे. उस समय, यह स्पष्ट था कि रणनीतिक स्वायत्तता के मुद्दे पर भारत और फ्रांस के बीच महत्वपूर्ण सहमति थी. यूक्रेन पर स्पष्ट मतभेद था, जो यात्रा के बाद संयुक्त वक्तव्य में भी साफ साफ दिखा था.

फिर भी, उस समय, विदेश सचिव वीएम क्वात्रा ने अपनी यात्रा के बाद की ब्रीफिंग में कहा था कि न केवल दोनों देश "मजबूत रणनीतिक साझेदार" थे, बल्कि मोदी और मैक्रॉन "अच्छे दोस्त भी हैं."

(लेखक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में फेलो हैं.  यह एक ओपीनियन आर्टिकल है. इसमें व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं और द क्विंट ना तो इन विचारों को एंडोर्स करता है ना ही इसके लिए जिम्मेदार है.)  

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 12 Jul 2023,12:40 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT