ADVERTISEMENTREMOVE AD

अज्ञेय पुण्यतिथि विशेष: जो निर्माता रहे, इतिहास में बंदर कहलाएंगे

पढ़िए अज्ञेय की कविताओं के अंश  

story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन. या सिर्फ अज्ञेय भर कहकर याद कर लें. एक कवि, कहानीकार, जीवनीकार, उपन्यासकार. या सिर्फ एक लेखक भर कहकर याद कर लें. जन्म 7 मार्च 1911 को कुशीनगर के पास कसया तहसील में हुआ. बचपन बीता लखनऊ और श्रीनगर में. ज्यादातर शुरुआती शिक्षा घर पर ही हुई. जवान हुए तो भारत की स्वाधीनता के लिए क्रांतिकारी आंदोलन से भी जुड़े.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एम. ए के आसपास का वाकया है जब बम बनाते हुए पकड़ लिए गए. 1930 के आखिर में भी अंग्रेजी राज के कैदखानों में उन्हें कुछ वक्त रहना पड़ा. अज्ञेय ने कविता, कहानी, उपन्यास, संस्मरण सब पर अपनी कलम चलाई और क्या खूब चलाई. वो एक ऐसे लेखक रहे जो बड़े गद्यकार हैं या बड़े कवि, इस पर बहस गाहे-बगाहे चलती रहती है.

वरिष्ठ हिंदी कवि केदारनाथ सिंह ने कुछ साल पहले बीबीसी के लिए लिखा:

किसी कवि के यहां अगर 40-50 श्रेष्ठ कविताएं मिल जाएं तो उसे बड़ा कवि माना जा सकता है. अज्ञेय के यहां इतनी श्रेष्ठ कविताएं हैं और उन्हें बड़ा कवि माना ही जाना चाहिए. जब अज्ञेय कविता करने जाते हैं तो सारे बंधन टूट जाते हैं और वे अपनी अनुभूति की कविता लिखने लगते हैं.
केदारनाथ सिंह, कवि

आज अज्ञेय की पुण्यतिथि के मौके पर पढ़िए उनकी कविताओं के कुछ चुनिंदा अंश-

पढ़िए अज्ञेय की कविताओं के अंश  
पढ़िए अज्ञेय की कविताओं के अंश  
ADVERTISEMENTREMOVE AD
पढ़िए अज्ञेय की कविताओं के अंश  
पढ़िए अज्ञेय की कविताओं के अंश  

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×