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ओयो (OYO) अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है. ओला (Ola) यही कर रहा है. जोमैटो (Zomato) भी इसी रास्ते पर है. उबर का भी यही हाल है. मुझे अभी-अभी ट्विटर के स्क्रीन शॉट मिले हैं जिसमें तथाकथित यूनिकॉर्न्स में की जा रही छंटनी की तस्वीर दिखाई देती है, यानी वहां जो बिलियन डॉलर या उससे भी अधिक के स्टार्टअप्स हैं. इसके बारे में नकारात्मक हास्य वाला यह प्रश्न मुझे बहुत अच्छा लगा कि कैसे एक कंपनी जिसने सैकड़ों मिलियन डॉलर की फंडिंग इकट्ठा की, कुछ महीने भी अपने कर्मचारियों को सेवा में नहीं रख सकी. जो बात मुझे अच्छी नहीं लगी वो ये कि ट्विटरबाजों ने ताबड़तोड़ प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी कि कभी पोस्टर ब्वॉय रहे स्टार्टअप फाउंडर कैसी नैतिक गिरावट आ गई है.
ये है समस्या : मुझे दोनों ओर पाखंड और मूर्खता का मिश्रण दिखाई देता है लेकिन मेरी पहली सलाह उन लोगों के लिए है जो सोचते हैं कि स्टार्टअप जॉब ही ड्रीम जॉब है. सच्चाई यह है कि वे ड्रीम जॉब माने जाते हैं लेकिन उनमें एक नयी कंपनी या सामान्यतया एक नए उद्योग का आकार लेने की कोशिश करते स्टार्टअप में मिलने वाला जोखिम हमेशा रहता है.
‘विध्वंसक’ शब्द आकर्षक बन गया है लेकिन ऐसा क्यों है कि ‘विध्वंसक’ उद्योगों और कंपनियों के कर्मचारी खुद ‘विध्वंस’ होना पसंद नहीं करते? दो लोग इस खेल को खेल सकते हैं और कई बार विध्वंसक आपका प्रतिस्पर्धी नहीं होता, ब्लकि प्रकृति होती है, जैसा कि कोविड-19 के बाद वाली दुनिया में देखने को मिला है.
अगर RISK चार अक्षरों वाला शब्द है तो स्टार्ट जॉब का बखान बंद कीजिए.
अगर आप यह नहीं जानते तो बड़े बेवकूफ हैं
अब उन कर्मचारियों के लिए जो स्टार्टअप के पोस्टर ब्वॉय संस्थापकों पर सवाल उठाते हैं: इस धोखे को हर संभव तरीके से उजागर करना चाहिए. चार दशक पहले आईटी क्रांति शुरू होने के बाद से यह फैशन बन चुका है ताकि ज्ञानवान कर्मचारियों का महिमामंडन और उनके जुनून व बौद्धिक संपदा के गुण गाए जा सकें. वास्तव में यह मोटिवेशन की रणनीति का हिस्सा है जिसमें कोई आपको यह नहीं बताता कि यहां से गिरने के खतरे क्या हैं. कम से कम म्युचुअल फंड्स आपको बारीकियों में बताते तो हैं कि दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें. ‘रेड हेरिंग’, जिसके नाम से सिलिकॉन वैली की बिजनेस मैगजीन का नाम पड़ा, एक ऐसा संदर्भग्रंथ है जो किसी आईपीओ की संभावना को लेकर समूचा ब्योरा देता है जिसमें नुकसान पहुंचाने वाले जोखिम का विवरण भी शामिल होता है.
दुर्भाग्य से कर्मचारियों के लिए कोई ‘रेड हेरिंग’ नहीं है. एक ऐसा होना चाहिए. मैं एक छोटे से वाक्य से शुरू करना पसंद करूंगा : “आप जोखिम के लिए तैयार हैं”.
स्टार्टअप कर्मचारी जब तक कि बहुत समझदार न हों , उन किशोरों की तरह लगाव को प्यार समझ बैठते हैं. हम एक अजीब दौर में जी रहे हैं जहां युवा अपने रिलेशनशिप स्टेटस के बारे में तो सावधान रहते हैं लेकिन करियर में लगाव को ले आते हैं. वास्तव में यह बिल्कुल वही बात है. दिल टूटना दिल का टूटना है चाहे वह काम हो या संबंध.
जागें और कॉफी का स्वाद लें. शोरगुल वाले स्टार्ट अप दफ्तर में मुफ्त वाली नहीं, बल्कि ऐसी कॉफी जिसके लिए आपने पैसे चुकाए हों. जिन्दगी स्टारबक्स (अमेरिकी ग्लोबल कॉफी कंपनी) लॉन्ज की तरह नहीं होती.
लेकिन स्टार्ट अप के मूल्यांकन की समस्या वास्तविक है. यह वह दौर है जब स्मार्ट अलेक फाउंडर्स (संस्थापक उद्यमी) अपने उत्सुक युवा कर्मचारियों को चांद का वादा कर रहे और निवेशक संस्थापक के साथ भी यही कर रहे हैं. यूनिकॉर्न का मूल्यांकन उस खेल का हिस्सा है जिसमें संभावित मूल्य के दाहिनी ओर कई शून्य जोड़ दिए जाते हैं. यह मोटिवेशनल स्ट्रैटेजी यानी प्रेरक रणनीति का हिस्सा होता है : इसका एक हिस्सा उत्साहित कर्मचारियों और संस्थापकों के लिए होता है और एक हिस्सा मीडिया समूह (जिनमें कई युवा और ख्वाब देखने वाले होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे इनके कर्मचारी) को प्रभावित करने के लिए होता है. आप देखते हैं कि वे पहले ग्राहक द्वारा चेक साइन करने या डिजिटल पेमेंट देने से बहुत पहले ही किसी आईपीओ या अधिग्रहण के लिए कॉरपोरेट ब्रांड तैयार करना शुरू कर देते हैं.
रिकॉर्ड के लिए सिलिकॉन वैली उसी राज्य में है जहां हॉलीवुड है. शो बिजनेस, होटल कैलिफोर्निया. बात को समझिए. आईपीओ के लिए होने वाले रोडशोज किसी ब्यूटी परेड या एक्टर ऑडिशन्स से अलग नहीं होते. सिलिकॉन पैकेज में सीईओ का स्थान फिल्मी हस्तियों की तरह होता है. पत्रकार तेजतर्रार हो तो वो तोड़ी मेहनत कर इसका पता लगा लेता है जैसे किसी ने पता लगा लिया था कि सॉफ्ट बैंक की OYO रणनीति दरअसल को बचाने की कोशिश थी.
जोखिम लेने वाले पूंजीपति विशालकाय मछली होते हैं. कभी वे ह्वेल्स, तो कभी शार्क होते हैं. आप अक्सर उनके मुंह के अंदर नहीं देख पाते जो बहुत बातें करते रहते हैं. सीईओ/फाउंडर बड़ी मछलियां होती हें. कर्मचारी छोटी मछलिया हैं जिन्हें अक्सर बड़ी मछलियां होने का अहसास कराया जाता है ताकि वे तेजी से तैर सकें. ज्यादा हो गया क्या? तो आप उस व्यक्ति से क्या उम्मीद रखते हैं जिसने डॉटकॉम का बुलबुला देखा है?
अक्सर निवेशक निवेश और फिर बाहर निकलने में 3 से 5 साल का समय लेते हैं. बड़े जोखिम लेने वाले बड़े निवेशकों के लिए वेंचर फंड्स अक्सर महज म्यूचुअल फंड्स की तरह होते हैं. उनका खेल बड़ा जटिल होता है. एक आदर्श दुनिया में बड़े वेंचर फंड्स आशावादी कंपनियां तैयार कर भविष्य के निवेशकों के लिए जोखिम कम कर देते हैं.
लेकिन अगर आप एक आम लड़का या लड़की हैं जो सिर्फ कंपनी की चमक दमक देखकर उसमें जाना चाहते हैं ताकि आपका लिंक्ड इन प्रोफाइल चमक जाए तो दोबारा सोचें. संकेत : जिन कंपनियों में ग्रोथ की असली गुंजाइश होती है वो बखान नहीं करतीं.
इस बीच याद रखें कि कौशल, प्रतिबद्धता, जोखिम की भूख और सतर्कता ही वास्तव में स्टार्टअप्स को अलग बनाते हैं. अगर आप केवल ग्लैमर और रोमांच पसंद करते हैं, लेकिन अचानक पुराने फैशन वाले जॉब सिक्योरिटी की चाहत रखने लग जाते हैं तो कोशिश ये करें कि सुरक्षित क्षेत्र में रहें.
(लेखक एक वरिष्ठ पत्रकार हैं जिन्होंने रॉयटर्स, द इकोनॉमिक टाइम्स, बिजनेस स्टैंडर्ड और हिंदुस्तान टाइम्स के लिए अर्थशास्त्र और राजनीति को कवर किया है. ट्विटर पर वह @madversity के साथ मौजूद हैं. ये उनके निजी विचार हैं. क्विंट उनके विचारों का समर्थन नहीं करता, न वह उनके लिए जिम्मेदार है)
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Published: 30 May 2020,08:58 PM IST