जानी-मानी फूड डिलीवरी कंपनी Zomato स्टॉक मार्केट में खुद को लिस्ट कराने के लिए IPO ला रही है. IPO के जरिये कंपनी 9,375 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है. Zomato का कहना है कि आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए करेगी.
यह भारत का पहला यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन) स्टार्टअप बनेगा जो पब्लिक होने जा रहा है.
कब आ रहा है जोमैटो का IPO?
कंपनी ने अप्रैल महीने में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) SEBI के साथ फाइल किया था. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कंपनी को IPO लाने के लिए हरी झंडी दे दी है.
ताजा खबरों के मुताबिक कंपनी अपना IPO 14 जुलाई को मार्केट में लाएगी. इससे पहले 19 जुलाई को इश्यू जारी होने की संभावना थी.
प्राइस बैंड-
IPO में शेयर का प्राइस बैंड ₹72-₹76 का हो सकता है.
कंपनी के इन्वेस्टर्स को जाने:
कंपनी के वर्तमान इन्वेस्टर्स की लिस्ट में इंफोएज, Uber BV, अलीपे सींगापुर होल्डिंग, Antfin सिंगापुर होल्डिंग, टाइगर ग्लोबल, सेकुया कैपिटल, को- फाउंडर दीपिंदर गोयल इत्यादि के नाम शामिल है.
ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये इंफोएज, कंपनी में अपने हिस्सेदारी का 375 करोड़ रुपये का शेयर बेचेगी.
अनुमान लगाया जा रहा है जोमैटो का IPO हाल के सालों का सबसे बड़ा IPO होगा.
कंपनी अभी भी है घाटे में:
कोविड के समय ऑनलाइन फूड डिलीवरी बिजनेस में काफी बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का रेवेन्यू दोगुना हुआ है, हालांकि इसके बावजूद कंपनी प्रॉफिट बनाने में नाकाम रही है.
Swiggy के साथ कुछ और फूड डिलीवरी स्टार्टअपस के आ जाने से बाजार में प्राइसिंग कम्पटीशन देखने को मिल रहा है, इससे कंपनी को बिजनेस में प्रॉफिट की बजाए लॉस का हो रहा है. ये देखना दिलचस्प होगा जोमैटो कैसे अपनी फंडिंग का इस्तेमाल मार्केट में अपनी पकड़ बनाने के लिए करती है.
क्योंकि अभी जोमैटो घाटे वाली कंपनी है, इसमें रिटेल निवेशकों को कुल इश्यू का केवल 10% ही शेयर मिल सकेगा. नॉर्मल IPO में रिटेल निवेशकों के लिए आमतौर पर कंपनी के कुल इश्यू का 35% शेयर रखा जाता है.
कंपनी के बारे में:
जोमैटो ऑनलाइन फूड डिलीवरी स्टार्टअप है. डिलीवरी के अलावा यह वेबसाइट पर विभिन्न रेस्टोरेंट के मेन्यू भी उपलब्ध कराती है. जोमैटो वेबसाइट के अनुसार 2008 में शुरू होने वाली यह कंपनी वर्तमान में 24 देशों के करीब 10,000 शहरों में अपनी सेवा दे रही है. कंपनी के वर्तमान एम्प्लॉइज की संख्या करीब 5,000 है.
एक्सपर्ट क्या सोचते हैं?
मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल का कहना है कि "इस प्रकार की कंपनियां ग्राहकों को प्राप्त करने में सभी मुनाफे का निवेश करेगी और यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि उन्हें वास्तविक लाभ कब होगा"
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