मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बजट 2019: आपके जेब के लिए क्या क्या मुमकिन है ये जरूर जान लीजिए

बजट 2019: आपके जेब के लिए क्या क्या मुमकिन है ये जरूर जान लीजिए

इनकम टैक्स लिमिट को मौजूदा 2.5 लाख से 3 लाख 

धीरज कुमार अग्रवाल
नजरिया
Updated:
i
null
null

advertisement

आने वाले अंतरिम बजट से जितनी उम्मीदें इस साल हैं, शायद पिछले बजट से भी नहीं रही होंगी. इन उम्मीदों को जगाने का काम वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस संकेत ने भी किया है कि अंतरिम बजट अर्थव्यवस्था की जरूरतों को देखकर बनाया जाएगा, वो पिछले अंतरिम बजटों की तरह लेखानुदान भर नहीं होगा. हालांकि अब अंतरिम बजट जेटली के बजाए पीयूष गोयल पेश करेंगे.

इसके अलावा आम चुनाव भी नजदीक हैं तो जाहिर है सरकार चुनावों की अधिसूचना जारी होने के पहले देश के सभी वर्गों को खुश करने की घोषणाएं करने से नहीं चूकेगी. माना जा रहा है कि अंतरिम बजट में खेती-किसानी के साथ-साथ मध्य वर्ग को ध्यान में रखकर बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं. ऐसे में पर्सनल फाइनेंस स्पेस में बड़ी राहत की उम्मीद जताई जा रही है.

बेसिक एक्जेंप्शन लिमिट में बदलाव

सबसे ज्यादा उम्मीदें आम जनता को इनकम टैक्स के लिए बेसिक एक्जेंप्शन लिमिट में बदलाव को लेकर है.

इस बात की काफी संभावना है कि सरकार सामान्य वर्ग के करदाताओं के लिए इस लिमिट को मौजूदा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दे

अगर ऐसा होता है तो फिर सीनियर सिटिजन और सुपर सीनियर सिटिजन के लिए एक्जेंप्शन लिमिट में भी उसी हिसाब से बदलाव आ जाएंगे. फिलहाल सीनियर सिटिजन (60-80 साल) के लिए बेसिक एक्जेंप्शन लिमिट 3 लाख रुपए और सुपर सीनियर सिटिजन (80 साल से ज्यादा) के लिए ये छूट सीमा 5 लाख रुपए है. कुछ जानकार इस बात की उम्मीद भी जता रहे हैं कि महिला करदाताओं की एक्जेंप्शन लिमिट को सरकार सामान्य वर्ग से थोड़ा ज्यादा रख सकती है या फिर उन्हें सीनियर सिटिजन की बराबरी पर लाया जा सकता है. वैसे इंडस्ट्री बॉडी सीआईआई ने सामान्य वर्ग के लिए बेसिक एक्जेंप्शन लिमिट को 2.5 लाख से दोगुना कर 5 लाख रुपए करने की मांग वित्त मंत्रालय से की है, लेकिन इस बात की संभावना कम है कि वित्त मंत्रालय इतनी बड़ी छूट देगा.

स्डैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी

पिछले साल सरकार ने सैलरीड क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का नियम फिर से लागू कर दिया था, और उन्हें सालाना 40,000 रुपए की छूट दी थी. हालांकि इसके एवज में उन्हें पहले से मिल रही कन्वेयंस अलाउंस और मेडिकल रिइंबर्समेंट की छूट वापस ले ली गई थी. इस वजह से सैलरीड क्लास को कुछ खास फायदा नहीं हुआ था. उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बार स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपए तक कर सकती है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सेक्शन 80सी की छूट सीमा में बढ़ोतरी

CII ने ये मांग भी की है कि सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली छूट सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया जाए. इससे ना केवल लोगों को टैक्स छूट मिलेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था में बचत और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा. उम्मीद की जा रही है कि सरकार 80सी की छूट सीमा को 2 लाख कर सकती है.

गौर करने वाली बात ये है कि बेसिक एक्जेंप्शन लिमिट और सेक्शन 80सी की छूट सीमा, इन दोनों में पिछली बढ़ोतरी मोदी सरकार ने ही की थी, जब उसने 2014-15 का अपना पहला बजट पेश किया था

इसके बाद पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में एक बड़ा बदलाव 2017-18 के बजट में हुआ था, जब ढाई लाख से पांच लाख इनकम वाले स्लैब में टैक्स की दर को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया था. जहां तक बात है 80सी की, तो इसके दायरे में सेविंग्स, लाइफ इंश्योरेंस और बच्चों की ट्यूशन फीस और होम लोन रिपमेंट जैसे खर्च भी आते हैं. लंबे समय से करदाताओं की मांग है कि महंगाई दर को देखते हुए 1.5 लाख रुपए की छूट सीमा काफी कम है और इसमें बढ़ोतरी की जानी चाहिए. चुनावी साल को देखते हुए इस अंतरिम बजट से करदाताओं की ये मांग पूरी होने की संभावना बढ़ गई है.

हाउसिंग लोन पर चुकाए ब्याज पर छूट सीमा में बढ़ोतरी

अंतरिम बजट में इस बात की उम्मीद भी है कि सरकार हाउसिंग लोन पर चुकाए गए ब्याज के एवज में मिलने वाली छूट सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख कर दे. फिलहाल ये सीमा 2 लाख रुपए है, और इसमें भी पिछली बढ़ोतरी 2014-15 के ही बजट में हुई थी. सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल के मकसद को पूरा करने के लिहाज से भी छूट सीमा में ये बढ़ोतरी मददगार साबित हो सकती है. साथ ही, बड़े शहरों में घर खरीदने वालों के लिए होम लोन को इस कदम से थोड़ा और आकर्षक बनाया जा सकता है.

सीआईआई ने अपनी प्री-बजट सिफारिशों में वित्त मंत्रालय को ये भी कहा है कि वो पर्सनल इनकम टैक्स की अधिकतम दर को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने पर विचार करे

हालांकि इस बजट में ऐसा होना मुश्किल लगता है कि सरकार सीआईआई की सभी सिफारिशों को मंजूर कर ले, क्योंकि एक तरफ सरकार लोगों को आयकर के मोर्चे पर राहत तो देना चाहेगी, लेकिन वो ये बिलकुल नहीं चाहेगी कि वित्तीय घाटा सीमित रखने का उसका लक्ष्य हासिल ना हो, और टैक्स कलेक्शन में बड़ी गिरावट आ जाए. वैसे भी इनकम टैक्स नियमों में बदलाव के मकसद से सरकार ने डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) के लिए जो टास्क फोर्स बनाया था, उसकी रिपोर्ट 28 फरवरी को आने की उम्मीद है. ऐसे में नई सरकार पर ये जिम्मेदारी होगी कि वो इस रिपोर्ट को ध्यान में रखकर पूरे साल का बजट पेश करे. इसलिए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली से करदाताओं को ‘अंतरिम’ राहत की ही उम्मीद रखनी चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 25 Jan 2019,03:13 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT