Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagi ka safar  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अज्ञेय पुण्यतिथि विशेष: जो निर्माता रहे, इतिहास में बंदर कहलाएंगे

अज्ञेय पुण्यतिथि विशेष: जो निर्माता रहे, इतिहास में बंदर कहलाएंगे

पढ़िए अज्ञेय की कविताओं के अंश  

क्विंट हिंदी
जिंदगी का सफर
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(फोटो: Twitter)
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सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन. या सिर्फ अज्ञेय भर कहकर याद कर लें. एक कवि, कहानीकार, जीवनीकार, उपन्यासकार. या सिर्फ एक लेखक भर कहकर याद कर लें. जन्म 7 मार्च 1911 को कुशीनगर के पास कसया तहसील में हुआ. बचपन बीता लखनऊ और श्रीनगर में. ज्यादातर शुरुआती शिक्षा घर पर ही हुई. जवान हुए तो भारत की स्वाधीनता के लिए क्रांतिकारी आंदोलन से भी जुड़े.

एम. ए के आसपास का वाकया है जब बम बनाते हुए पकड़ लिए गए. 1930 के आखिर में भी अंग्रेजी राज के कैदखानों में उन्हें कुछ वक्त रहना पड़ा. अज्ञेय ने कविता, कहानी, उपन्यास, संस्मरण सब पर अपनी कलम चलाई और क्या खूब चलाई. वो एक ऐसे लेखक रहे जो बड़े गद्यकार हैं या बड़े कवि, इस पर बहस गाहे-बगाहे चलती रहती है.

वरिष्ठ हिंदी कवि केदारनाथ सिंह ने कुछ साल पहले बीबीसी के लिए लिखा:

किसी कवि के यहां अगर 40-50 श्रेष्ठ कविताएं मिल जाएं तो उसे बड़ा कवि माना जा सकता है. अज्ञेय के यहां इतनी श्रेष्ठ कविताएं हैं और उन्हें बड़ा कवि माना ही जाना चाहिए. जब अज्ञेय कविता करने जाते हैं तो सारे बंधन टूट जाते हैं और वे अपनी अनुभूति की कविता लिखने लगते हैं.
केदारनाथ सिंह, कवि

आज अज्ञेय की पुण्यतिथि के मौके पर पढ़िए उनकी कविताओं के कुछ चुनिंदा अंश-

(कार्ड: कनिष्क दांगी/क्विंट)
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(कार्ड: कनिष्क दांगी/क्विंट)
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(कार्ड: कनिष्क दांगी/क्विंट)
(कार्ड: कनिष्क दांगी/क्विंट)

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Published: 07 Mar 2018,01:06 PM IST

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